Divya Purush kaise bane ? book and story is written by Mohit Rajak in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Divya Purush kaise bane ? is also popular in मनोविज्ञान in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दिव्य पुरुष कैसे बने ? - उपन्यास
Mohit Rajak
द्वारा
हिंदी मनोविज्ञान
दोस्तों आपने कोई ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो सभी चीजों में माहिर हो जिसे सब काम बहुत अच्छे से करना आता हो। शायद ही ऐसे व्यक्ति के बारे में आप नहीं सुना हो ,यदि मैं आपसे कहूं कि मैं आपको एक मिस्टर परफेक्ट इंसान बना सकता हूं। तो क्या आप इस बात पर विश्वास कर सकेंगे ?
मित्रों मैंं आपको एक ऐसा रहस्यय बताने जा रहा हूं जिसे जानकर आप एक साधारण मानव से एक महान व्यक्तिति बन सकते हैं यह कोई जादुई शक्ति नहीं ,यह एक कर्म शक्ति है। जिससेेे सब कु सब कुछ किया जा सकता है, इस शक्ति को जान लेने के बाद मनुष्य अपनी परम ऊंचाइयोंं को पा सकता है और मनुष्य मनुष्य श्रेणी उठ कर उसने दिव्यता का प्रसार हो सकता है ऐसा मनुष्य जहां भी जाता है वही सम्मान पाता है सभी लोग उसके चेहरे को देखकर ही मोहित हो जाते हैं उसका तीज इतना होता है कि सब कोई उससे बात करना चाहता है। ऐसा दिव्य मनुष्य अपने कर्मों को ही अपना धर्म मानता है और अपने सभी कार्य प्रगति और प्रकृति के लिए करता है । ऐसा दिव्य मनुष्य अपनी शक्ति और शरीर के सभी आयाम से परिचित होता है और अपने मन द्वारा ही समस्त मानव जाति के लिए सर्वहित में कार्य को करता है । उसके सभी कार्य सर्वहित के लिए होते हैं ऐसे मनुष्य लाखों करोड़ों में कोई एक ही होता है।
दोस्तों आपने कोई ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो सभी चीजों में माहिर हो जिसे सब काम बहुत अच्छे से करना आता हो। शायद ही ऐसे व्यक्ति के बारे में आप नहीं सुना हो ,यदि मैं आपसे ...और पढ़ेकि मैं आपको एक मिस्टर परफेक्ट इंसान बना सकता हूं। तो क्या आप इस बात पर विश्वास कर सकेंगे ?मित्रों मैंं आपको एक ऐसा रहस्यय बताने जा रहा हूं जिसे जानकर आप एक साधारण मानव से एक महान व्यक्तिति बन सकते हैं यह कोई जादुई शक्ति नहीं ,यह एक कर्म शक्ति है। जिससेेे सब कु सब कुछ किया जा सकता
दोस्तों दिव्य पुरुष कैसे बने ? एक बहुत ही रहस्यमय पुस्तक है इसका भाग 1 अगर आपने नहीं पढ़ा है तो वह जरूर पढ़ें अन्यथा आपको यह पुस्तक समझ नहीं आएगी।दोस्तों संकल्प जो भाग-1 में दिया गया है उस ...और पढ़ेको पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ करें और इसे स्वीकार करने केे लिए तैयार रहें की जो भी मेरे द्वारा कर्म किए जाा रहे वह सभी दिव्य और जन कल्याण हेतु है, दोस्तों अब आप स्वयं पर ध्यान देना शुरू कर दें और खुद को पहचानने की कोशिश करें।दोस्तों जब भी आप आप अकेले हो तो यह चिंतन करें