राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - उपन्यास
Apoorva Singh
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
कहते है जहां शैतान होता है वहां भगवान भी होता है।अगर भगवान का अस्तित्व है तो शैतान का भी है।जीवन के इस सफ़र में कभी कुछ ऐसा हमारे सामने आकर घटित हो जाता है कि हमारे पास सहर्ष विश्वास ...और पढ़ेके अलावा और कोई ओर विकल्प शेष ही नहीं बचता।ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है।।हमारी इस कहानी के किरदार भी इन नकारात्मक शक्तियां, या कह लीजिए भूत प्रेत या फिर कोई हवा व्यार इन सब पर विश्वास नहीं करते थे।लेकिन फिर जीवन ने ऐसा मोड़ लिया जिसने इन सब की जिंदगी बदल दी।
कहते है जहां शैतान होता है वहां भगवान भी होता है।अगर भगवान का अस्तित्व है तो शैतान का भी है।जीवन के इस सफ़र में कभी कुछ ऐसा हमारे सामने आकर घटित हो जाता है कि हमारे पास सहर्ष विश्वास ...और पढ़ेके अलावा और कोई ओर विकल्प शेष ही नहीं बचता।ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है।।हमारी इस कहानी के किरदार भी इन नकारात्मक शक्तियां, या कह लीजिए भूत प्रेत या फिर कोई हवा व्यार इन सब पर विश्वास नहीं करते थे।लेकिन फिर जीवन ने ऐसा मोड़ लिया जिसने इन सब की जिंदगी बदल दी। सीन - 1 राजपुरा एक ऐसा
अकीरा की बात सुन कर मान के चेहरे पर परेशानी के भाव आ जाते हैं लेकिन वो उन्हे छिपा लेता है और कहता है "क्या तुम पागल हो गयी हो? भला डेट पर कोई ऐसी जगह भी जाता है।अरे ...और पढ़ेतो किसी अच्छी और सुरक्षित जगह जाते है आउटिंग के लिये और तुम दोनो अपनी सनक में राजपुरा के जंगलो में जा रहे हो जहाँ जंगली जानवर तो है ही साथ ही साथ न जाने कितनी बुरी आत्माओ का साया है।बताया तो था कल कि उस जंगल में जो भी जाता है और अगर वो भटक जाये तो फिर वापस
लाइब्रेरी में - किताबो की दुनिया में मान एक खोजी राहगीर की तरह भटक रहा है।जैसे एक खोजी राहगीर तब तक चलता जाता है जब तक कि उसकी इच्छा के अनुसार मंजिल नही मिल जाती है। ...और पढ़ेतरह मान भी राजपुरा के उस भयावह जंगल के बारे में जानकारी जुटाने के लिये भट्क ही तो रहा है।कभी इस रो की किताबों का नाम पढता है तो कभी किसी दूसरे रो की ओर बढ जाता है इस उम्मीद से कि शायद उसे वहाँ कुछ जानकारी मिल जाये।लेकिन उसे कुछ नसीब नही होता थक हार कर वो वही पड़ी एक बेंच
राजपुरा के जंगल में सभी एक साथ कदम रखते हैं।दिन के उजाले में सड़क के किनारे से कुछ दूर होने भी मान को वहां एक अजब सी खामोशी का एहसास होता है।वहीं विवान की नजर जंगल की खूबसूरती पर ...और पढ़ेहै।जहां चारो ओर बस हरियाली ओढ़े पेड़ पौधे ही खड़े हैं।ये दृश्य देख विवान अकीरा का हाथ पकड़ लेता है और कहता है बेबी देखो न कितनी खूबसूरत जगह है ये पता नहीं लोग क्यूं इसके बारे में मनहूस बाते कहते है। शायद उनकी आंखे ही खराब होगी अकीरा ने हंसते हुए पलट कर कहा। हा हा हा हा बिल्कुल
मान,टीना,और विशाल तीनो अलग अलग जगह जाकर गिरते हैं।वो जगह देखने मे तो बिल्कुल साधारण लग रही हैं,लेकिन असलियत में अनगिनत माया से रची हुई हैं। इस घटना को घटित हुए कुछ पल बीत जाते हैं। मान मूर्छित अवस्था ...और पढ़ेबाहर आता है।और आंखे खोल अपने चारों ओर देखता है।आसपास का दृश्य देख वो अपनी आंखे मींचता है और फिर खोलता है।ये क्या माजरा है।कहीं ये स्वप्न तो नही है दिवास्वप्न।मैं जल के मध्य इतनी आसानी से श्वांस कैसे ले पा रहा हूँ..!और ये क्या मेरे वस्त्र मुझे इतने हल्के प्रतीत हो रहे है और मेरी पॉकेट में ये काले
ये क्या माजरा है यहां दिख तो कुछ नही रहा फिर भी न जाने किस अदृश्य शक्ति से टकरा जाती हूँ।कहते हुए अकीरा अपने हाथ को आगे करते हुए बढ़ती है।जहां वो उसे किसी वस्तु के सामने होने का ...और पढ़ेमहसूस होता है।वो आगे बढ़ती है और टटोलते हुए एक तरफ हटती चली जाती है।थोड़ा सा एक तरफ हो उसे स्पर्श महसूस होना बंद हो जाता है तो वो उस तरफ से आगे बढ़ जाती है। जलीय संसार में --- मान अपने माथे पर हाथ रख बैठा है।वहां घटित होने वाली घटनाएं उसे उसकी समझ से परे होती हुई महसूस