Bhakti Madhurya book and story is written by Brijmohan sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhakti Madhurya is also popular in आध्यात्मिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भक्ति माधुर्य - उपन्यास
Brijmohan sharma
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं |
मै बचपन से रामायण का पाठ सस्वर कीर्तन करते हुए किया करता था | यद्यपि मुझे इस महान ग्रन्थ की गहरी समझ नही थी फिर भी मेरा मन चौपाइयाँ गाते हुए भक्तिभाव में ऐसा लीन हो जाता था कि पाठ के दौरान मेरे अश्रु रोके नहीं रुकते थे | मुझे सुतीक्ष्ण मुनि प्रसंग बहुत ही पसंद है जिसमे जब मुनि श्रीराम के उनके आश्रम की ओर आगमन का समाचार सुनते हैं तो वे श्रीराम के दर्शन भर की कल्पना से आनंद में लीन होकर अपनी सुध बुध खो बैठते है|
जब श्रीराम ने उनके भावावेश की अवस्था देखी तो वे मुनि के ह्रदय में प्रकट हो गए | सुतीक्ष्ण मुनि भगवन के गहन ध्यान में इस कदर लीन हो जाते हैं कि स्वयं प्रभु के जगाने पर भी नहीं जागते | रामचरित मानस के अतिरिक्त मैंने महाकवि सूरदास, मीरा, रसखान, कबीर आदि महाकवियों के काव्याम्रत को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है |
मित्रों ! मैंने भारत की महा विभूति आदि गुरु शंकराचार्य की सुन्दरतम व वेदांत के गूढार्थ को स्पष्ट करती अत्यंत मनोहर रचना “ निर्वाण षटकम “ को पाठकों के ज्ञानार्जन हेतु उध्रत किया है |
ब्रजमोहन शर्मा समर्पण : भगवान शिव के श्री चरणों में यह पुष्प समर्पित ॐ नमः शिवाय भूमिका, मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस ...और पढ़ेसुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं | मै बचपन से रामायण का पाठ सस्वर कीर्तन करते हुए किया करता था | यद्यपि मुझे इस महान ग्रन्थ की गहरी समझ नही थी फिर भी मेरा मन चौपाइयाँ गाते हुए भक्तिभाव में ऐसा लीन हो जाता था कि पाठ के दौरान मेरे अश्रु रोके नहीं रुकते थे |
2राम हनुमान प्रथम मिलनयह प्रसंग रामायण का अत्यंत ही मधुर अमृतमय प्रसंग है | “ आगे चले बहुरि रघुराया .... रूप स्वामि भगवंत |” ( श्किन्धाकांड ) जब राम व लक्ष्मण सीता को ढूंढते हुए रिष्यमूक पर्वत के समीप ...और पढ़ेगुजरते हैं तो उन दो महावीर योद्धाओं को देखकर वानर राजा सुग्रीव बहुत भयभीत होता है | वह हनुमान से कहता है, “ अरे हनुमान तुम अपना वेश बदलकर जाकर पता करो कि ये दो योद्धा कौन है ? कहीं बालि ने तो इन्हें मुझे मारने के लिए यहाँ नहीं भेजा है ? यदि ऐसा हुआ तो तुम दूर से
3 राम सुग्रीवरामायण का यह प्रसंग अत्यंत मधुर भक्तिभाव से पूर्ण अमृत है | ( रामायण महाअमृत) महाकाव्य रामायण का एक अन्य बड़ा सुंदर प्रसंग " राम सुग्रीव प्रथम मिलन " जो भक्तिभाव व वैराग्य से पूर्ण अत्यंत रोमांचक ...और पढ़ेहै । यह का महामधुर अमर काव्य रचना है | जब सुग्रीव राम कहु देखा ........ सखा बचन मम मृषा न हाई ।" हनुमान, राम लक्ष्मण की निर्वासित वानर राजा सुग्रीव से भेंट कराते हैं। वे दोनों पक्षों में गहरी मित्रता करवा देते हैं | तब लक्ष्मण ने सुग्रीव को श्रीराम की व हनुमान ने राम को सुग्रीव की समस्या
4 हनुमान विभीषणरामायण ( महा अमृत ) के सुंदरकांड में एक प्रसंग हनुमान विभीषण प्रथम मिलन भक्तिभाव से ओतप्रोत एक बड़ा सुन्दर प्रसंग है | हनुमान सीता की खोज में लंका में इधर उधर भटक रहे हैं तभी उन्हें ...और पढ़ेबड़ा ही सुन्दर घर दिखाई देता है | उस निवास के द्वार पर राम नाम लिखा हुआ है व बाहर एक तुलसी का पौधा लगा हुआ है । “रामायुध अकित ग्रह.... पावा अनिर्बाच्य बिश्रामा। " हनुमान विस्मय करते हुए मन ही मन विचार करते हैं कि निशाचरों की नगरी इस लंका नगरी में किसी सज्जन भक्त का निवास कैसे ?
5 “सुतीक्ष्ण मुनि”अरण्यकाड का “सुतीक्ष्ण मुनि “ अत्यंत मधुर सर्वश्रेष्ठ प्रसंग, “ॠषि अगस्त्य कर शिष्य सुजाना .... निज आश्रम पर आनि करि पूजा विविध प्रकार ।“ जब मुनि सुतीक्ष्ण भगवान श्रीराम के उनकी कुटिया की ओर आगमन की खबर ...और पढ़ेहै, तो उनके दर्शन की अभिलाषा में वे अपनी सुधबुध खो बैठते हैं | वे राम से मिलने दौड़ पड़ते है। उनके मन में तरह तरह के विचार आते हैं | उनके मन में रह रहकर अनेक प्रकार के संदेह उठते हैं 'मैं प्रभु के दर्शन के अयोग्य हूं, मेरा मन मलिन है। मैं न तो भजन, न विधिवत पूजा,