Saasu-Bahu.. EK rishta ulja sa book and story is written by निशा शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Saasu-Bahu.. EK rishta ulja sa is also popular in महिला विशेष in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। - उपन्यास
निशा शर्मा
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान दिया करो। पता है, सुबह से तीसरी बार मैं ये तुम्हारी बुक शैल्फ ठीक कर रही हूँ। प्लीज़ बेटा थोड़ा सा ध्यान रख लिया करो न और वैसे भी कल से मैं ये सब...कहते-कहते न जाने किस सोच में डूब गई रचना!!
ये लो भाई जो-जो तुमनें मंगवाया था, मैं वो सबकुछ ले आया हूँ बाजार से! अब बस तुम्हारा केक बनाने का सामान बचा है जो मैं शाम को जब अनुराग की किताबें लेने जाऊँगा, तब लेता आऊँगा क्योंकि वो केक शॉप उसी रास्ते में पड़ती है न!!
ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान दिया करो। पता है, सुबह से तीसरी बार मैं ये तुम्हारी बुक शैल्फ ठीक ...और पढ़ेरही हूँ। प्लीज़ बेटा थोड़ा सा ध्यान रख लिया करो न और वैसे भी कल से मैं ये सब...कहते-कहते न जाने किस सोच में डूब गई रचना!! ये लो भाई जो-जो तुमनें मंगवाया था, मैं वो सबकुछ ले आया हूँ बाजार से! अब बस तुम्हारा केक बनाने का सामान बचा है जो मैं शाम को जब अनुराग की किताबें लेने
"अरे भाई आज कोई उठेगा भी या नहीं ? अरे ! सूरज देखो कहाँ चढ़ गया है और आज तो मेरा बेटा बेचारा बिना कुछ खाए पिए ही ऑफिस चला गया और तो और मेरा पोता भी बेचारा खुद ...और पढ़ेब्रेड और जैम लेकर स्कूल चला गया" , केतकी जी ने अपनी कड़कती हुई आवाज में कहा और उन्होंने एक साथ कई बर्तन भी पटके जिसकी आवाज से रचना हड़बड़ा कर नींद से जाग गई और फुर्ती से दौड़ कर अपने कमरे से बाहर निकल कर , सॉरी सासू माँ बोलते हुए वॉशरूम के अंदर चली गई ! दरअसल रचना को
तुम्हें सासू माँ से ऐसा नहीं कहना चाहिए था ! आखिर क्या जरूरत थी तुम्हें बोलने की ? वो तो मुझे सुना रही थीं और मैं सुन रही थी फिर तुम क्यों बोले ? "यार रचना तुम भी कमाल ...और पढ़ेहो। आज तक जब मैं कभी नहीं बोलता था तो तुम कहती थी कि तुम कभी कुछ बोलते नहीं हो और आज जब मैं कुछ बोला हूँ तो तुम कह रही हो कि बोला क्यों ? हद्द है यार !", दीपक नें चिढ़े हुए स्वर में अपनी पत्नी रचना को जवाब दिया ! "दीपक तुम जाने दो ! तुम नहीं समझोगे