Koi Tum sa Nahi book and story is written by Mahi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Koi Tum sa Nahi is also popular in रोमांचक कहानियाँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कोई तुमसा नहीं - उपन्यास
Mahi
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
एक बड़े से आलीशान कमरे मे.... बिस्तर पर एक लड़की लेती हुई थी...... खिड़की के आती सूरज कि रौशनी उस लड़की के चेहरे पर पड़ने लगती है... और धीरे धीरे उस लड़की कि आँख भी खुलने लगती है.... " ये... ये कौन सी जगह है... और मैं यहाँ कैसे आई....?" वह लड़की चारो ओर देखते हुए खुद से सवाल करती है... वह रूम बहुत बड़ा था... लेकिन.... वह कमरा बहोत ही अजीब था उस कमरे मे कचड़े ही कचड़े फैले हुए थे.... ऐसा लग रहा था कि कमरे को कई महीनों से साफ नहीं किया गया हो, उस लड़की के लिए ये सब अनजान था उसे समझ नहीं आरहा था कि वह कहा है
एक बड़े से आलीशान कमरे मे.... बिस्तर पर एक लड़की लेती हुई थी...... खिड़की के आती सूरज कि रौशनी उस लड़की के चेहरे पर पड़ने लगती है... और धीरे धीरे उस लड़की कि आँख भी खुलने लगती है.... ...और पढ़ेये... ये कौन सी जगह है... और मैं यहाँ कैसे आई....? वह लड़की चारो ओर देखते हुए खुद से सवाल करती है... वह रूम बहुत बड़ा था... लेकिन.... वह कमरा बहोत ही अजीब था उस कमरे मे कचड़े ही कचड़े फैले हुए थे.... ऐसा लग रहा था कि कमरे को कई महीनों से साफ नहीं किया गया हो, उस लड़की के लिए...
यह सब सोचते हुए आरना ने अपना सर पकड़ लिया उसे अपने सर में दर्द महसूस हो रहा था... तो क्या बाथटब में डूब कर उसकी मौत हो गई थी... और उसका रीबर्थ गया था... वह भी एक नॉवेल ...और पढ़ेतभी एक बार फिर उसने अपना सर उठा कर आईने में देखा..... उसकी बॉडी व्हाइट और सॉफ्ट थी.... लेकिन उसके गालों पर एक जोरदार थप्पड़ के निशान थे, यह देख कर आरना नॉवेल की और भी डिटेल्स को याद करने लगी, गुस्से में आकर श्रेजा ने.. इनाय का किडनैप करवाया था.... और उसे गुंडो से भी पिटवाया था.. पर पता
श्रीजा सीडीओ पर खड़ी उन्हें बिना किसी भाव के देख रही थी वह पांचो आपस में हंसी मजाक कर रहे थे, अभी उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि श्रीजा उन्हें देख रही है। तभी इशिता की नजर सामने ...और पढ़ेश्रेजा पर जाते हैं.. वह अपने चेहरे पर नकली मुस्कान सजातेेेे हुए बोली " श्रेजा तुम वहांं क्यों... खड़ी हो आओ हमारे साथ नाश्ताा करो। " अब जाकर सभी का ध्यान श्रेजा की ओर गया, श्रेजा को देखते ही उनके चेहरे की मुस्कान एक पल में ही गायब हो गई , श्रेजा बिना किसी की ओर ध्यान दिए चुपचाप डाइनिंग
श्रेजा और सत्यम् एक छोटे से कैफे में बैठे हुए थे सत्यम कॉफी पी रहा था और श्रेजा चुपचाप बैठी हुई कुछ सोच रही थी।"श्रेजा क्याा मैं तुमसेेेेेेेे एक बात पूछूं?" सत्यम ने पूछा। अपने ख्यालों से बाहर आते ...और पढ़ेश्रेजा ने सत्यम की और देखा मनु आंखों ही आंखों में उसे इजाजत दे रही हो।" यार तुम मुझे पहले से कुछ बदली बदली लग रही हो क्या कोई बात है जो तुम्हें मुझे बताना चाहती हो, क्या घर में फिर कुछ हुआ था, कहीं उस रोम ने तुम्हें फिर से परेशान तो नहीं क्या? " सत्यम ने गंभीरता से
कुछ देर तक सत्यम के साथ घूमने के बाद श्रेजा टैक्सी में बैठकर वापस घर के लिए निकल गई ... सत्यम भी अपने घर चला गया था, जैसे ही श्रेजा ने घर के अंदर कदम रखा उसके कानों में ...और पढ़ेलोगों की बात करने की करने की आवाज पड़ी श्रेजा ने उस दिशा में देखा तो वह पाचो किसी बात को लेकर बहस कर रहे थे शुभम बोल रहा था... ""इशिता तुम्हें लगता है कि यह सही रहेगा तुम उसे जानती हो ना कि वह कैसी हैं फिर भी तुम उसे अपने साथ ले जाना चाहती हो?" तो इस पर