निशा शर्मा लिखित उपन्यास सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा।

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सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। द्वारा  निशा शर्मा in Hindi Novels
ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान द...
सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। द्वारा  निशा शर्मा in Hindi Novels
"अरे भाई आज कोई उठेगा भी या नहीं ? अरे ! सूरज देखो कहाँ चढ़ गया है और आज तो मेरा बेटा बेचारा बिना कुछ खाए पिए ही ऑफिस चला...
सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। द्वारा  निशा शर्मा in Hindi Novels
तुम्हें सासू माँ से ऐसा नहीं कहना चाहिए था ! आखिर क्या जरूरत थी तुम्हें बोलने की ? वो तो मुझे सुना रही थीं और मैं सुन रह...