Nice to meet you book and story is written by Emika Ease in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nice to meet you is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Nice to meet you - उपन्यास
Emika Ease
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
राशि आज उसी रेस्टोरेंट मैं बैठी थी जहाँ राशि और प्रतिक पहली बार डेट पर गये थे । आज राशि और प्रतिक को मिले तीन साल हो चुके हैं । राशि अपने बगल वाली सीट पर सलगिरा का तौफा साथ में लिए बैठी थी और दरवाजे की ओर नज़रें टिकाकर प्रतिक की राह देख रही थी । रेस्टोरेंट के बायें तरफ जहाँ की खिड़की से बाहर का नज़र दिखता रहा था , सभी बड़ी जल्दी में दिख रहे थे ।
राशि एक साधारण सी लड़की थी जो अपने शहर से दूर मुम्बई में काम करती थी । वह एक अर्पाटमेंट में अकेली रहती थी । राशि यूँ तो सबसे घुल मिल कर रहती थी मगर वह जल्दी अपने दिल की बात किसी को बताती नहीं थी । राशि और प्रतिक दोनों एक ही ऑफिस में काम करते थे , वहीं उनकी मुलाकात हुई और मुलाकात प्यार में बदल गया ।
राशि आज उसी रेस्टोरेंट मैं बैठी थी जहाँ राशि और प्रतिक पहली बार डेट पर गये थे । आज राशि और प्रतिक को मिले तीन साल हो चुके हैं । राशि अपने बगल वाली सीट पर सलगिरा का तौफा ...और पढ़ेमें लिए बैठी थी और दरवाजे की ओर नज़रें टिकाकर प्रतिक की राह देख रही थी । रेस्टोरेंट के बायें तरफ जहाँ की खिड़की से बाहर का नजारा दिख रहा था , सभी बड़ी जल्दी में दिख रहे थे ।राशि एक साधारण सी लड़की थी जो अपने शहर से दूर मुम्बई में काम करती थी । वह एक अर्पाटमेंट में
अगली सुबह जब राशि की आंखें खुली तब राशि के लिए सब कुछ शांत था । वह अपने बिस्तर पर ही लेटे हुए अपने कमरे की बेजान छत को देख रही थी ।सुबह के लगभग सात बज रहे होंगे ...और पढ़ेराशि के फ़ोन की घंटी बजती है । राशि को उसकी दोस्त भानु का कॉल आ रहा था । कल भी राशि ने अम्बोली आने के बाद भानु को कॉल नहीं किया था ।राशि ने फ़ोन की घंटी तो सुनी मगर उसने फ़ोन नहीं उठाया । वह अब भी अपने कमरे की छत को टकटकी लगाकर देखे जा रही थी
चलते-चलते अब दोपहर हो चुकी थी । ऊपर आसमान में सूरज काफी जोरों से चमक रहा था । मगर यहाँ जंगल में पेड़ों की छाँव ही काफी थी ठंडक के लिए ।राशि चलते-चलते थक चुकी थी । वह आराम ...और पढ़ेचाहती थी । जब उसने एक पेड़ के नीचे पड़े पत्थर को देखा तो उससे रहा नहीं गया । वह तुरंत भागकर उस पत्थर पर जा कर बैठ गई ।अभी भी राशि के साथ ही चल रहा था । वह भी काफी थक चूका था । मगर वह जनता था कि थोड़ी दूर पर ही एक ठंढे पानी का झरना