महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ?

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आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ़े हुए बच्चे बोलते हैं "धींगा" फिर घोड़ी बने हुए बोलते हैं उतरो धींगा हम चढ़े " फिर ऊपर चढ़े बच्चे घोड़ी बन जाते हैं और वे ऊपर चढ जाते हैं । यह खेल इसी क्रम मे चलता रहता है । ठीक ऐसे ही महिला पुरूषों से इसे जोड़कर देख सकते हैं । कभी महिला पुरूषों पर भारी होगी

नए एपिसोड्स : : Every Wednesday & Saturday

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 1

आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ़े हुए बच्चे बोलते हैं "धींगा" फिर घोड़ी बने हुए बोलते हैं उतरो धींगा हम चढ़े " फिर ऊपर चढ़े बच्चे घोड़ी बन जाते हैं और वे ऊपर चढ जाते हैं । यह खेल इसी क्रम मे चलता रहता है । ठीक ऐसे ही महिला पुरूषों से इसे जोड़कर देख सकते हैं । कभी महिला पुरूषों पर भारी होगी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 2 - वैचारिक भिन्नता

भारतीय महिलाएं पश्चिमी देशों के तौर तरीके इस लिए अपनाने लगी क्योंकि उसे अपने रहन सहन से श्रेष्ठ मानने इसी तरह पुरूष भी पश्चिमी संस्कृति को श्रेष्ठ मानकर उसका अनुसरण करने लगा । मानसिकता का विभाजन -- पहली श्रेणी-पहले भाग में वे लोग आते हैं जो कुछ हटकर नया करना चाहते हैं,अलग दिखाई देना चाहते हैं । वे अपने रहन सहन को जहां रहते है उससे अलग ही प्रस्तुत करना चाहते हैं । दूसरी श्रेणी - दूसरी श्रेणी उनकी है जो पहल तो नहीं करते किन्तु अनुसरण करने लग जाते हैं उसे आधुनिक दौर मानकर अपनाते चले जाते हैं ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 3 - कवियों ने नारी को भोग्य वस्तु बन

अध्याय 3 नारी भोग्या क्यों ?नारी तुम पुरूषों के समान ही थी तुम्हारे पास सारे अधिकार थे तुम समाज आदरणीया रही । क्यों तम्हारे शरीर को आकर्षण का हेतु बनाया गया । क्यों पुरातन काल में कवियों की कलम तुम पर चली क्यों तुम्हारी प्रतिभा को सौन्दर्य के प्रतिमानों से ढ़क दिया गया। कवियों ने तुम्हारे शरीर सौष्ठव को सौन्दर्य सौष्ठव मे क्यो परिणित कर दिया तुम्हारा इस तरह से वर्णन होता रहा फिर भी तुम मौन रही,और मौन समर्थन देती रही तुम्हारे इस मौन ने तुम्हे आकर्षण की वस्तु बना दिया ।हे नारी तुम्हारे लिए कवियों की कलम ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 4 - सत्य घटना पर आधारित कहानी

लेखन तिथि 28/4/2022 कहानी 1 पात्र - 01 केतकी - आधुनिक लड़की (फैशन डिजाइनर)02 अभय सिंह- केतकी का पति मे नायक)03 विजय - केतकी का पिता एक (व्यवसायी) 04 संतोष - केतकी की माता (गृहणी)05 पूरण सिंह - केतकी का ससुर (पत्रकार)06 कस्तुरी - केतकी की सासु (गृहणी)नारी कोमल भी है और कठोर भी है, नारी चंचल भी है और स्थिर भी है, नारी सृजन भी है और प्रलय भी है, नारी संस्कार भी है और संस्कृति भी है ।नारी करूणा है दया है श्रद्धा है विश्वास है, लज्जा है शील है नम्रता है,भोग है योग है, नारी रमणी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 5 - सत्य घटना पर आधारित

