Tum Bin Zindgi book and story is written by निखिल ठाकुर in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tum Bin Zindgi is also popular in कविता in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नाम जिन्दगी का क्या दें अब हम ...तन्हा ए पल जीये है यूं उम्र भर मैने...
3. ‼️मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब ‼️--------------------------------------------------------------------------------------खुश हैं जिन्दगी से हम !ना किसी की चाहत है अब!! मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब!!! गमों का साहिल मिला मुझे किनारे बैठा ! देख के उसे गले लगा ...और पढ़ेहै!! तडपती रूह को स्कून का मंजर मिला अब !दर्द ए जिन्दगी का अफसाना मिला मुझे !!ना चाहत है किसी की अब !!मुझे तन्हाई से कोई डर नहीं है!! सिमटती रातों में अक्सर मैं अकेला !गुजरता रहता हूं कहीं मंजिल की तलाश में !!ठोकरे खाकर धीरे धीरे सम्भलते हुये ! चल रहे है मुसाफिर की तरह हम !!देखके अपने साये