Sarita Sharma लिखित उपन्यास सिर्फ तुम..

सिर्फ तुम.. द्वारा  Sarita Sharma in Hindi Novels
सिर्फ तुम... यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे कुछ तुम दर्द में थे, कुछ हमें भी गिले थे.. ये अधूरा इश्क़ कब पूरा सा हुआ, कब अ...
सिर्फ तुम.. द्वारा  Sarita Sharma in Hindi Novels
दिन बीत रहे हैं बोझिल से,मेरे हर दिन के,हर हिस्सों मे तुम सुर्ख़ियों में हो,मैं गुमनाम कहीं खोयी हूं,गुमनामी के अंधेरों म...
सिर्फ तुम.. द्वारा  Sarita Sharma in Hindi Novels
सिर्फ तुम-3दर्द जब हद से बढ़ जाता है,चीखना चाहते है..चिल्लाना चाहते है. मन में जमी धूल एक पल में निकालना चाहते है...चाहत...
सिर्फ तुम.. द्वारा  Sarita Sharma in Hindi Novels
सिर्फ तुम-4खत्म हो जाते हैं कुछ रिस्ते यूँही,बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,और साथ में खत्म हो जाती है ज़िन्दगी,जो जी रही होती...
सिर्फ तुम.. द्वारा  Sarita Sharma in Hindi Novels
सिर्फ तुम-5 चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ, फिर से किसी मोड़ पर मिलें, और फिर से दिल हार जाएं... पर इसबार जो मिलेंगे तो...