The Haunted House book and story is written by Sonali Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The Haunted House is also popular in आध्यात्मिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
द हॉन्टेड हाउस - उपन्यास
Sonali Rawat
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
"साहब !....वो घर तो बहुत दिनों से खाली पड़ा है ..और उस घर में कोई भी रहना नहीं चाहता । सुना जाता है कि एक औरत ने उस घर में फाँसी लगा ली थी और उस घर में उसी की आत्मा का वास है। "
"तुम ये फिजूल की बातें करना बंद करो । आत्मा-वात्मा कुछ नहीं होती है " - राघव ने टैक्सी ड्राइवर को डपटते हुए कहा ।
राघव का पिछले हफ्ते ही माला गाँव में तबादला हुआ था । पूरे हफ्ते नया घर तलाशने के बाद एक ही घर उसे मिला था जो कि बिकाऊ था तो उसने जल्द ही वह घर खरीद लिया । वह अपनी बीबी और दो बच्चों के साथ उसी घर में शिफ्ट होने जा रहा था ।
राघव का नौ साल का बेटा साहिल और आठ साल की बेटी डॉली पीछे की सीट पर बैठे ड्राइवर की बातों को ध्यान से सुन रहे थे ।
थोड़ी देर बाद डॉली ने सुनीता से पूछा -" मम्मी! क्या सच में भूत होता है ?"
राघव की बीबी सुनीता भी उन्हीं बच्चों के साथ पीछे की सीट पर बैठी थी ।
"साहब !....वो घर तो बहुत दिनों से खाली पड़ा है ..और उस घर में कोई भी रहना नहीं चाहता । सुना जाता है कि एक औरत ने उस घर में फाँसी लगा ली थी और उस घर में उसी ...और पढ़ेआत्मा का वास है। ""तुम ये फिजूल की बातें करना बंद करो । आत्मा-वात्मा कुछ नहीं होती है " - राघव ने टैक्सी ड्राइवर को डपटते हुए कहा ।राघव का पिछले हफ्ते ही माला गाँव में तबादला हुआ था । पूरे हफ्ते नया घर तलाशने के बाद एक ही घर उसे मिला था जो कि बिकाऊ था तो उसने जल्द
राघव ने इधर-उधर देखा पर डॉली इनके बीच नहीं थी। राघव ने घबरा कर सुनीता से पूछा - " कहां गई डॉली ? अभी तो यहीं थी। "राघव और सुनीता डॉली को चारों तरफ ढूंढने लगे लेकिन डॉली उन्हें ...और पढ़ेनहीं मिली।वे दोनों अवाज लगाने लगे - " डॉली ...डॉली. कहाँ हो तुम ? "पर कोई जवाब नहीं आ रहा था। राघव घबरा गया उसके माथे पर पसीना छलक आया। वह बहुत परेशान हो गया।उधर सुनीता का दिल धड़कने लगा। उसके मन में एक अनजाना सा डर बैठ गया। उसे लगने लगा कहीं ऐसा तो नहीं कि डाली को कुछ