लेखन तिथि - 01 मई 2022 सभी का ध्यान अभय के मित्र पर .. सीएच एम बोला .. अभय बताना वह.. नायकी केडर में पास हो गया है ...10 मई से फ़ायरिंग का इंटर कंपटीशन है ..अभय का फ़ायरिंग में नाम है तो बता देना बची हुई छुट्टी बाद में कटवा देंगे ..टाइम से रिपोर्ट कर देगा .. हां तुम्हारा नाम नहीं है तुम अपने टाइम से आ जाना ..ठीक है सर ..रामराम सर ! सभी चुप थे..मित्र ने मोबाइल अपने कान से हटाया ..फोन काटते हुए बोला ..अभय मेरे दोस्त मुबारक हो तुम नायक बनने वाले हो ..भाभी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 6

केतकी मन में सोच रही थी.. खुशी की बात हो और खुशी न हो.. यह कैसे हो सकता है अभय का नेचर ही ऐसा है ..या शादी की थकान है..सास ने केतकी से कहा ..बहु ये पडौस की महिलाएं अभी तुम्हारे पास आयेंगी बातें करेंगी ..इनको प्रणाम करना ..हमारे यहां पांव दबाये जाते हैं..जानती है या समझाऊं..नही नही मम्मी मैं जानती हूँ ..आप तो बता दीजिएगा किस किस के पांव लगना है ..ठीक है मेरी नणद है उसको भेज देती हूँ वह समझा देगी .. नणद आ गयी बोली ..केतकी मै बुआ हूँ ..केतकी झट से खड़ी होकर पांव ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 7

सबसे पहले.. घर के सबसे बड़े ससुर ..आकर खड़े हो गये..बुआजी बोले ..बहु इनके पांव पकड़ लो ..केतकी ने ही किया ..बड़े ससुर नीचे झुका तो केतकी को लगा अब ये भी घूंघट में झांकेंगे ..पर ऐसा नही हुआ बड़े ससुर ने 500 रूपये दिये और पीछे हट गये .. अब ससुर पूरणसिंह आये ..केतकी ने उनके भी पांव पकड़े ..ससुर बोला ..ले बेटा ..ससुर नीचे बैठ गया ओर लाल रंग की थैली खोल दी जिसमें रूपये सिक्के भरे थे ..ससुर बोला अपने दोनों हाथों से जितना ले सकती हो निकाल लो ..केतकी सोचने लगी कम निकालूं या ज्यादा.. ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 8

केतकी का पिता समझ नही पा रहा था आखिर ऐसा क्या हुआ जो मेरी फूल सी बेटी सिसक सिसक रो रही है । केतकी की मा बोली ..मुझे दो फोन ..मै बात करती हूँ ..शायद..मुझे बता दे क्या हुआ है ? हैलो.. बेटा ! केतकी ! क्या हुआ बेटा मुझे बता .. मेरा दिल बैठा जा रहा है ..मा ..मा..उनका एक्सीडेंट हो गया ..सब हॉस्पिटल गये हैं ..बेटा किसका एक्सीडेंट..? अभय का ..सिसकने की आवाज ..मा ..मा..मै क्या करू मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा ..केतकी फफक फफक कर रोने लगी ..मा एकदम चुप ..चेहरा भय से आशंकित.. ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 9

फोन पर पूरण सिंह केतकी का ससुर बात कर रहा था ..सभी का ध्यान पूरणसिंह पर था..पूरणसिंह के चेहरे आने वाले भावों को देख सभी हैरान थे । पूरणसिंह ने फोन पर कहा सर ! आज शाम तक आपसे मिल लेता हूँ ।फोन कट करते हुए पूरणसिंह बोला ..थाने से फोन था ..बोल रहा था एफ आई आर दर्ज हुई है अभय के खिलाफ.. सब अवाक थे ..कस्तुरी केतकी सास रुआँसी होकर बोली ..अब यह क्या मुसीबत आगयी ..आजतक थाना कचहरी हमारे खानदान में नहीं हुई ..अभय बोला ..माॅ..आप शांत हो जाओ..क्या बात है पापा ..किसने करवाई है एफ ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 10

