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वो कौन?? - उपन्यास
Uma Vaishnav
द्वारा
हिंदी जासूसी कहानी
वो हैं कौन?? 14 फरवरी,मोबाइल की रिंग ट्यून बजती हैंगुप्त..गुप्त...गुप्त... ???..रिंग सुनते ही प्रशांत की आँख खुलती हैं, प्रशांत आँखे मशलता हुआ... मोबाइल में नंबर देख..... कॉल उठाता है..प्रशांत.... बोलो निधि,.. किस का मर्डर हुआ है, कहाँ पहुँचना है???निधि... अरे... बिना कुछ कहे.. ही.. पूछ रहे हैं, किसका मर्डर हुआ??... ?प्रशांत :- अब इतनी सुबह.. तुम मुझे वेलेंटाइन डे विश करने के लिए तो कॉल करोगी नहीं.. ?कहानी को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि निधि और प्रशंसा एक साथ एक डिटेएक्टिव ऑफिस में काम करते हैं, और दिल ही. दिल में एक दूसरे को चाहते हैं, किन्तु
वो हैं कौन?? 14 फरवरी,मोबाइल की रिंग ट्यून बजती हैंगुप्त..गुप्त...गुप्त... ???..रिंग सुनते ही प्रशांत की आँख खुलती हैं, प्रशांत आँखे मशलता हुआ... मोबाइल में नंबर देख..... कॉल उठाता है..प्रशांत.... बोलो निधि,.. किस का मर्डर हुआ है, कहाँ पहुँचना ...और पढ़ेअरे... बिना कुछ कहे.. ही.. पूछ रहे हैं, किसका मर्डर हुआ??... ?प्रशांत :- अब इतनी सुबह.. तुम मुझे वेलेंटाइन डे विश करने के लिए तो कॉल करोगी नहीं.. ?कहानी को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि निधि और प्रशंसा एक साथ एक डिटेएक्टिव ऑफिस में काम करते हैं, और दिल ही. दिल में एक दूसरे को चाहते हैं, किन्तु
प्रशांत दूधवाले से .... रोज यूं ही बिना नॉक किये ही घर में घुस जाते हो? दूधवाला... अरे... नहीं.. नहीं .. साहब..वो.. तो. कभी-कभी दरवाजा खुला हो तो मैं चुपचाप दूध रखकर चला जाता हूँ, फिर मेमसाब ने ...और पढ़ेकहा है, यदि दरवाजा खुला हो तो दूध रख दिया करो।आप चाहे तो पूछ लीजिए मैडम से.... आप ही बताइए ना मैडम... मै तो आप के कहने पर ही... सीधा अंदर आता हूँ। प्रशांत कुछ सोचते हुए दूधवाले से कहता है, हाँ.. हाँ ओके... ठीक है, तुम जा सकते हो।. तभी शालिनी का मोबाइल बजता है, शालिनी थोड़ी घबरा जाती हैं।
भाग.. 3 प्रशांत सभी के चारो ओर धोरे धीरे कदम से चक्कर लगाते हुए। कहता है शालिनी जी... आप निशा जी पर किताना भरोशा करती है। शालिनी... खुद से भी ज्यादा। प्रशांत... Ohh... Really... बहुत अच्छी बात है, पर ...और पढ़ेवो इस भरोशे के लायक है। शालिनी.... जी.. जी.. बिल्कुल.... आप ऎसा क्यू कह रहे हैं, आखिर उसने क्या किया है। प्रशांत..... शालिनी जी.. शांति.. शांति.. अभी सब कुछ पता चल.. जायेगा... क्यू बंटी? प्रशांत बंटी की तरफ बढ़ते हुए। बंटी घबराते हुए... जी.. साहब... हमे क्या पता... हम इस बारे में कुछ नहीं जानते। प्रशांत बंटी की बात सुन