Aisa pyar kaha book and story is written by Uma Vaishnav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aisa pyar kaha is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ऎसा प्यार कहाँ.. - उपन्यास
Uma Vaishnav
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
कहते हैं कुछ रिश्तो के नाम नहीं होते हैं, सिर्फ वो दिल से निभाये जाते हैं..... जी,.. ऎसा ही कुछ प्रज्ञा और नील के बीच था। आए पढ़ते हैं.. क्या था उनका रिश्ता और कैसे बना उनका ये रिश्ता..... प्रज्ञा बहुत ही सीधी -साधी , बहुत ही सुन्दर और मासूम भी थी। वो अपने घर का सारा काम करके बाकी का वक्त घर पर ही बिताती।कभी कभी बहुत बोर होती तो सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ शेअर करती, कुछ अच्छी पोस्ट को लाइक और कॉमेंट भी करती.... इस तरह वो अपना बाकी का वक्त
कहते हैं कुछ रिश्तो के नाम नहीं होते हैं, सिर्फ वो दिल से निभाये जाते हैं..... जी,.. ऎसा ही कुछ प्रज्ञा और नील के बीच था। आए पढ़ते हैं.. क्या था उनका रिश्ता और कैसे बना उनका ये रिश्ता..... ...और पढ़ेबहुत ही सीधी -साधी , बहुत ही सुन्दर और मासूम भी थी। वो अपने घर का सारा काम करके बाकी का वक्त घर पर ही बिताती।कभी कभी बहुत बोर होती तो सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ शेअर करती, कुछ अच्छी पोस्ट को लाइक और कॉमेंट भी करती.... इस तरह वो अपना बाकी का वक्त
भाग 2पीछले भाग में आप लोगों ने नील और प्रज्ञा के बीच की कुछ खट्टी - मीठी बातों की नौक- झौक.... जिसे ऊब कर प्रज्ञा ऑफलाइन हो जाती है.... उधर नील भी ठान लेता हैं, कि प्रज्ञा को जान ...और पढ़ेही रहेगा..... आइए आगे जानते हैं कि कहाँ तक पहुँचता है, इनका ये रिश्ता....... ❤️❤️प्रज्ञा अपने रोज के कामों से निपट कर फिर ऑनलाइन आती है, जैसे ही नेट ऑन करती हैं..... नील के तीन msg आए हुए थे... एक bye... एक gn का....... और एक gm ?प्रज्ञा गुस्से में msg टाइप करती हैं...... आपको हमने मना किया था ना....कि
भाग.. 3अब तक आपने पढ़ा नील और प्रज्ञा के बीच खट्टी - मीठी बातें होती हैं और धीरे धीरे उनके बीच बातें होने लगती है, प्रज्ञा को भी नील की बातें अच्छी लगने लगती हैं लेकिन दूसरी तरफ वो ...और पढ़ेभी सोचती है कि ये ठीक नहीं....... बात करू या नहीं.... बस इन्ही उलझनों के बीच फसी प्रज्ञा.... आए आगे की कहानी पढ़े...प्रज्ञा पूरे दिन नील के बारे में सोचती है, आखिरकार वो फैसला कर लेती है कि वो नील से बात करेगी। कुछ देर सोचने के बाद वो दुबारा नेट ओपन करती हैं, तभी उसे नील के msg मिलते
ऎसा प्यार कहाँ (अंतिम भाग)❤️❤️प्रिय पाठकों, आपने अब तक पढ़ा, प्रज्ञा और नील में गहरी दोस्ती हो जाती है, वो एक - दूसरे से अपनी हर बातें शेयर करते, एक - दूसरे से बात किये बिना उनका ...और पढ़ेनहीं गुजरता,...... और एक दिन अचानक प्रज्ञा की पूरे दिन नील से बात ना हो जाने से प्रज्ञा बहुत परेशान हो जाती है... अब आगे ❤️........ पूरे दिन नील से बात ना हो पाने से प्रज्ञा बहुत उदास हो जाती है,उसकी आँखों से जैसे नींद कहीं खो सी गई हो। वो बार-बार नील के बारे में ही सोचती...... और रह
किसी रीसर्च के सिलसिले में रोहन रामपूर नांमक गाँव में आया था। गाँव बहुत पूराना था। वहा ठहरने के लिए कोई होटल तो थी नहीं। और ना ही कोई गाँव वाला किसी अंजान व्यक्ति को अपने घर में रहने ...और पढ़ेकाफी देर इदर-उदर भटकने के बाद रोहन को एक लड़की आती हुइ नज़र आई।उसने चेहरे पर लम्बा घूंघट निकाला हुआ था। रोहन ने उसे रोक कर पूछा.. रोहन:- ....अरे ...इस गाँव में किसी अंजान मुसाफिर को रूकने की कोई जगह मिलेगी?? लड़की कोई जवाब नहीं देती हैं थोड़ी दूर जा कर एक गेस्ट हाउस की तरफ इसारा करती हैं ।