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होप इस हेल - उपन्यास
kuldeep vaghela
द्वारा
हिंदी थ्रिलर
होप इस हेलये एक काल्पनिक कथा है। जिसे रोचक बनाने के लिए कुछ वर्तमान प्रवाह, स्थान, संस्था, देश और अन्य उचित वस्तुओं का प्रयोग किया गया है। जिसका वस्तावमे हो रही घटनाओं के साथ संबंध या भूमिका नहीं है। एपिसोड १सूरज की पहली किरण अपने साथ नया दिन और उम्मीद लेकर आती। खिड़की से कमरे में आके उजाले की शुरुआत करते हुए वो उस के चेहरे पे पड़ी। उसकी पल्के हल्के से उठी और अधूरे सपने की तरह खुद को आजाद कराने के लिए माचलने लगी। एक साया ऊपर उठा और उस लड़की के शरीर का आभास देने लगा। वो धीरे
होप इस हेलये एक काल्पनिक कथा है। जिसे रोचक बनाने के लिए कुछ वर्तमान प्रवाह, स्थान, संस्था, देश और अन्य उचित वस्तुओं का प्रयोग किया गया है। जिसका वस्तावमे हो रही घटनाओं के साथ संबंध या भूमिका ...और पढ़ेहै। एपिसोड १सूरज की पहली किरण अपने साथ नया दिन और उम्मीद लेकर आती। खिड़की से कमरे में आके उजाले की शुरुआत करते हुए वो उस के चेहरे पे पड़ी। उसकी पल्के हल्के से उठी और अधूरे सपने की तरह खुद को आजाद कराने के लिए माचलने लगी। एक साया ऊपर उठा और उस लड़की के शरीर का आभास देने लगा। वो धीरे
होप इस हेलएपिसोड २२१ मार्च , २०२०मुंबई के एक रेस्टोरेंट में सेंटर टेबल पर रेड शिफॉन पेहने एक लड़की बैठी थी। बोझ लुकिंग गॉर्जियस, लग रहा था वो किसी का इंतज़ार कर रही थी। नीली आंखें और उसका वो ...और पढ़ेजिसमें एक अलग ही चमक थी। शायद वो अपने एक्सप्रेशन छुपा रही थी, या तो छुपाने की कोशिश कर रही थी। तभी वहां पर एक लड़का एंटर हुआ। उसने इधर उधर देखा और फिर उस लड़की के सामने आकर बैठ गया। "यू आर लेट।" उस लड़की बिना हावभाव के लड़केको देखे बिना ही बोल दिया।" ओ गॉड, तुम भी जानती हो
होप इस हेलएपिसोड ३मेरे मितवा, मेरे मीत रे, आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे। मोहम्मद रफी का ये पुराना गाना डॉक्टर मेबनको आकर्षित कर रहा था। अपनी बेंज़ कार में को अपनी लेब की तरफ जा रही थी। सोच ...और पढ़ेथी की लॉकडाउन स्टार्ट हुए 1 दिन हो गया है और अब उसकी वैक्सीन भी लगभग तैयार हो ही गई है। वो अपने देश पर गर्व करने वालोंके लिए एक बहुत अच्छा कारण बनने वाली है। लेकिन इससे कहीं ज्यादा उसने मानवता की सेवा की है, जो हमेशा से ही उसका सपना रहा था। बचपन में जब भी को अपने पापाके
होप इस हेलएपिसोड ४ अपनी हार्ले डेविडसनको मुंबईकी गलियों से गुजारता हुआ वो अपनी यादों को भी जी रहा था। जैसे-जैसे वो इस मुंबई को - इस शेहेर को देख रहा था वैसे - वैसे वो अपने पुराने मुंबई ...और पढ़ेइस नए मुंबईको एक साथ जी रहा था। वो देख रहा था कि कैसे कभी ये शेहेर पहले एक हसीनाकी तरेह मुस्कुराता हुआ खिलता हुआ था। इसके पीछे कई लोग खूनी इरादे लिए छिपे रहते थे। पर अब ये इरादे साफ-साफ दिखाई दे जाते हैं। जैसे कि कोई चुड़ैल बिना किसी के डर के पूरी रात घूमती रेहती हो। वैसे ही
होप इस हेलएपिसोड ५ समंदरके पास अपने मनको शांत करके विहान अपने रूम में वापस आया। तब तक रात के 9:00 बज चुके थे। अपना डिनर उसने रूम में ही मंगा लिया। वो बस टीवी ऑन करके बैठे बैठे ...और पढ़ेआगे के काम के बारे में सोच रहा था। उसे ये तो पताथा कि उसे किसको मारना है, लेकिन उसका तरीका अभी भी खोज ही रहा था। बिना सबूत छोड़ें इस इंसानको मारना बहोत मुश्किल था। लेकिन फिर भी उसे ये काम करना तो था ही।तभी सामने फिल्ममें एक डायलॉग सुनकर उसे एकदमसे नई ऊर्जा मिल गई। - जो नज़र म