Paanch sawal aur shoukilal ji book and story is written by Krishna manu in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Paanch sawal aur shoukilal ji is also popular in हास्य कथाएं in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पाँच सवाल और शौकीलाल जी - उपन्यास Krishna manu द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 7.2k Downloads 20.7k Views 11 Likes Writen by Krishna manu पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण शौकीलाल जी के बढ़ते कदम में मैंने बेड़ी डाल दी। ज्योंही वे मेरे क्वाटर के सामने से गुजरने लगे, मैं उन्हें घेर कर खड़ा हो गया। शाम के आठ बजने वाले थे। मैं फुर्सत में था। टाइम पास करने के लिए मुझे किसी बैठे-ठाले की तलाश थी। तभी लपकते-झपकते चले आ रहे शौकीलाल जी पर मेरी नजर पड़ गई। आरे वाह, इसी को कहते हैं- जहाँ चाह, वहाँ राह। गप्पें मारने के लिए भला शौकीलाल जी से अधिक उपयुक्त पात्र और कहाँ उपलब्ध हो सकता है! बहत दिनों से उनसे मिला भी नहीं था। More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 1 New शौकीलाल जी के बढ़ते कदम में मैंने बेड़ी डाल दी। ज्योंही वे मेरे क्वाटर के सामने से गुजरने लगे, मैं उन्हें... Read Free Novels पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 2 New लंबे डग भरते हुए शौकीलाल जी घर आये। मैं भी साथ था। घर आकर उन्होंने बड़ा अधीर होकर टीवी चलाया। फिर देखने में ध्यान मग्न ह... Read Free Novels पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 3 New शौकीलाल जी ने लापरवाही से जवाब दिया-' अरे छोड़ो यार, अब तो लोक सेवा आयोग, बैंकिंग सेवा आदि त्यागकर लड़के इसी की तैयारी... Read Free //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>