केतकी ठिठक कर रूक गयी ..पीछे मुड़कर देखने लगी ..केतकी समझ नही पा रही थी ..यह क्या हो रहा ? फिर से अभय बोला अंदर कौन है ? केतकी बोली मेरा भाई और उसका दोस्त है, दोपहर को आये थे । सभी मुस्कुरा दिये .. केतकी का ससुर बोला ..हां हां ब्याई जी ने बताया था ..मेरे दिमाग से ही निकल गयी मैं उन्हें बताना भूल गया कि अभय अभी एक महिने बाद जायेगा । खैर कोई बात नहीं उनको भी बाहर लिवा लाओ साथ में बैठते हैं । केतकी की सास आगे बढ़ी ..अंदर गयी कमरे के अंदर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 11

सभी चौक में बैठे बैठे बात कर रहे थे, एकाएक दो औरतें आकर नाचने लगी, पांव उछाल उछाल कर मटका रही थी । सब उन्हें देखने, घर के आंगन में इकट्ठे हो गये, दरवाजे पर, ओर दो महिलाएं ढोलक मंजीरे लिए थी , तभी अंदर से केतकी व उसकी सास भी बाहर आंगन में आ गयी । केतकी की सास ने अपना दाहिना हाथ.. उपर कर ..उन्हें रूकने को कहा । लेकिन वे महिलाएं अब.. केतकी की सास के चारों ओर घूम घूमकर नाचने लगी .. महिलाएं कस्तुरी (केतकी की सास) को बधाई दिये जा रही थी । कस्तुरी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 12

बुआ केतकी के कुम्हाये चेहरे को देख मुस्कुराई..केतकी ने फोन कट दिया और बुआजी से बोली ..बुआजी अभय की रहने दीजिए वे अभी सो रहे हैं ..बुआ जी ठीक है ..तुम तैयार हो जाओ .. केतकी ने हां में सिर हिलाया .. तुम्हारे भैया को भी उठाकर आ गयी हूँ ..आज हम सभी सालासर बालाजी के दर्शन करने चलेंगे ..केतकी बोली ..बुआजी मैने नाम सुना है पर देखा नहीं ..क्या हम खाटू श्याम जी भी चलेंगे ? बुआजी बोली ..देखो केतकी मैने जितना भाभी से सुना था, वह बता दिया ..ठीक है..केतकी ने कहा बुआजी ! कितने बजे जायेंगे ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 13 - केतकी का प्यार

केतकी अपने ससुराल वालों के साथ सालासर जा रही है , केतकी की सास कनखियों से केतकी व अभय रह रहकर देख रही है । गाड़ी में भजन बज रहा है , ड्राईवर गाड़ी चला रहा है ..ड्राईवर ने एकाएक ब्रेक लगाया.. ओह ..सभी आगे देखने लगे ..केतकी की सास का ध्यान टूटा ..हड़बड़ाहट से बोली क्या हुआ ..कुछ नही एक बिल्ली थी ..गाड़ी के नीचे ..आ गयी ..अभय गाड़ी से उतरकर देखने लगा ..बिल्ली गाड़ी के पीछे ..सड़क पर चित्त पड़ी थी ..ड्राईवर भी नीचे उतरकर आगया ..अभय ने ड्राईवर को कहा..पानी लाओ ..ड्राईवर ने गाड़ी से पानी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 14 - पुरूषों को शक की बिमारी क्यों होत

केतकी व अभय में आपस में बात चीत चल रही थी, केतकी अभय के प्रश्नों से दुःखी थी । समय सामने से अपने भाई को आते देख .. केतकी बोली.. भाई मै यहां हूँ ..इधर आजाओ ..चलो.. मैं मंदिर दिखाती हूँ .. अभय ने अपने साले को देखकर कहा ..आप कहां रह गये थे ..? केतकी जाते हुए अभय की तरफ देखकर बोली.. मै भाई से ही बात कर रही थी ..इसको जब अपने साथ नहीं देखा तो मुझे फिकर हो गयी थी .. अभय मन ही मन सोचने लगा भाई से बात कर रही थी किन्तु यह तो ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 15 - कजरी की कहानी - 1

