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फ्लाई किल्लर - उपन्यास
SR Harnot
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (1) उस चिनार के पेड़ पर सारे मौसम रहते थे। उसके नीचे लगी लोहे की बैंच अंग्रेजों के ज़माने की थी जिस पर वह बैठा रहता था। वह कई बार अपनी उंगलियों के पोरों पर हिसाब लगाता कि इस चिनार के पेड़ की उम्र इस बैंच से कितनी छोटी रही होगी लेकिन वह सही सामंजस्य नहीं बिठा पाता। वह आस-पास खड़े आसमान को स्पर्श करते देवदारों से बतियाना चाहता, जिन पर वह विश्वास कर सकता था कि इस दुर्लभ चिनार के पेड़ को किस समय और किस मौसम में रोपा गया होगा। वह नगर निगम
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (1) उस चिनार के पेड़ पर सारे मौसम रहते थे। उसके नीचे लगी लोहे की बैंच अंग्रेजों के ज़माने की थी जिस पर वह बैठा रहता था। वह कई बार अपनी उंगलियों के पोरों ...और पढ़ेहिसाब लगाता कि इस चिनार के पेड़ की उम्र इस बैंच से कितनी छोटी रही होगी लेकिन वह सही सामंजस्य नहीं बिठा पाता। वह आस-पास खड़े आसमान को स्पर्श करते देवदारों से बतियाना चाहता, जिन पर वह विश्वास कर सकता था कि इस दुर्लभ चिनार के पेड़ को किस समय और किस मौसम में रोपा गया होगा। वह नगर निगम
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (2) उसका माथा पसीने से तरबतर था। जितना पोंछता उतना ही गीला हो जाता। अपने को इतना कमजोर और असहाय कभी महसूस नहीं किया जितना उसने इन दिनों बैंक की लाइन में खड़े खड़े ...और पढ़ेथा। उसने कई बार बैंक में फोन पर बात करनी चाहिए लेकिन सभी के फोन बंद मिले। दिन को अब वह बेटे के कमरे में जाकर समाचार देख लिया करता था। जिस चैनल पर भी देखों, बैंक के बाहर लम्बी लम्बी लाइनें ही नजर आतीं। कहीं पैसों के लिए झगड़े होते तो कहीं भीड़ पर पुलिस वाले लाठियां बरसाते रहते।
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (3) एक दिन पंक्ति में खड़ी-खड़ी वह अचानक गिरी और बेहोश हो गई। उसने अपने नोटों की परवाह न करते हुए तत्काल उसे अपनी बोतल से पानी पिलाया और 108 एंबुलैंस को बुला कर ...और पढ़ेभिजवा दिया। वह कभी उससे उसके परिजनों के बारे में भी नहीं पूछ पाया। न ही उसने कभी किसी और को उसके साथ देखा। जब उसे एम्बुलैंस में स्ट्रेचर पर रख रहा था तो उसकी मुट्ठी में एक नोट दिखा। उसने धीरे से उसे खींचा और देखा कि वह पांच सौ का पुराना नोट है। वह अचम्भित रह गया कि
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (4) उसे महसूस हुआ कि उसका रक्तचाप बढ़ रहा है। उसने तत्काल बिजली जला दी थी। वह दूसरे कमरे में सोई पत्नी को उठा कर रक्तचाप मापने की मशीन को मंगाकर अपना रक्तचाप देखना ...और पढ़ेथा लेकिन उसकी नजर जब घड़ी पर पड़ी तो वह रूक गया। रात का एक बज रहा था। उसने बिजली बुझा दी और पुनः सोने का प्रयास किया। लेकिन नींद कोसों दूर भाग गई थी। अंधेरे में जैसे ही आंखें बंद कीं उसे कुछ बड़ी राजनीतिक और बौद्धिक हत्याएं याद आ र्गइं। उसके मस्तिष्क में पहले कई राजनेता आए और
फ्लाई किल्लर एस. आर. हरनोट (5) वह चुपचाप कौवे की कथा सुन रहा था। हालांकि उसके मन में कई प्रश्न थे पर वह शांत बना रहा। कौवा बताए जा रहा था......... अब समस्या यह थी जीवन कुमार कि इन ...और पढ़ेमुसीबतों से राजा को मुक्ति कैसे मिले.....? इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लिए उसने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जिसमें महज उसके बेहद विश्वसनीय तीन लोग थे। उन्हें इस काम के लिए पूरी छूट और सुविधाएं दी गईं। इससे पूर्व उस राजा को किसी ने एक ऐसा सूट भेंट किया था जिसमें उस देश की पच्चास प्रतिशत जनता