Raat - Ek Rahashya book and story is written by Sanjay Kamble in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Raat - Ek Rahashya is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रात - एक रहस्य - उपन्यास
Sanjay Kamble
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
'डर, अजीब सा डर मेरे दिलो-दिमाग को दिमक की तरह अंदर से खा रहा है। 'रात' के इस काले अंधेरे में फैले खौफनाक सन्नाटे के बीच उस डर का असर कुछ ज्यादा ही हो रहा है. पर इस डर की एक वजह है। मैं इस बेड पर लेटा हुआ हूं। मेरे दोस्त ने दी हुई कंबल कस्स के पकड़ रखी है। और कंबल के भीतर से ही मेरी आंखें उसको तलाश रही है, पर 'वो' अभी आया नहीं। क्योंकि अभी उसका वक्त नहीं हुआ। पर वो आयेगा। उसका खौफ मेरे दिलो-दिमाग पर गहराता जा रहा है। पता नहीं इस रात की सुबह कब होगी। सुबह होते ही मैं यहां से भाग जाऊंगा। पर अब मुझे सुबह का इंतजार करना होगा ।
मैं बेड पर लेटा जरूर हूं पर मेरी नजरें सामने वाले उस लकड़ी के दरवाजे पर टिकी हुई है। वैसे ये कमरा काफी घुटन भरा है। रंग उड़ी दीवारें, टुटी छतपर बारीश के पानी के सुखे धब्बे, हर कोने में मकडीयों के पुराने जाले जिनमें कुछ किट पतंगे फंस कर अपनी जान गंवा चुके हैं। पर एक भी खिड़की कहीं नजर नहीं आ रही। शायद मेरे पिछे होगी। मै पिछे मुड़ा ही नहीं। पिछले 2 घंटे से मैं बिना पलकें झपकाए सामने वाले दरवाजे को देख रहा हूं। मेरे कमरे के अंदर इतना सन्नाटा है कि दीवार पर टंगी उस घड़ी के कांटे की टिक टिक टिक करने वाली आवाज मैं बिल्कुल साफ सुन सकता हूं।
रात... 'डर, अजीब सा डर मेरे दिलो-दिमाग को दिमक की तरह अंदर से खा रहा है। 'रात' के इस काले अंधेरे में फैले खौफनाक सन्नाटे के बीच उस डर का असर कुछ ...और पढ़ेही हो रहा है. पर इस डर की एक वजह है। मैं इस बेड पर लेटा हुआ हूं। मेरे दोस्त ने दी हुई कंबल कस्स के पकड़ रखी है। और कंबल के भीतर से ही मेरी आंखें उसको तलाश रही है, पर 'वो' अभी आया नहीं। क्योंकि अभी उसका वक्त नहीं हुआ। पर वो आयेगा। उसका खौफ मेरे दिलो-दिमाग पर गहराता जा रहा है।
रात 2 उसकी बात सुनकर मैंने थोड़े मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा। पर कुछ नहीं कहा, वो समझ चुका था कि मैं उसका मजाक उड़ा रहा हूं। पर वो बिना कुछ बोले मुस्कुरा कर चला गया। ...और पढ़ेउन्हें भी आदत हो गई थी मेरे जैसे लोगों की । हम गाड़ी से वापस घर के लिए निकले तब तक रात हो चुकी थी। सड़क पर गाड़ीयों की आवाजाही कुछ कम होने की वजह से मैंने गाड़ी की रफ्तार थोड़ी ज्यादा ही रखी थी। वैसे भी भाभी जी को अब होश आ चुका था और उनपर इंप्रेशन
अगर मैं पानी पीने के लिए उठा और उसी वक्त वो पिशाच आ गया तो मेरे जिस्म के हजारों चिथड़े ... नहीं नहीं मुझे इसी तरह बेजान पड़ा रहना होगा। रिस्क नहीं ले सकता, क्योंकि इस अंधेरे में पता ...और पढ़ेवह कब कहां से आएगा। मेरी हल्की सी भी आवाज उसे मेरी मौजूदगी का एहसास दिला देगी। और मैं तो नहीं चाहता की उसेे मेेेेरी मौजूदगी पताा चले। लगता है कुछ आहट महसूस हो रही है। आहट, साथ ही किसी चीज के घसीटे जाने की आवाज। लगता है कोई कुछ घसीट कर ले जा रहा है जमीन पर
उसने दरवाजे की तरफ देखा तो दरवाजा बंद हो चुका था और बाहर से कोई दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रहा था। " लगता है इस घर का मालिक आ गया है । लेकिन अगर घर का मालिक है ...और पढ़ेघर के दरवाजे पर दस्तक देने की क्या जरूरत है और सीधा अंदर आ सकता था।" दबे पैरों से वो सीढ़ियां उतर कर नीचे आने लगा। अभीभी दरवाजे के ऊपर दस्तक हो रही थी। धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए दरवाजे की तरफ चलने लगा। वो काफी डर गया था। अब दरवाजा 10 से 15 फीट की दूरी पर ही था कि
वह काफी देर तक मुझे समझाता रहा और मैं चुपचाप मुस्कुराते हुए दोनों को बाय बोलकर अपनी कार से घर के लिए निकला। काश उस वक्त मैने उसकी बात मान ली होती तो आज ये नौबत नहीं ...और पढ़े लगता है कोई आवाज आ रही है। एक जानी पहचानी आवाज जो कुछ देर पहले मैंने सुनी थी। जमीन पर किसी के घंसीटेजाने की आवाज। आवाज उस दरवाजे के बिल्कुल दूसरी तरफ से आ रही है। मतलब , मतलब वह शैतानी ताकत इस दरवाजे की दूसरी तरफ मौजूद है ? मतलब वो किसी भी वक्त दरवाजे से होते हुए भीतर आ