सालासर से लौटने के बाद केतकी अपने पीहर जाने के लिए उत्साहित हो रही थी । केतकी का पति भी अपने ससुराल जाने के लिए तैयार हो गया था । केतकी के ससुर ने एक टाटा सुमो गाड़ी किराये से बुलवा ली थी । ड्राईवर ने एक तरफ का गेट खोल रखा था और शीशे पर कपड़ा मार रहा था । अभय ने पीछे की सीट पर केतकी के दो बैग रख दिये ..केतकी को साथ लिए कस्तुरी (केतकी की सास) व मौहल्ले की महिलाएं गीत गाती हुई गाड़ी तक आई ..केतकी गाड़ी मे बैठ गयी.. केतकी के बैठते ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 16 - कजरी की कहानी 02

केतकी की मा संतोष.. कजरी की बातें सुन कर इमोशनल हो रही थी .. उसी समय कजरी मा ने की पोल खोल दी ..कजरी चुलबुली है यह सब जानते थे किंतु कजरी का यह नया रूप संतोष की समझ से बाहर था .. कजरी रोने की एक्टिंग कर रही थी किन्तु उसकी मम्मी ने पोल खोल दी ..अपनी पोल खुल जाने पर ..केतकी आगे पीछे झुक झुक कर हंसने लगी ..उसे हंसता देख संतोष ने उसकी पीठ पर हथेली से पीटते हुए कहा ..छोरी तुझे मैं ही मिली ..उसी समय बाहर से फिर से आवाजें आने लगी ..अबकी बार ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 17 - कजरी की कहानी - 3

केतकी और कजरी एक सोफे पर और अभय इनके सामने वाले सोफे पर बैठा है । कजरी ने दोनों कहा आपकी जोड़ी परफेक्ट है ना , सवाल पूछ लिया तो दोनों असहज हो गये थे । केतकी के पापा जब अभय से मिलकर चले गये तो कजरी ने फिर से वही सवाल कर बात शुरू कर दी..केतकी और अभय आपस में ही.. जब तेज आवाज मे बोलने लगे तो कजरी ने उन्हे रोका और कहा कि अंकल सुन लेंगे तुम दोनो मुझसे कहो क्या बात है ? अभय बोला अपनी प्यारी सहेली से ही आप पूछ लीजिए ..अभय यह ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 18 - कजरी की कहानी 04

अभय और केतकी की सुलह हो गयी .. केतकी खुश है ..कजरी भी सुलह हो जाने से शान्त है उसे अब भी लग रहा है कि अभी तूफान आना बाकि है शायद अभय के परिवार की तरफ से ..उसी समय गेट पर दस्तक ... मीठी आवाज मे ..जीजू मैं अंदर आ सकती हूँ ? अभय के लिए आवाज अपरिचित .. किन्तु केतकी और कजरी पहचान गयी, कि कौन आयी है । कजरी ने केेेतकी तरफ देखकर अपनी भौंहे मटकाई...केतकी बोली आजाओ .. इजाजत मिलते ही मीठी आवाज वाली वह चुलबुली अंदर आगयी.. उसके आते ही हल्की सी महक पूरे ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 19 - दामिनी की कहानी 01

केतकी की सहेलियों का अभय से हंसी मजाक चल रहा था । हंसी मजाक नोंक झोंक में बदली हो । दामिनी से केतकी उलझ पड़ी । पर दामिनी ने केतकी से उलझना ठीक नही समझा , उसे जबाब देने की बजाय वहां से चले जाना ठीक समझा । दामिनी वहां से निकल कर बाहर आगयी । अपने ड्राईवर को इशारे से बुलाया, ड्राईवर तुरंत आ गया । दामिनी गाड़ी में बैठती हुई बोली ..घर चलो.. ड्राईवर ने ओके मेम .. गाड़ी घर की ओर चल पड़ी दामिनी अब भी शांत होकर बैठी हुई थी । उसके दिमाग मे क्या ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 20 - दामिनी की कहानी 02

