Aabhas book and story is written by Priya Saini in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aabhas is also popular in मानवीय विज्ञान in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अभास - उपन्यास
Priya Saini
द्वारा
हिंदी मानवीय विज्ञान
न जाने कितनी बार मुझे ये आभास होता है कि यह घटना पहले भी घटित हो चुकी है। जबकि ये संभव ही नहीं है कि कोई भी घटना या उसके पात्र उसी रूप-रेखा के समान फिर से वही सब करें जो पहले घटित हो चुका है। शायद यह एहसास आपको भी कभी न कभी होता होगा। अब मेरे लिए यह सामान्य सा हो गया है चूंकि यह मेरे साथ कुछ दिनों के अंतराल पर हो ही जाता है। अब मैं इसकी आदी हो गई हूँ पर जब यह मेरे साथ पहली बार हुआ था वो एहसास वो लम्हें बहुत कुछ
न जाने कितनी बार मुझे ये आभास होता है कि यह घटना पहले भी घटित हो चुकी है। जबकि ये संभव ही नहीं है कि कोई भी घटना या उसके पात्र उसी रूप-रेखा के समान फिर से वही सब ...और पढ़ेजो पहले घटित हो चुका है। शायद यह एहसास आपको भी कभी न कभी होता होगा। अब मेरे लिए यह सामान्य सा हो गया है चूंकि यह मेरे साथ कुछ दिनों के अंतराल पर हो ही जाता है। अब मैं इसकी आदी हो गई हूँ पर जब यह मेरे साथ पहली बार हुआ था वो एहसास वो लम्हें बहुत कुछ
वक़्त बीतने लगा तो हमनें सोचा कि जब तक स्वेता नहीं आती हम अपने डायलॉग की रिहर्सल करते हैं। हम हँसी मजाक करते हुए अपने डायलॉग की रिहर्सल करने लगे। तभी स्वेता का फोन आया, उसने बताया वह अपने ...और पढ़ेमें किसी काम में उलझी हुई है तो वह रिहर्सल के लिए नहीं आ सकती। ये सुनकर रानी और मैं निराश हो गए पर हम कर भी क्या सकते थे। फिर हम अकेले जितनी रिहर्सल कर सकते थे वह हमनें की। रिहर्सल भी पूरी हो गई थी परन्तु अभी मेरे भाई लेने नहीं आये थे