Jivan amulya hai book and story is written by Harsh Parmar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jivan amulya hai is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जीवन अमूल्य है - उपन्यास
Harsh Parmar
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
जीवन को कैसे जि यें ?माईकल जैक्सन 150 साल जीना चाहता था!किसिके साथ हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था!लोगो के बीच में जाने से पहले मुुंह पर मास्क लगाता था!अपनी देखरेख के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टस नियुक्त किए हुए थे!जो उसके सर के बाल से लेकर पाव के नाखून तक कीजांच प्रतिदिन कीया करते थे!उसका खाना लेबोटरी में चेक होने के बाद खिलाया जाता था!स्वयं को व्यायाम करवाने के लिए उसने15 लोगो को रखा हुआ था!माईकल जैक्सन अस्वेत था!उसने 1987 में प्लास्टीक सर्जरी करवाकर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था!अपने काले मा बाप और काले दोस्तोंंंं को
जीवन को कैसे जि यें ?माईकल जैक्सन 150 साल जीना चाहता था!किसिके साथ हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था!लोगो के बीच में जाने से पहले मुुंह पर मास्क लगाता था!अपनी देखरेख के लिए उसने अपने घर पर ...और पढ़े डॉक्टस नियुक्त किए हुए थे!जो उसके सर के बाल से लेकर पाव के नाखून तक कीजांच प्रतिदिन कीया करते थे!उसका खाना लेबोटरी में चेक होने के बाद खिलाया जाता था!स्वयं को व्यायाम करवाने के लिए उसने15 लोगो को रखा हुआ था!माईकल जैक्सन अस्वेत था!उसने 1987 में प्लास्टीक सर्जरी करवाकर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था!अपने काले मा बाप और काले दोस्तोंंंं को
गूगल पर माईकल जैक्सन को 8 लाख लोगों ने सर्च किया।ज्यादा सर्च करने कारण गूगल सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम हुआ और गूगल क्रेश गया।ढाई घंटे तक गूगल काम नहीं कर पाया!मौत को चकमा देने की सोचने वाले हमेशा ...और पढ़ेसे चकमा खा ही जाते है!सार यही है, बनावटी दुनिया के बनावटी लोग कुदरती मौत की बजाय बनावटी मौत ही मरते है!"क्यों करते हो गुरूर अपने चार दिन के ठाठ पर, मुट्ठी भी खाली रहेंगी जब पहुंचोगे घाट पर"कुछ गंभीर प्रश्न----चिन्तन अविस्य कीजिएगा.....क्या हम बिल्डर्स, अंजीनियर, डिजाइनर, केरटर्स,और डेकोरेटर्स के लिए कमा रहे है??हम बड़े बड़े कीमती मकानों और बहेद खर्चिली