दामिनी ने महिला लिपिक को रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया था । जब महिला लिपिक ने बाहर बैठी से कहा कि मेडम सर ने कहा है कि रिपोर्ट लिखने की जरूरत हुई तो कल लिख लेंगे । आप कल 5 बजे शाम को आजाना । उसी समय फोन की घंटी बजी ..पीड़ित महिला घबराती हुई .. यह उसी का फोन है .. दामिनी भी अपने ऑफिस से बाहर आगयी ..बोली ..उठाओ फोन , लेकिन उस महिला ने फोन नही उठाया ..फोन शान्त हो गया .. दामिनी बोली ..आप बहुत डरती हैं... .. वह है तो इंसान ही ..कोई ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 21 दामिनी की कहानी 03

दामिनी ने फोन करने वाले को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया ..उसने एक होशियार सिपाही को वे फोन दिये ..और कहा ..आप फोन करके इसका पता लगाओ .. सिपाही ने फोन किया तो पता चला वह टाइल वाला है ..उसे बैंक कॉलोनी के चौराहे पर बुला लिया .. दामिनी इनकी बात सुन रही थी ..उसने तुरंत पीड़ित महिला को फोन किया .. ..पड़ौस की महिला ने फोन उठाया ..उसे तुरंत उस चौराहे पर बुलाया कि आप दूर से देखकर पहचान कर लेना ..उस महिला ने आने से मना कर दिया ..मेडम मै नही आऊंगी..दामिनी बोली ..कोई बात नही ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 22 - दामिनी की कहानी 4

कासिम के जाने के बाद दामिनी अपनी चेयर पर पीछे की तरफ झुक कर छत की तरफ देखती हुई सोच रही थी ..उसकी आंखों से गर्म गर्म आंसू पलकों के बीच से ढुरकने ही वाले थे कि उसने अपने बायें हाथ की अंगुली के नाखून से आंसुओं के बिन्दुओ को लेकर उन्हें छिटक दिया .. दामिनी ने अपने आपको संभाला ..लंबी गहरी श्वास ली.. टेबिल पर रखी फाईल देखने लगी । मन मे अंतर्द्वंद शुरू हो गया ..अपने आपसे बाते करने लगी ..क्या नसीब भी होता है ..? शायद होता है .. मेरे नसीब में दाम्पत्य सुख शायद है ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 23 - दामिनी की कहानी 5

दामिनी अपने अतीत को लेकर अपने ऑफिस मे बैठे बैठे सोच रही है ....इरफान नाम के युवक ने ईसु बताकर दामिनी से निकाह कर लिया ..दामिनी हिंदु परिवार मे पली बढी .. उसे नॉनवेज बनाने के लिए कहा गया ..दामिनी के मायके मे नॉनवेज खाना तो दूर कोई नाम भी नही लेता था ..उसे नॉनवेज बनाने के लिए कहा गया उसने इंकार कर दिया --- मुझे नही आता मै नही बना सकती ..तब इरफान का प्यार से कहना...अरे सानिया बेगम... कुछ दिन मे आदत बन जायेगी ..आप रसोई मे जो कर सकती हो वह तो करो ..मैने कहा कि ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 24 - दामिनी की कहानी - 6

दामिनी उर्फ सानिया अपने शोहर के बदले बर्ताव से दुखी थी ..उसे रातभर नींद नही आई .. उसकी आंखों आंसू पूरी रात बहते रहे.. घर वाले फजर की नमाज पढ चुके थे ..कीचन से अदरक कूटने की आवाज आ रही थी..साथ में चाय की भीनी भीनी खुशबू भी ..आंगन मे सभी घरवाले जमा थे कुछ बैठे थे .. कुछ खड़े थे ।मौलवी सोफे पर बैठा था .. वह कह रहा था आज चांद दिखाई दिया तो इंसा अल्लाह कल से रोजे शुरू हो जायेंगे.. बगल में इरफान के बड़े भाई का रूम था जिसमे से बच्चे के रोने की ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 25

