Wo Band Darwaza book and story is written by Vaidehi Vaishnav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Band Darwaza is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो बंद दरवाजा - उपन्यास
Vaidehi Vaishnav
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
महाराजा कॉलेज ऑफ मैनजमेंट के केन्टीन में कॉलेज के सबसे हुड़दंगी विद्यार्थियों की टोली आज कई दिनों बाद एक साथ इकट्ठा हुई थी। वजह सीधी सी थी कि आज ही इन सबका फाइनल एग्जाम का लॉस्ट पेपर था।
एग्जाम के दौरान तो ये हुड़दंगी ऐसे भलेमानुस प्रतीत होते थे जैसे पढ़ाई के अतिरिक्त इन्हें किसी औऱ बात से कोई सरोकार ही न हो। द रोमियो कहा जाने वाला रौनक तो जैसे ब्रह्मचारी बन जाता कि मजाल है सामने से आती किसी खूबसूरत लड़की को नज़र उठाकर भी देख ले। हमेशा खुद को किसी सुपरस्टार एक्ट्रेस समझने वाली रिनी तो एग्जाम के दिनों में आँखों पर मोटा चश्मा लगाए ऐसे दिखती जैसे उससे ज़्यादा पढ़ाकू पूरे कॉलेज में कोई और न हो। सारा दिन गिटार हाथ में लिए हुए किसी न किसी गाने की धुन बजाने वाले सूर्या पर तो इन दिनों न जाने क्या धुन सवार हो जाती कि गिटार भूलकर सारा दिन किताबों में आंखे गढ़ाए, नोट्स का रट्टा लगाता रहता।
आज जब एग्जाम का भूत सबके सिर से उतर गया तो सभी फिर से अपने-अपने कैरेक्टर में आ गए।
एक हाथ में कॉफी कप थामे हुए दूजे हाथ की उंगली को अपनी घुंघराली लटो में लपेटते हुए रिनी ने कहा- "यार ! सच अ बोरिंग प्लेस, आई डोन्ट वांट टू गो देअर ।"
सूर्या- "तो तू ही सजेस्ट कर दे कोई अच्छी सी जगह।"
रौनक - "ओ भाई ! रहने ही दे, इससे पूछने के परिणाम लास्ट ट्रिप पर भुगत चुके हैं हम सब।"
भाग- 1 महाराजा कॉलेज ऑफ मैनजमेंट के केन्टीन में कॉलेज के सबसे हुड़दंगी विद्यार्थियों की टोली आज कई दिनों बाद एक साथ इकट्ठा हुई थी। वजह सीधी सी थी कि आज ही इन सबका फाइनल एग्जाम का लॉस्ट पेपर ...और पढ़ेएग्जाम के दौरान तो ये हुड़दंगी ऐसे भलेमानुस प्रतीत होते थे जैसे पढ़ाई के अतिरिक्त इन्हें किसी औऱ बात से कोई सरोकार ही न हो। द रोमियो कहा जाने वाला रौनक तो जैसे ब्रह्मचारी बन जाता कि मजाल है सामने से आती किसी खूबसूरत लड़की को नज़र उठाकर भी देख ले। हमेशा खुद को किसी सुपरस्टार एक्ट्रेस समझने वाली रिनी
भाग- 2 अब तक आपने पढ़ा कि एग्जाम खत्म होने के बाद सभी दोस्त मनाली जाने का प्लान बनाते हैं। तयशुदा दिन सभी लोग तैयार होकर रौनक के घर इकट्ठा होने लगते हैं। हॉल में चहल-पहल को सुनकर रौनक ...और पढ़ेमम्मी डिंम्पल वहां आती है। सबको देखकर वह चहकते हुए कहती है- वाओ ! ऑल जोकर्स आर हिअर.. काश ! मैं भी तुम लोगों की टोली का हिस्सा होती तो खूब सारी मस्ती करती। सूर्या- लो जी कर लो गल... ये भी कोई बात हुई भला। आंटी आप तो हमारी टोली की सरदार है। आपके बिना तो हम सब अधूरे
भाग- 3 अब तक आपने पढ़ा कि सभी लोग हिमाचलप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गए थे। शाम के करीब पांच बज रहे थे। मनाली अब भी दूर था। लगभग एक घण्टा और लग जाना था वहां पहुंचने में। ...और पढ़ेइतना खूबसूरत था कि मंजिल की दूरी मायने ही नहीं रख रही थी। सांझ ढलने को थी। पहाड़ी रास्ता औऱ गाड़ी में बजता मधुर संगीत सफ़र को और अधिक ख़ुशनुमा बना रहा था। खिड़की से झाँकते हुए रिनी ने कहा- "जीवन तो पहाड़ों में ही बसता है। हम लोग तो जिंदगी काट रहे हैं, घुटन भरे शहरों में। असल जिंदगी
भाग- 4 अब तक आपने पढ़ा कि गाड़ी के नीचे एक आदमी आ जाता है जिसके बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर जंगल की ओर चली जाती है। रात गहराने लगी थी। जंगल भी किसी महासागर सा लग रहा था, जो ...और पढ़ेहोने का नाम ही नहीं ले रहा था। गाड़ी में बैठे सभी लोग दहशत में थे। सबकी सिट्टीपिट्टी गुल हो गई थी। जैसा सन्नाटा जंगल में पसरा हुआ था ठीक वैसा ही सन्नाटा गाड़ी के अंदर भी था। कुछ देर पहले तक सभी लोग जिस प्रकृति की तारीफ़ में कसीदे गढ़े जा रहे थे, वही सब लोग अब प्रकृति के
भाग- 5 अब तक आपने पढ़ा कि मनाली के लिए निकले कॉलेज स्टूडेंट्स की गाड़ी जंगल में भटक जाती है। बिना ड्राइवर के भी गाड़ी स्वतः ही चलती हुई अचानक एक जगह ठहर जाती है। सायं -सायं करती हवा ...और पढ़ेज़मीन पर बिखरे पड़े हुए सूखे पत्तों से होकर गुजरती तो औऱ अधिक डरावना माहौल बना देती। हवा से सरकते सूखे पत्तों की खड़खड़ाहट सुनकर ऐसा महसूस होता जैसे कोई चला आ रहा है। रात भी खरपतवार की तरह तेज़ी से बढ़ती जा रही थी। रोशनी का नामोनिशान तक नहीं था। सभी लड़के और लड़कियां एक-दूसरे का हाथ थामे हुए