Bund se sagar bane karmveer book and story is written by Rajesh Maheshwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bund se sagar bane karmveer is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बूंद से सागर बने कर्मवीर - उपन्यास
Rajesh Maheshwari
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
जबलपुर चेंबर आफ कामर्स के चेयरमैन प्रेम दुबे जी ने कहा कि विषय बहुत सामयिक एवं महत्वपूर्ण है। उद्योग, व्यापार या नौकरी में किसी एक का चयन करना अपने जीवन को नया स्वरूप देने के समान है। कोई भी युवा स्नातक, स्नातकोत्तर की डिग्री पाने के बाद उसमें इतनी परिपक्वता हो जाती है कि उसे आगे जीवन में क्या करना है? इसका निर्णय वह स्वयं अपने आप कर सकता है। उसे फिर भी अपने माता पिता, गुरू और अपने हितैषियों से भी सलाह लेना चाहिए परंतु उसको मन में यह दृढता रखना चाहिए कि उसका मन जो कहे वह वही करे। इसलिए कहा जाता है कि सुनो सबकी परंतु करो मन की। ऐसे समय में कोई गलत निर्णय हो जाएगा तो जीवन भर पछतावा बना रहेगा।
बूंद से सागर बने कर्मवीर प्रेम दुबे जबलपुर चेंबर आफ कामर्स के चेयरमैन ...और पढ़ेदुबे जी ने कहा कि विषय बहुत सामयिक एवं महत्वपूर्ण है। उद्योग, व्यापार या नौकरी में किसी एक का चयन करना अपने जीवन को नया स्वरूप देने के समान है। कोई भी युवा स्नातक, स्नातकोत्तर की डिग्री पाने के बाद उसमें इतनी परिपक्वता हो जाती है कि उसे आगे जीवन में क्या करना है? इसका निर्णय वह स्वयं अपने आप कर सकता है। उसे फिर भी अपने माता पिता, गुरू और अपने हितैषियों से भी सलाह लेना चाहिए परंतु उसको मन में यह दृढता
श्रीमती रश्मि धोपे श्रीमती रश्मि धोपे कनाडा के मांट्रियल एवं टोरंटो शहरों में कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर चलाती है, जहाँ इंजीनियर एवं आर्किटेक्ट को आटोकैड एवं इससे संबंधित कम्प्यूटर साफ्टवेयर के विषय में शिक्षा देती ...और पढ़ेउनका कथन है कि आज की दुनिया में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का सामना अपने लिए कैरियर चुनते समय ही दुविधा के साथ करना पडता है। उनके मस्तिष्क में अनेक विचार एव अपेक्षाओं का मंथन होता रहता है। एक युवा जिंदगी के चैराहे पर खडा है, उसे किस दिशा का चयन कर अपना भविष्य सुरक्षित करना है इस पर चिंतन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विवेक अग्निहोत्री (अमेरिका) विवेक अग्निहोत्री अमेरिका में विगत 25 वर्षों से अमेरिकी सरकार सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने जबलपुर से एम.एस.सी भौतिक विज्ञान में करने के बाद अमेरिका में एम.एस ...और पढ़ेसाइंस) में किया है। उनका कहना है कि स्नातकोत्तर करने तक कोई भी विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक योग्यता के कारण इतना परिपक्व हो जाता है कि वह स्वयं भविष्य में व्यापार या नौकरी का स्वमेव निर्णय लेकर जीवन में आगे बढ सकता हैं। आज के समय में मेरी सोच है कि कारपोरेट नौकरी बहुत ही विस्तृत एवं दिलचस्प दुनिया से आपका