ब्रह्मराक्षस - उपन्यास
Vaibhav Surolia
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
** ब्रह्मराक्षस - 1 **रात का समय था चारों और कोहरा ही कोहरा । दो अजनबी रात के समय मैं ब्रह्म वन से गुजर रहे थे । उन दोनों को ब्रह्म वन के बारे में नहीं पता था । ...और पढ़ेभ्रम वन शरणपुर के डरावनी जगहों में से एक जगह है माना जाता है कि वहां जो भी जाता है वहां से वह कभी लौटकर नहीं आता वहां पर उसकी सिर्फ हड्डियां ही मिलती है । और वह दो अजनबी शरणपुर में पहली बार आए थे और उन्हें भी भ्रम वन के बारे में नहीं पता था । वह दो अनजान
** ब्रह्मराक्षस - 1 **रात का समय था चारों और कोहरा ही कोहरा । दो अजनबी रात के समय मैं ब्रह्म वन से गुजर रहे थे । उन दोनों को ब्रह्म वन के बारे में नहीं पता था । ...और पढ़ेभ्रम वन शरणपुर के डरावनी जगहों में से एक जगह है माना जाता है कि वहां जो भी जाता है वहां से वह कभी लौटकर नहीं आता वहां पर उसकी सिर्फ हड्डियां ही मिलती है । और वह दो अजनबी शरणपुर में पहली बार आए थे और उन्हें भी भ्रम वन के बारे में नहीं पता था । वह दो अनजान
ब्रह्मराक्षस - 2 ?रात का समय था उसी भ्रम वन से जहां पर पहले दो युवकों की मृत्यु हो चुकी थी वह भी शहर में नया था उसको भी भ्रम वन के बारे में कुछ नहीं पता था।वह अपने ...और पढ़ेशांतनु के घर जा रहा था। उसकी किताबे लौटाने । ब्रह्म वन की सड़क बहुत सुनसान थी। उसे बहुत डर लग रहा था कुछ दूर चलने के बाद उसे ऐसा लगा कि उसका कोई पीछा कर रहा है।जब उसको लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है तो उसने तुरंत पीछे मुड़ कर देखा लेकिन पीछे कोई नहीं था सुनसान
शांतनु ने अपने सारे दोस्तों को ग्राम वन में जाने के लिए मना लिया था । लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह राक्षस कितना शक्तिशाली है । उन लोगों ने ब्रह्म वन में जाने का समय 9:00 ...और पढ़ेका रखा था। उन लोगोंं को कुछ नहीं पता था की ब्रह्मराक्षस वहां पर उन लोगों को आज मिलेगा या नहीं और अगर मिला तो वह उस से सामना कैसे करेंगे । उन सब दोस्तों ने जाने की तैयारी तो कर ली थी बस अब वह लोग 9:00 बजने का इंतजार कर रहे थे । रात के 9:00 बजेरात के 9:00 बज चुके