श्रेजा और सत्यम् एक छोटे से कैफे में बैठे हुए थे सत्यम कॉफी पी रहा था और श्रेजा चुपचाप बैठी हुई कुछ सोच रही थी।
"श्रेजा क्याा मैं तुमसेेेेेेेे एक बात पूछूं?" सत्यम ने पूछा।
अपने ख्यालों से बाहर आते हुआ श्रेजा ने सत्यम की और देखा मनु आंखों ही आंखों में उसे इजाजत दे रही हो।
" यार तुम मुझे पहले से कुछ बदली बदली लग रही हो क्या कोई बात है जो तुम्हें मुझे बताना चाहती हो, क्या घर में फिर कुछ हुआ था, कहीं उस रोम ने तुम्हें फिर से परेशान तो नहीं क्या? "
सत्यम ने गंभीरता से पूछा उसके आवाज मे ही श्रेजा के लिए फिक्र साफ झलक रही थी।
" नहीं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। "
श्रेजा ने बिना किसी भाव के उसकी और देखते जवाब दिया।
श्रेजा अपनी आगे की प्लानिंग के बारे में सोच रही थी आज से ठीक 1 महीने बाद इनाय का रेप हुआ था, श्रेजा यही सोच रही थी कि उसे कुछ भी करके इनाया के साथ हुए उस हादसे को रोकना होगा उसके लिए दिक्कत की बात यह थी कि आरना को नहीं पता था कि इनाया का रेप किस टाइम पर हुआ था क्योंकि नॉवेल मैं सिर्फ यह बताया गया था कि इनाया का रेप हुआ है लेकिन किस समय किस जगह पर हुआ था इसका कोई जिक्र नहीं था आरना यही सब सो रही थी कि तभी श्रेजा का फोन रिंग होता है किसी अननोन नंबर से कॉल आ रहा था, लेकिन आरना को श्रेजा के फोन का पासवर्ड याद नहीं आ रहा था। कुछ देर सोचने के बाद आरना एक नंबर डालती है और जैसा कि उसने सोचा था श्रेजा के मोबाइल का पासवर्ड रोम का बर्थ डेट था " मुझे लगता है कि सबसे पहले इस फोन का पासवर्ड ही बदलना पड़ेगा। "
यह सोचते हुए आरना ने फोन रिसीव किया " किसका फोन है लवी? " सत्यम पूछता है।
" 1 मिनट!" बोलकर आरना सत्यम से थोड़ा दूर आ जाती है,लकिन " हेलो" सामने से कुछ ना कुछ तो आवाज आ रही थी लेकिन अभी भी सामने वाले की आवाज क्लियर नहीं थी कुछ मिनट के लिए कॉल को होल्ड मे रखकर श्रेजा थोड़ी सुनसान इलाके में आयी उसने एक बार फिर से सामने वाले से बात करने की कोशिश की " हेलो"
कुछ देर तक बिल्कुल सन्नाटा रहा फिर एक पीव की आवाज के साथ कॉल डिस्कनेक्ट हो गया।
" लगता है रोंग नंबर था " श्रेजा ने मन ही मन में सोचा। "चलो कोई बात नहीं" फोन अपने जेब में रखकर श्रेजा फिर से कैसे की ओर जाने लगी लेकिन अभी उसने एक-दो कदम बढ़ाये ही थे कि एक बाइक फुल स्पीड मैं आकर उसके सामने रुकी श्रेजा चौक कर एक दो कदम लड़खड़ा गई उसने हैरानी से सामने की ओर देखा तो उस बाइक में तीन लड़के सवार थे वे तीनों श्रेजा की ओर देखकर आपस में कुछ बात कर रहे थे श्रीजा बड़े ध्यान से उन्हें ऑब्जर्व करने लगी... तीनों की उम्र 23 24 के आसपास होगी देखने में वह कहीं के गुंडे लग रहे थे उन तीनों के चेहरे पर एक भद्दी मुस्कान थी कहीं ना कहीं श्रेजा को समझ आ गया था कि इन तीनों की नियत उसके लिए कुछ सही नहीं है।
" अकेले-अकेले कहां चली मैडम हमें भी तो अपने साथ ले चलो "
उनमें से एक लड़का बाइक से उतरकर श्रेजा के नजदीक आते में बोला।
" क्या लड़की है यार एकदम फटाका यह हमें पहले क्यों नहीं मिली!"
