Real Incidents - उपन्यास
Anil Patel_Bunny
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे मुस्कान, और ...और पढ़ेये दोनों। कुछ घटनाएं समाज को गौरव दिलाती है, तो कुछ समाज को शर्मसार कर देती है। इस नवलकथा में ऐसी ही कुछ घटनाओं को आप सभी लोगो के सामने प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा, जिसमें हर एपिसोड में अलग-अलग और सच्ची कहानी होंगी, सिर्फ पात्र के नाम बदल दिए जाएंगे। उम्मीद है आप सभी इस नवलकथा को जरूर पसंद
नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे मुस्कान, और ...और पढ़ेये दोनों। कुछ घटनाएं समाज को गौरव दिलाती है, तो कुछ समाज को शर्मसार कर देती है। इस नवलकथा में ऐसी ही कुछ घटनाओं को आप सभी लोगो के सामने प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा, जिसमें हर एपिसोड में अलग-अलग और सच्ची कहानी होंगी, सिर्फ पात्र के नाम बदल दिए जाएंगे। उम्मीद है आप सभी इस नवलकथा को जरूर पसंद
Incident 2: तेरी बिंदिया रे शाम के 6 बज गए थे। सुभाष जी अपने कार्यालय का सारा काम निपटा कर अपने घर की ओर चल दिए। आज वे बहुत खुश थे। अपनी बीवी स्नेहा के ...और पढ़ेआज उनको तोहफ़ा लेने जाना था। आज उनकी बीवी का जन्मदिन जो था। सुभाष जी बाजार में खरीदी करने गए। एक छोटी सी दुकान पर जाकर वो रुके। वो दुकान सौंदर्य प्रसाधन (Cosmetic) की दुकान थी। “आइए, सुभाष जी! मुझे पता था आप जरूर आएंगे।” दुकानदार ने खुश होते हुए कहा। “हां, प्रसाद जी। आपको तो पता ही है आज
Incident 3: पुजारी आज से करीबन 2 साल पहले, हनुमान जी के मंदिर के बाहर आज भक्तों की लंबी कतार थी, आज हनुमान जयंती थी, और सभी छोटे बच्चों को आज बाल भोज (गुजरात में ...और पढ़ेभोजन’) कराया जा रहा था। अगर इतना पढ़कर आपको लगता है कि मैं किसी बड़े मंदिर की बात कर रहा हूँ तो आप गलत सोच रहे है। अमित के घर से थोड़ी दूर गली के एक कोने में बहुत छोटा सा मंदिर था, जिसमें हनुमान जी की छोटी सी मूर्ति स्थापित की गई थी। मंदिर छोटा सही पर वहाँ के पुजारी का दिल
Incident 4: अखरोटआज से करीबन 2 साल पहले,रोहन अपने दोस्तों के साथ मॉर्निंग शो में फ़िल्म देखने गया था। फ़िल्म खत्म होने के बाद उसने अपने दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में लंच किया। घर वापसी के समय उसे ट्रैफिक ...और पढ़ेसमस्या हुई इसलिए उसने शॉर्ट-कट रास्ता अपनाया। उस रास्ते पर कई सारे सब्जी और फल बेचने वाले लोग थे, जो अपनी-अपनी हाथ गाड़ियों के पास खड़े थे, कुछ लोग तो फुटपाथ पर ही फल और सब्जियां बेच रहे थे। ऐसे ही फुटपाथ पर अखरोट बेच रहे बच्चे पर रोहन की नज़र गई।“ऐ बच्चे, ये अखरोट क्या दाम दिए?” रोहन ने
“कहाँ है हमारी माँ?” राजेश ने कहा।“भाई तुम्हारी माँ को मरे हुए 1 साल हो चुके है।” सविता जी ने कहा।“नहीं हम ये नहीं मानते! वो यहीं है हमारे पास!” समीर ने कहा।बड़ी ही अजीब कशमकश थी, क्या करें ...और पढ़ेना करें ये समझ में नहीं आ रहा था। सविता जी और उनके साथ आए 3 लोग भी इस समस्या का समाधान कैसे ले आए इस पर विचार कर रहे थे।बात दरअसल कुछ ऐसी थी कि राजेश, समीर और गरिमा की माँ का देहांत हुए 1 साल हो गए थे। पर ये तीनों इस बात को स्वीकृत करने को तैयार
इंस्पेक्टर समशेर सिंह नाइट पेट्रोलिंग में थे कि तभी डिपार्टमेंट से कॉल आया, “हमें एक बच्चा मिला है, करीबन 5 महीने का है। कोई जंगल में फेंक गया था, आप तुरंत वहां रिपोर्टिंग करें।”समशेर सिंह तुरंत दिए गए पते ...और पढ़ेपहुंच गए। वहां पर उन्होंने देखा तो एक 5 महीने का बच्चा रो रहा था। उसे गोद में लिए कॉन्स्टेबल ने समशेर जी को बताया कि, “जंगल के पास ही एक गांव है, उसी गांव के कुछ बच्चे सुबह यहाँ मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे तभी उन लोगों को झाड़ियों में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी।
सूचना: इस सीरीज की सारी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है, पर पूरी कथा सच्ची नहीं है। इसमें लेखक की कुछ कल्पनाओं का सहारा भी लिया गया है। इन सभी कहानी का मकसद केवल मनोरंजन है। लेखक का इस ...और पढ़ेसे किसी का दिल दुःखाने का मकसद बिल्कुल नहीं है।मैरिज हॉल में शादी की तैयारी जोरों-शोरों से हो रही थी। दो परिवार आज एक होने जा रहे थे। अरेंज मैरिज का भी अपना अलग ही महत्व है। ये बिल्कुल अनजान लोगों को भी एक कर देता है। सिर्फ पति-पत्नी ही नहीं बल्कि दो परिवार भी इससे जुड़ जाते है। चारों
“तुम आज आ रहे हो ना?” नियति ने अतुल ने पूछा।“मैं अभी नहीं बता सकता, 8 बजे तक इंतजार करो। मैं तुम्हें 8 बजे के बाद बताता हूँ।” अतुल ने कहा।“क्यों? 8 बजे क्या है? अभी क्यों नहीं?” नियति ...और पढ़ेपूछा।“मैं अभी थोड़ा बिजी हूँ, मैं तुमसे बाद में बात करता हूँ।” अतुल ने कॉल कट कर दिया।अतुल और नियति दोनों एक ही ऑफिस में काम करते थे। दोनों पहले एक दूसरे को पसंद नहीं करते थे। एक तरफ नियति अतुल को घमंडी समझती थी तो दूसरी तरफ अतुल नियति को खडूस मानता था। एक कॉमन दोस्त की वजह से
राहुल जैन आज बहुत नर्वस था। आज उसे चैनल के लिए एक बहुत ही खास इंसान का इंटरव्यू लेना था। वो खास इंसान और कोई नहीं बल्कि डॉक्टर अरमान मेहरा थे। डॉक्टर अरमान मेहरा शहर के नामी गायनेकोलॉजिस्ट थे। ...और पढ़ेसाल वो अपने प्रोफेशन से रिटायर हुए थे। उनकी उम्र करीबन 62 साल थी। दूसरी तरफ राहुल जैन एक न्यूज़ चैनल की लिए 3 साल से रिपोर्टिंग करता था। उसके पिता भी उस न्यूज़ चैनल के लिए काम करते थे। राहुल को पहली बार किसी नामी इंसान का इंटरव्यू लेना था, इस वजह से वो नर्वस था। ये इंटरव्यू लाइव