Rabta book and story is written by जॉन हेम्ब्रम in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rabta is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राब्ता - उपन्यास
जॉन हेम्ब्रम
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
"तो क्या हमें मिलना चाहिए?"
"क्यों नहीं जरूर।"
"कल सुबह 10 बजे उसी रेस्टोरेंट पर।"
"तय रहा।"
अगले दिन राजेश सुबह जल्दी उठ कर तैयार होकर रेस्टोरेंट पहुंच जाता है। उसके एक ऑनलाइन दोस्त से उसने मिलने का प्लान बनाया था।
राजेश तैयार होकर दस बजे रेस्टोरेंट पहुंच जाता है उसने सबसे लास्ट का टेबल चुना था ताकि उन्हें एक दूसरे को ढूंढने में ज्यादा परेशानी न हो।
वो जैसे ही रेस्टोरेंट के अंदर जाता है उसकी नजर सीधे वाले लास्ट टेबल पर जाती है वहां पहले से ही एक सुंदर नौजवान बैठा होता है। वो उसके पास जाता है और बैठ जाता है।
"राघव?" राजेश बैठते हुए पूछता है।
"हां और तुम राजेश।"
"हां!"
"बैठो तो।"
इतने में वेटर आ जाता है।
"आप क्या लेना पसंद करेंगे सर?" वो राघव की ओर देखकर पूछता है।
"तो क्या हमें मिलना चाहिए?""क्यों नहीं जरूर।" "कल सुबह 10 बजे उसी रेस्टोरेंट पर।""तय रहा।" अगले दिन राजेश सुबह जल्दी उठ कर तैयार होकर रेस्टोरेंट पहुंच जाता है। उसके एक ऑनलाइन दोस्त से उसने मिलने का प्लान बनाया था। ...और पढ़ेतैयार होकर दस बजे रेस्टोरेंट पहुंच जाता है उसने सबसे लास्ट का टेबल चुना था ताकि उन्हें एक दूसरे को ढूंढने में ज्यादा परेशानी न हो। वो जैसे ही रेस्टोरेंट के अंदर जाता है उसकी नजर सीधे वाले लास्ट टेबल पर जाती है वहां पहले से ही एक सुंदर नौजवान बैठा होता है। वो उसके पास जाता है और बैठ
अगले दिन सुबह जब वो नाश्ता करने बैठा उस दौरान उसने अपनी मां से पूछा — "क्या आपको कोई लड़की पसंद आई?""अरे हां शाम को मैं तुम्हे फोटो दिखा दूंगी।"नाश्ता कर वो अपने काम पर निकल गया।"कुछ अजीब नहीं ...और पढ़ेतुम्हे?" उसकी मां ने उसके पिता से पूछा।"अजीब क्या है?"शाम के वक्त राजेश उसकी मां के कमरे में गया।"तो किसे पसंद किया है आपने?""ये देख।" उसकी मां ने एक फोटो दिखाते हुए कहा।"इसका नाम क्या है।" "सुरभि!" उसकी मां ने जवाब दिया।उसी शाम राजेश ने अपना लैपटॉप खोला और उसके बारे में जानकारी निकालने लगा। किस्मत से उसे ज्यादा मेहनत
रविवार था सब घर में ही थे बाई आज काम पर नहीं आई हुई थी। राजेश इसी उधेड़बुन में था की क्या किया जाए। अचानक उसकी मां उसके कमरे में आ जाती है।"अरे आप क्यों… मेने मना किया था ...और पढ़ेसीधी चढ़ने से कुछ जरूरत थी तो मुझे बुला देती।""अब क्या करूं खुद को रोक न पाई। ये देख मेने एक और लड़की ढूंढी है तेरे लिए।" उसकी मां ने उसे एक फोटो दिखाते हुए कहा।ये सुन राजेश ने अपनी मां का हाथ पकड़ा और बिस्तर पर बैठाया कुछ देर मौन रहा फिर बोल — "मां मैं ये शादी नहीं