वह लड़के अब श्रेजा के इर्द-गिर्द घूमते हुए उस पर भद्दे भद्दे कमेंट कर रहे थे, श्रेजा उन लोगों को घूरते हुए अपने मन में बड़बड़ाई " अब ये छछूंदर कहा से आगये एक तो साला सुबह से ही दिमाग कितना खराब है ऊपर से ये गोबर की सक्ल के लोग"
श्रेजा ये सब सोच ही रही थी कि उन तीनों में से किसी एक ने उसके कंधे पर हाथ रखा किसी के हाथों का स्पर्श पाते ही श्रेजा एकदम एलर्ट पोजिशन में आ गई उसने उस लड़के का हाथ पकड़ा और उसे घुमा कर दूर पटक दिया यह सब इतनी जल्दी हुआ था कि उन तीनों में से किसी को भी कुछ समझने का मौका नहीं मिला, वह लड़का काफी दूर जाकर गिरा था उसके पेट में बहुत दर्द हो रहा था 5 मिनट तक वह बिल्कुल भी अपनी होश में नहीं था लेकिन जल्दी उसने खुद को संभाल कर चिल्लाते हुए कहां...
"" यह तूने क्या किया कमीनी अब देख मैं तेरे साथ क्या करता हूं ""
इतना बोलकर वह जैसे तैसे अपने पैरों पर खड़ा हुआ उसके दोनों साथी भी श्रेजा को पकड़ने के लिए एकदम तैयार नजर आ रहे थे श्रेजा ने भी अपना हाथ झाड़ते हुए एक कदम उनकी और बढ़ाते हुए कहा
"" हां तो बताओ सबसे पहले किसको चुल मची है मुझे पीटने की...
..." तुझे तो मैं अभी बताता हूं अभी रुक" इतना बोल कर जैसे ही वह लड़का श्रीजा को करने के लिए आगे बढ़ा श्रीजा ने उससे पहले ही उसके चेहरे पर एक जोरदार मुक्का जड़ दिया वह लड़का दर्द से कराह उठा उसके बाद श्रेजा ने उन दो लड़कों की ओर देखा जिनकी हालत अपने साथ ही को देखकर खराब हो रही थी,
"" अबे सालो देख क्या रहे हो मारो इस लड़की को और तब तक मारो जब तक की......
उसकी बात पूरी हो पाती इससे पहले ही एक बार फिर से जाने उसे एक जोरदार लात दे मारी...
"" साला बहुत बोलता है अपने घर में मां बहन से भी ऐसी बात करता है क्या बे ""
बडबडाते हुए श्रेजा ने घूर कर तीनों की ओर देखा वह तीनों अंदर तक सिहर उठे।
अभी भी उन तीनो ने हिम्मत नहीं हारी थी वह तीनों एक साथ श्रेजा की ओर झपटे श्रीजा ने एक साथ ही उन तीनों की अच्छी खासी पिटाई कर दी थी।
वह तीनों रोते हुए एक साथ उसके पैर पर गिर पड़े "" माफ कर दो बहन अब और मत मारो हम मर जाएंगे…""
उनमें से एक लड़का गिड़गिड़ाते हुए बोला।
"" हां दीदी वैसे भी तुम हमें बहुत मर चुकी हो आगे से ऐसी गलती कभी नहीं होगी आज के बाद हम कभी भी किसी लड़की को परेशान नहीं करेंगेआई प्रॉमिस...
