Kishanlal Sharma लिखित उपन्यास भरोसा--अनोखी प्रेम कथा

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भरोसा--अनोखी प्रेम कथा द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"वाह--ब्यूटीफुल-अतिसुन्दर-बेमिसाल",बाएं हाथ मे लगी मेहंदी को देखकर प्रफ्फुलित होते हुए दाया हाथ आगे करते हुए रीना बोली,"...
भरोसा--अनोखी प्रेम कथा द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
जैसा निकाह से पहले नाज़िया ने सुना था,निकाह के बाद ठीक वैसा ही शौहर को पाया था।आजकल के युवकों को शराब,सिगरेट, गुटके की ल...
भरोसा--अनोखी प्रेम कथा द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
वह जाती तो कहा जाती?वह अपने अब्बा के पास लौट आयी।तलाक की बात सुनकर रहीस बहुत दुखी हुआ।पर कर कुछ नही सकता था।उसके धर्म मे...
भरोसा--अनोखी प्रेम कथा द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
वह कुछ समझ पाती उससे पहले दोनो ने उन्हें पकड़ लिया।"कौन हो तुम?छोड़ो मुझे"।नाज़िया दोनो आदमियों की पकड़ से छूटने का प्रयास क...
भरोसा--अनोखी प्रेम कथा द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"तो फिर तुम लोगो ने कोर्ट मैरिज कर ली?"नाज़िया की बात सुनकर रीना बोली।"नही",मेहंदी लगाना भूलकर नाज़िया अपने अतीत मैं फिर ख...