राही लिखित उपन्यास निष्कलंक

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निष्कलंक द्वारा  राही in Hindi Novels
खून से सने हाथ,, जिनसे उसने अपना मुंह छुपाया हुआ था,, बाल बिखरे हुए,, घूटनों तक आता सफेद रंग का फ्रोक,, जो खून से लथपथ थ...
निष्कलंक द्वारा  राही in Hindi Novels
जब तक चबा कर खा सकते थे। खाई गई। औरफिर घर से बहार फेंक दी गई। काम कि नहीं रही। पेट में बच्चा था। किसका? किसीको नहीं पड़ी...