Peacock book and story is written by Swatigrover in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Peacock is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Peacock - उपन्यास
Swatigrover
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
आरव अचानक नींद से जाग गया ? “फिर वही सपना देखा क्या तुमने? अरुणा ने पूछा ।“ “हां रिदा अभी भी मेरे सपनों में आती है और बड़ी उम्मीद से मुझे देखती है, हँसती है, फ़िर जोर से रोने लग जाती है। पता नहीं कब मुझे इन सपनों से छुटकारा मिलेगा”?? उसने अरुणा की तरफ बेबसी से देखते हुए कहा। “बुरा न मानना आरव, तुमने जो उसके साथ किया है, शायद उसी का एहसास कराने वो तुम्हारे सपनों में आ जाती है, खैर छोड़ो उठो । तुम्हारे रेगुलर टाइम पास वाले यंग एंड ओल्ड कम्युनिटी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे होंगे
आरव अचानक नींद से जाग गया ? “फिर वही सपना देखा क्या तुमने? अरुणा ने पूछा ।“ “हां रिदा अभी भी मेरे सपनों में आती है और ...और पढ़ेबड़ी उम्मीद से मुझे देखती है, हँसती है, फ़िर जोर से रोने लग जाती है। पता नहीं कब मुझे इन सपनों से छुटकारा मिलेगा”?? उसने अरुणा की तरफ बेबसी से देखते हुए कहा। “बुरा न मानना आरव, तुमने जो उसके साथ किया है, शायद उसी का एहसास कराने वो तुम्हारे सपनों में आ जाती है, खैर छोड़ो उठो । तुम्हारे रेगुलर टाइम पास वाले यंग एंड ओल्ड कम्युनिटी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे होंगे
दिल्ली की गलियों में लबालब पानी भरा हुआ है और इन्हीं गलियो में एक छोटा सा घर जहाँ छत पर खड़ी, वो बारिश को ...और पढ़े मासूमियत से निहारते हुए भीग रही है, वह चाहती है कि वह खूब नाचें छत की नाली से जाते हुए पानी को उसने कपड़े से बंद कर दिया है । छत पर भरे पानी में तैरने का मन तो है और तैरने की कोशिश भी कर रही है , तभी नीचे से आवाज़ आई, “ पीहू नीचे आजा! बेटा, बहुत बारिश है""। “आती हूँ, बाबा" बस थोड़ी देर और” पीहू ने कहा। “अरे ! आजा
“सोई नहीं पीकॉक क्या सोच रही है ? “ नानी ने प्यार से सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा । “नानी बाबा समझते नहीं है कि मैं डांस ...और पढ़ेचाहती हूँ । ठीक है मैं कॉलेज खत्म कर अपने पैरो पर भी कड़ी हो जाऊँगी, मगर मैं अभी डांस सीखना चाहती हूँ ताकि आगे चलकर किसी राष्ट्रीय स्तर पर नृत्य कर सको।“ पीहू ने तारे को देखकर उत्तर दिया । “हमेशा यह बाबा कहाँ समझते है? जानती है, मेरा नाम है तारा और वो अँगरेज़ मुझे ट्विंकल कहता था । अगर शायद मैंने हिम्मत की होती या उसने भी
“पीकॉक ले बेटा ये किताबें पकड़ और पढ़ाई शुरू कर दें । मन लगाकर पढ़ और पूरे मोहल्ले का नाम रोशन क।“ बाबा ने अपनी बची-कुची ...और पढ़े को ताव देते हुए कहा। “गिर जाएँगी ये मूंछे भी अगर ज्यादा छेड़गा और वैसे भी मोहल्ले का नाम तो किसी और तरह से भी रोशन किया जा सकता है।“नानी ने रसोई से ही चिल्लाते हुए कहा । “ अपनी तरह न बना देना अम्माजी मेरी पीहू को । पूरे हिमाचल को पता है आपके और उस अंग्रेज़ के इश्क़-मुशक के बारे में मेरी लाडो तो बस पढ़ाई करेंगीं”। बाबा ने अपनी सफाई
शास्त्री जी घर पर है ? आरव ने पूछा। कौन ? एक अधेड़ सी महिला ने दरवाज़ा खोला, फिर पूछा। “मैं शास्त्री जी से मिलना ...और पढ़ेचाहा रहा था, अगर आप बता दे तो आपकी बड़ी कृपा होगी, वैसे वो मुझे जानते है ।“ “आप कहिये कि आरव आया है।“ वह औरत अंदर गयी और कुछ मिनटों के बाद आरव एक पचास साल के आदमी के सामे बैठा नज़र आया। “बताओ यहाँ क्या करने आये हों ? जी मिश्रा अंकल ने मेरे बारे में आपसे बात की होगी कि मैं डांस सीखना चाहता हूँ ।“ आरव ने थोड़ा सकुचाते हुए कहा