Wo Koun the book and story is written by Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Koun the is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो कौन थे? - उपन्यास
Rahul Narmade ¬ चमकार ¬
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
रुबीना : तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है, क्यु फोन कर रहे हो बार बार?!!! रुबीना : अब फोन किया तो पुलिस में कम्पलेइन कर दूंगी!! रुबीना ने फोन रख दिया, कुछ देर बाद उसे गिल्टी फिल हुई, क्युकी उसकी लाइफ अच्छी तो थी लेकिन वो अकेली पड़ चुकी थी, कम्पनी मे और फ्लेट मे उसका कोई खास दोस्त नहीं बने थे, उसकी कॉलेज की फ्रेंडस मे कुछ कि शादी हो चुकी थी, एक दो दोस्त मुंबई मे थी लेकिन बहुत दूर थी, कुछ दोस्त फॉरेन चले गए थे, शादी से पहले उसका अनुराग नाम का बॉय फ्रेंड था लेकिन शादी होने
रुबीना : तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है, क्यु फोन कर रहे हो बार बार?!!! रुबीना : अब फोन किया तो पुलिस में कम्पलेइन कर दूंगी!! रुबीना ने फोन रख दिया, कुछ देर बाद उसे गिल्टी फिल हुई, क्युकी उसकी लाइफ ...और पढ़ेतो थी लेकिन वो अकेली पड़ चुकी थी, कम्पनी मे और फ्लेट मे उसका कोई खास दोस्त नहीं बने थे, उसकी कॉलेज की फ्रेंडस मे कुछ कि शादी हो चुकी थी, एक दो दोस्त मुंबई मे थी लेकिन बहुत दूर थी, कुछ दोस्त फॉरेन चले गए थे, शादी से पहले उसका अनुराग नाम का बॉय फ्रेंड था लेकिन शादी होने
वो : मुजे पान खाने का शौक है, आप खाते हो पान? वो : हाँ हाँ, मुजे भी व्यसन नहीं है, वैसे भी तंबाकू का व्यसन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, आपको खाना है? मैं लाया हू पान आपके ...और पढ़ेउसने अपनी जेब से पान निकाला, बड़ा ही अजीब पान था, मैंने उसे पूछा : वो : खाओ तो सही ये पान यहा की स्पेशियलिटी है, आप खाते रह जाओगे। मैंने पान खाया, शुरुआत में मजा आया, मैं धीरे धीरे चबा रहा था, मुजे अच्छा लग रहा था, वो भी मेरी तरफ प्यार से हंसकर देख रहा था, लकिन अचानक
मैं गुजरात के माधवपुर मे M. Tech (Aerospace Engineering) की फर्स्ट यर मे था, माधवपुर मैं नया नया बाहर आया था, मैंने B. Tech अपने ही शहर अहमदाबाद से की थी। मैं मेरी कॉलेज से थोड़ी दूर एक पी. ...और पढ़ेमे रहता था,मेरी कॉलेज और पी. जी. के रास्ते में एक बहुत ही भव्य लाइब्रेरी थी, मैं दूर से ही उसे देखता था, एक दिन मुजे जिज्ञासा हुई और मैं उस लाइब्रेरी मे गया, वो एक बहुत ही बड़ी लाइब्रेरी थी जिसमें बहुत सारी शेल थी जिसमें किताबे रखी गई थी, वहां तरह तरह की किताबे थी जैसेकि वुमन स्पेशल,