Me Koun Hu ? book and story is written by Disha Jain in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me Koun Hu ? is also popular in कुछ भी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मैं कौन हूँ ? - उपन्यास
Disha Jain
द्वारा
हिंदी कुछ भी
केवल जीवन जी लेना ही जीवन नहीं है। जीवन जीने का कोई ध्येय, कोई लक्ष्य भी तो होगा। जीवन में कोई ऊँचा लक्ष्य प्राप्त करने का ध्येय होना चाहिए। जीवन का असली लक्ष्य ‘मैं कौन हूँ’, इस सवाल का जवाब प्राप्त करना है। पिछले अनंत जन्मों का यह अनुत्तरित प्रश्न है। ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादाश्री ने मूल प्रश्न “मैं कौन हूँ?” का सहजता से हल बता दिया है। मैं कौन हूँ? मैं कौन नहीं हूँ? खुद कौन है? मेरा क्या है? मेरा क्या नहीं है? बंधन क्या है? मोक्ष क्या है? क्या इस जगत् में भगवान हैं? इस जगत् का ‘कर्ता’ कौन है? भगवान ‘कर्ता’ हैं या नहीं? भगवान का सच्चा स्वरूप क्या है? ‘कर्ता’ का सच्चा स्वरूप क्या है? जगत् कौन चलाता है? माया का स्वरूप क्या है? जो हम देखते और जानते हैं, वह भ्रांति है या सत्य है? क्या व्यावहारिक ज्ञान आपको मुक्त कर सकता है? इस संकलन में दादाश्री ने इन सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए हैं।
हमारा वास्तविक स्वरुप अनंत सुख का धाम है, फिर भी हम विनाशी चीजों में सुख खोजते हैं! जब तक हम यह नहीं पहचानते कि हमारा वास्ताविक स्वरूप क्या है, तब तक सभी कुछ क्षणिक और विनाशी ही है। आत्मसाक्षात्कार ...और पढ़ेके बाद ही शाश्वत सुख का अनुभव किया जा सकता है।
यह जानना कि “मैं कौन हूँ?”, वही आत्मसाक्षात्कार है।
यदि यह संसार आपको पुसाता (जंचता) हो तो आगे कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है और यदि यह संसार आपको परेशान करता हो तो अध्यात्म जानने की जरूरत है। अध्यात्म में 'स्वरूप' को जानने की जरूरत है। 'मैं ...और पढ़ेहूँ?' यह जानने पर सारे पजल सोल्व हो जाते हैं। —दादाश्री