अनजान कातिल - उपन्यास
V Dhruva
द्वारा
हिंदी जासूसी कहानी
सभी पाठको को प्यारभरा नमस्कार?। काफी समय हो गया कुछ लिखे हुए। आज पहली बार एक सस्पेंस स्टोरी लिख रही हुं। कोई आइडिया नही सस्पेंस स्टोरी कैसे लिखूं? लिखावट मे अगर किसी भी जगह कोई त्रुटि लगे तो तुरंत ...और पढ़ेबताएंगा। और अपने अमूल्य प्रतिभाव जरुर दीजिएगा। इस कहानी का जीवित या मृत व्यक्ति से कोई वास्ता नहीं है। इसे बस मनोरंजन के रूप में ही पढ़े। **** करीब सात बज रहे थे। होटल में चारो तरफ अफरातफरी मची हुई थी। होटेल में आए हुए लोगो को एकतरफ बिठाकर मेईन गेट बंद करवा दिया गया था। होटल
सभी पाठको को प्यारभरा नमस्कार?। काफी समय हो गया कुछ लिखे हुए। आज पहली बार एक सस्पेंस स्टोरी लिख रही हुं। कोई आइडिया नही सस्पेंस स्टोरी कैसे लिखूं? लिखावट मे अगर किसी भी जगह कोई त्रुटि लगे तो तुरंत ...और पढ़ेबताएंगा। और अपने अमूल्य प्रतिभाव जरुर दीजिएगा। इस कहानी का जीवित या मृत व्यक्ति से कोई वास्ता नहीं है। इसे बस मनोरंजन के रूप में ही पढ़े। **** करीब सात बज रहे थे। होटल में चारो तरफ अफरातफरी मची हुई थी। होटेल में आए हुए लोगो को एकतरफ बिठाकर मेईन गेट बंद करवा दिया गया था। होटल
अपने भाग 1 में पढ़ा तावड़े इंस्पेक्टर मिश्रा की तरफ देखकर कहता है- सर! खूनी ने गोली अंधेरे मे चलाई। इसका मतलब वो उस अधेड़ शख्स के नज़दीक ही था। इं. मिश्रा- हां लाश की हालत देखकर लगता ...और पढ़ेहै गोली यही बाई ओर से नज़दीक से ही चली है। और वह अकेला भी नहीं था। तावड़े- आपको कैसे पता चला वह अकेला नहीं था? अब आगे, इं. मिश्रा- क्योंकि गोली तभी चली जब लाइट्स चली गई। कोई आदमी लाइट्स बंद करे और जल्दी से खून करने इस हॉल में नहीं आ सकता। क्योंकि इस रेस्तरां की लाइट्स की वायरिंग
आगे आपने पढा कि अमन सहगल की कार का एक्सीडेंट हो जाता है। एक्सीडेंट में ही उसकी मौत हो जाती है और इं. मिश्रा तहकीकात कर के अमन की बॉडी पोस्टमार्टम करने भेज देते है। अब आगे, इं. मिश्रा ...और पढ़ेघर पहुंचकर पहले तो नहाने जाता है। नहाकर फ्रेश होने के बाद वह किचन में कॉफी बनाने चला जाता है। कॉफी बनते ही उसे लेकर बाहर सोफे पर बैठता है और सोचता है 'आज इतनी सारी वारदात एकसाथ कैसे हो गई? ये तीनों एकदुसरे को पहचानते तो नहीं?' वह तुरंत ही अपने खबरी को फोन लगता है। खबरी के फोन
भाग 4 ------आगे हमने देखा कि इं। मिश्रा होटल के दो बैरो से अमन सहगल के बारे में पूछताछ कर रहा था। अमन की कोई बात उन्हें मालूम हो तो।अब आगे, जिसने हां में जवाब दिया वह इं. मिश्रा ...और पढ़ेकहता है - साहब! एक बार वह आए थे तब गुस्से में थे। मै जब ऑर्डर लेने के लिए उनके पास गया तो वह किसी को फोन पे डांट रहे थे। इं.- तुमने सुना कुछ क्या बोल रहे थे? बैरा- जी साहब! वह किसी से कह रहे थे कि 'अभी तक कंसाईन्मेंट भेजा क्यों नहीं है। वो मेरा बाप मेरा
भाग 5 दोनो अमन सहगल की ऑफिस पहुंचते है। वहां पर रिसेप्शन पर बैठा लड़का पुलिस को देखकर थोड़ा घबरा जाता है। तावड़े उसे पूछता है - तुम्हारे बड़े साहब आ गए ऑफिस? लड़का - उनकी तबियत नादुरस्त है, ...और पढ़ेदो दिनो से ऑफिस नही आ रहे। मै आपकी क्या सहायता कर सकता हुं सर? तावड़े कहता है - हमे आपके अमन साहब की ऑफिस दिखाइए, छानबीन करनी है। वह लड़का उन्हे अमन की ऑफिस के साथ साथ अपने बड़े साहब की ऑफिस भी दिखा देता है। फिर वापस अपनी जगह आ गया और अपने बड़े साहब को फोन करने