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दूसरी औरत - उपन्यास
Naziya Ansari
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
रसोई में खड़े खड़े कब गैस पर से दूध उफन गया उसे पता ही नहीं लगा। पता उसे तब लगा जब उसे दूध जलने की महक आई।आजकल ऐसे ही तो ख्यालों में खो जाती है वो जिससे कभी तो सब्जी जल जाती है या कभी वो चीज़े इधर उधर रख कर भूल जाती है। कई बार तो घर वालों के सामने उसे अपनी इस नई आदत की वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। सच ही है सब उसकी गलतियों को ही देखते है कोई ये समझने की कोशिश नहीं करते कि क्यों हो रहा है आजकल उसके साथ ये सब
रसोई में खड़े खड़े कब गैस पर से दूध उफन गया उसे पता ही नहीं लगा। पता उसे तब लगा जब उसे दूध जलने की महक आई।आजकल ऐसे ही तो ख्यालों में खो जाती है वो जिससे कभी तो ...और पढ़ेजल जाती है या कभी वो चीज़े इधर उधर रख कर भूल जाती है। कई बार तो घर वालों के सामने उसे अपनी इस नई आदत की वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। सच ही है सब उसकी गलतियों को ही देखते है कोई ये समझने की कोशिश नहीं करते कि क्यों हो रहा है आजकल उसके साथ ये सब
कंवल ने आखिर थोड़ी हिम्मत कर के श्रेयस से पूछ ही लिया कि क्यों वो उससे दूर भाग रहा है। शुरुआत में श्रेयस इस सवाल पर हैरान तो हुआ पर जल्द ही उसने अपने आप को सामान्य करते हुए ...और पढ़ेदिया कि ऐसा कुछ नहीं है। वो तो बस अपने बिजनेस की वजह से कंवल को वक्त नहीं दे पा रहा है। और थोड़ा प्यार से उसने कंवल के हाथों में अपना हाथ रखते हुए कहा कि वो तो बस हमेशा से ही उसका है और रहेगा बस कुछ दिनों की बात है एक बार सब कुछ सेटल हो जाए