ब्रह्मराक्षस - 2 Vaibhav Surolia द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • कृष्ण–अर्जुन

    ⭐ कृष्ण–अर्जुन कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त हो चुका था।घोड़ों...

  • एक मुलाकात

    एक मुलाक़ातले : विजय शर्मा एरी(लगभग 1500 शब्दों की कहानी)---...

  • The Book of the Secrets of Enoch.... - 4

    अध्याय 16, XVI1 उन पुरूषों ने मुझे दूसरा मार्ग, अर्थात चंद्र...

  • Stranger Things in India

    भारत के एक शांत से कस्बे देवपुर में ज़िंदगी हमेशा की तरह चल...

  • दर्द से जीत तक - भाग 8

    कुछ महीने बाद...वही रोशनी, वही खुशी,लेकिन इस बार मंच नहीं —...

श्रेणी
शेयर करे

ब्रह्मराक्षस - 2

ब्रह्मराक्षस - 2 🎃

रात का समय था उसी भ्रम वन से जहां पर पहले दो युवकों की मृत्यु हो चुकी थी वह भी शहर में नया था उसको भी भ्रम वन के बारे में कुछ नहीं पता था।

वह अपने दोस्त शांतनु के घर जा रहा था। उसकी किताबे लौटाने । ब्रह्म वन की सड़क बहुत सुनसान थी। उसे बहुत डर लग रहा था कुछ दूर चलने के बाद उसे ऐसा लगा कि उसका कोई पीछा कर रहा है।

जब उसको लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है तो उसने तुरंत पीछे मुड़ कर देखा लेकिन पीछे कोई नहीं था सुनसान सड़क डरावने पेड़ के अलावा ।

जब उसे पीछे कोई नहीं दिखा तो वह फिर आगे चले लगा 10 कदम चलने के बाद उससे ब्राह्मण के जंगल से किसी भेड़िए के चिल्लाने की आवाज आई । वह बहुत डर गया था उसके पसीने छूट गए थे।

बिना कुछ सोचे समझे भागने लगा इतना डर गया था कि जो उसके हाथ में सामान था वह उसको उधर ही गिर के भागने लगा कुछ दूर भागते भागते मैं थक गया और उसको लगा कि अब सब कुछ ठीक हो चुका है पर...

जैसे ही वह पेड़ के नीचे आराम करने के लिए बैठा तभी उस ब्रह्मराक्षस उसे पेड़ के ऊपर से खींच लिया और उसकी मौत हो गई।

अगले दिन

जब यह बात पुलिस को पता चली तो वह वहां पर इन्वेस्टिगेशन करने लगे पुलिस वाले ब्रह्मराक्षस को नहीं मानते थे उनको लगा कि यह किसी इंसान का काम है ।

पुलिस को उसी सड़क पर कुछ दूरी पर किताबें पढ़ी हुई मिली जिसमें एक किताब पर राहुल का नाम था और दूसरी किताब पर शांतनु का । पुलिस इन्वेस्टिगेशन करने के लिए शांति के घर गई उसी किताब में शांतनु के घर का पता भी लिखा था

क्या शांतनु आप ही हैं (पुलिस)
हां पर आप यहां पर कैसे (शांतनु)
क्या यह आपकी किताब है (पुलिस किताब दिखाते हुए )
हां..पर यह आपके पास कैसे आई यह किताब तो मैंने राहुल को दी थी । (शांतनु चौक ते हुए )
देखिए राहुल की भ्रम वन में मौत हो चुकी है हमको यह किताबें वहीं से मिली । (पुलिस)
क्या......(शांतनु चौक ते हुए )
कब.. कैसे...(शांतनु चिल्लाते हुए)
देखिए यह तो अभी हमको भी नहीं पता हम इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं और उसी के लिए हम आपसे कुछ बात करना चाहते हैं ( पुलिस)

बहुत देर तक शांतनु और पुलिस के बीच बातें चलती रहीशांतनु को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब कैसे हुआ बस उसको इतना पता था कि यह सब ब्रह्मराक्षस ने किया है कि वह उस गांव में कई सालों से रहता था और उसको उस वन की सच्चाई के बारे में पता था

राहुल और शांतनु दोनों बहुत अच्छे मित्र थे जब उसे पता चला कि ब्रह्मराक्षस में उसके दोस्त को मार दिया तो उसने भी ठान लिया था कि वह ब्रह्मराक्षस को नहीं छोड़ेगा

ब्रह्मराक्षस सिर्फ भ्रम वन में ही मिल सकता था और वहां अकेले जाना जैसे अपनी मौत को बुलावा देना है इसलिए उसने अपने दोस्तों को यह सारी बात बताई और उनको अपने साथ भवन में जाने के लिए बोला

सब बहुत डरे हुए थे सब ने मना कर दिया था लेकिन शांत मैंने बोला कि हमारे दोस्त ब्रह्मराक्षस में मार दिया अब हमको उसको इंसाफ दिलाना ही होगा

और अगर हमने उस ब्रह्मराक्षस को नहीं मारा तो वह ना जाने कितने लोगों को मार देगा

यह सब कुछ सुनने के बाद उनके दोस्तों मैं हौसला आ गया भ्रम वन में जाने के लिए तैयार हो गए..



TO BE CONTINUED.....