अभी दूसरे लड़के की बात खत्म ही नहीं हुई थी कि तीसरा लड़का श्रेजा के पैर पकड़ते हुए बोला...." "मेरे मां-बाप की तबीयत बहुत खराब है अगर मुझे कुछ हो गया तो उनका ख्याल कौन रखेगा घर में मैं अकेले कमाने वाला हूं प्लीज मुझे जाने दो चाहो दो चाहे तो इन दोनों को मेरे बदले मार दो लेकिन मुझे जाने दो""
वह तीनों ही बहुत ज्यादा डर चुके थे अब उनके पास श्रीजा से लड़ने की बिल्कुल भी क्षमता नहीं बची थी श्रेजा ने बोरियत से उन तीनों की ओर देखा और कुछ कहने ही वाली थी कि उसे अपने पूरे शरीर पर एक अजीब सा करंट महसूस हुआ उसे अजीब सी फीलिंग आरही थी जैसे की कोई बहुत ही स्ट्रांग एनर्जी उसके पास मौजूद हो उसने बेचैन होकर अपने चारों ओर देखा लेकिन इलाका पूरा सुनसान था शिवाय कुछ लोकल लोगों के उसे कुछ भी स्ट्रेंज नजर नहीं आया, लेकिन फिर भी उसे महसूस हो रहा था की हो ना हो कोई बहुत देर से उसे घूर रहा हो।
श्रेजा अपने वर्ल्ड में एक कांट्रैक्ट किलर थी जब भी उसके आसपास कोई खतरा मौजूद होता उसे पहले ही इस बारे में पता चल जाता था लेकिन इस बार वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ क्या हो रहा है लेकिन ज्यादा ना सोचते हुए वह वहां से जाने लगी उसे दूर जाता देख वो तीनो लड़के जल्दी से उठकर अपनी बाइक में बैठ गए और बिना एक मिनट भी गवाही बिजली की रफ्तार से उन्होंने बाइक भगा ली।
झाड़ियां के उस पार जहां अभी-अभी वह चारो अपनी लड़ाई निपटा रहे थे तो उनसे कुछ ही दूरी पर ब्लैक कलर की रोल्स-रॉयस कार खड़ी हुई थी वह कर ऐसी जगह छुपी हुई थी जहां से दूसरी ओर तो देखा जा सकता था लेकिन दूसरी और का कोई भी इंसान आपकी और नहीं देख सकता था, उस कर के अंदर पैसेंजर सीट पर एक लड़का बैठा हुआ था उसने सर से लेकर पांव तक ब्लैक कपड़े पहने हुए थे चेहरे पर ब्लैक मास्क उसकी गहरी निकली आंखे, उसके गोद में एक ब्लैक पैंथर आराम से सो रहा था वैसे तो उस लड़के ने मास्क लगाए हुआ था इसलिए उसका चेहरा पूरी तरह से नहीं देखा जा सकता लेकिन दूर से ही पता चलता था कि वह लड़का सच में काफी हैंडसम होगा, उसके अंदर से आने वाली वाइब काफी ज्यादा स्ट्रांग एंड डेंजरस थी, न जाने कब से वह वहां पर बैठा हुआ वह अपनी नीली आंखों से श्रेजा और उन तीन लड़कों को देख रहा था, उन चारों के जाने के बाद वो लड़का 5 मिनट तक उसी ओर देखने लगा जहां से अभी अभी श्रेजा गई थी...
कुछ देर बाद उसकी कार भी वहां पर चली गई।
दूसरी और श्रेया इन सब से अनजान वापस से सत्यम के पास आ गई थी।
"" यार लवी कहा चली गई थी तुम 5 मिनट का बोल कर पूरे 20 मिनट लगा दिए कहीं तुम बिल पे करने के डर से तो नहीं चली गई थी?... अरे यार तुम भी ना मैं तुमसे पैसे कैसे ले सकता हूं""
सत्यम बोलते हुए हंस दिया।
वही श्रेजा कुछ अलग ही सोच रही थी।