Kishanlal Sharma लिखित उपन्यास दो औरते

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दो औरते द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"सुरेश तुम तो एकदम बदल गए,"वह आराम से बैठ भी नही पाया था कि विभा ने बंदूक की गोली की तरह प्रश्न दाग दिया था।"नही तो।बिल्...
दो औरते द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
कमरे में आकर उसने कपड़े बदले थे।फिर बेग खोला था।।उसने बैग में से खाना निकाला था।चलते समय निशा यानी उसकी पत्नी ने खाना रख...
दो औरते द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
और वह घर खर्च के लिए पैसे और दुकान से सामान देना भी बन्द कर देता।और एज दिन सिथति ऐसी आती की विभा के पास पैसे भी खत्म हो...
दो औरते द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"पहली बार या पहले किसी औरत के साथतुम पहली हो"तुम अनाड़ी नही पूरे खिलाड़ी लगते हो।""धीरे धीरे और बन जाऊंगा"तो आगे का इरादा...
दो औरते द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
सुहागरात को को कमरे में जाने से पहले सुरेश का दिल बड़ी जोर से धड़क रहा था।सोच रहा था,न जाने कैसी होगी उसकी जीवन संगनी।बिना...