दामिनी अपने अतीत मे खोयी हुई थी उसका मन बहुत उदास हो गया था । महिला लिपिक ने दामिनी अतीत से बाहर निकाला , वह चौंक कर अतीत से बाहर आई .. उधर केतकी व अभय का घूमने जाने का प्लान बन गया था .. सुबह चाय की चुस्की लेते हुए अभय ने पूछा .. हम कहां जा रहे हैं ..केतकी ने सिर हिलाया अपने होठ मचकाते हुए बोली ..पता नही.. कजरी का बनाया प्रोग्राम टॉप सीक्रेट होता है .. वह किसी को भी नही बताती .. तभी बाहर से कजरी की आवाज आती है ..जीजू तैयार हो गये ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 26 - पंडित केदार नाथ की खुली शिखा

कजरी ने अपनी बहिन को अपनी भौंहो से इशारा किया कि वह ड्राईवर को रास्ता बताये । बदरी केबिन ड्राईवर को रास्ता बता रही है । रूट बदली इस लिए किया गया था क्योंकि दामिनी को उसके घर से गाड़ी मे बैठाकर लेकर चलना था । बस ड्राईवर को बदली ने कहा ..अंकल यहां रोककर चलो .. सड़क के किनारे दामिनी अपने कंधे पर एक छोटा बैग लटकाये खड़ी थी .. बदली ने दामिनी को पुकारा दीदी आजाइए ..दामिनी बस मे सवार हुई अपने दाहिने हाथ से कजरी व केतकी के हथेली पर मारते हुए आगे बढ रही थी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 27 - केदारनाथ की चोटी का चमत्कार

आदर्श गांव का भ्रमण करने आयी कजरी की टीम मे से एक चंचल लड़की ने पंडित जी से चोटी रहस्य पूछा तो पंडित जी ने कहा ..आप सब पहले गांव के चौपाल में चले ..वहां आपको सभी जानकारी देदी जायेगी । तभी एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया .. उसने पंडित जी को प्रणाम किया ..पंडित जी ने अपना एक हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया ..और उससे कहा अरे भोला ..इन बच्चियों को गांव दिखाते हुए ..वहां चौपाल लेकर आजाना ..हां इनको अल्पाहार करवाकर लाना ..उसी समय कजरी बोली ..अंकल .. नही नही दादोसा ..हम अल्पाहार साथ लेकर आये हैं ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 28 - केदारनाथ की चोटी

भोला सभी लड़कियो को केदारनाथ के बारे मे बता रहा था । लड़कियों को केदारनाथ के बारे में जानना लग रहा था । कजरी ने अपनी पूरी टीम को कहा अब हमे चौपाल में चलना चाहिए । दादोसा आगये होंगे ... यह कह उसने अपने साथ आये सभी को देखा उस दल में दामिनी व केतकी और अभय केतकी का पति नही था । कजरी ने सोचा वे भी यहीं होंगे गांव देख रहे होंगे .. अब कजरी भोला के साथ अपनी टीम को लेकर चौपाल पहुंच गयी थी ..वहां जाकर देखा मंदिर के सामने बहुत बड़ा खाली मैदान ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 29 - केदारनाथ की चोटी का खुला रहस्य

गीत समाप्त होते ही पंडित जी उठे ..माइक स्टेंड पर आये ..सर्वे भवन्तु सुखिनः... मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत् ।। जी ने बोलना शुरू किया । हम कौन है ? संसार मे कब तक रहेंगे ? हमारा लक्ष्य क्या है ? जीवन क्या है ? आपमे से कोई उत्तर देना चाहे तो हाथ खड़ा करे .. बहुत सी लड़कियों ने हाथ खड़े किये । पंडित जी ने एक लड़की को कहा ..आप बताएं .. हम कौन हैं ? उत्तर- सर हम मनुष्य हैं । संसार मे कब तक रहेंगे ? उत्तर- जब तक जीवन है । जीवन क्या है ? ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 30 - केतकी गायब

पंडित केदार नाथ जी का उद्बोधन समाप्त हुआ । इसके बाद सभी लड़कियो को केदारनाथ के साथ बैठे युवक ग्राम मे चलने वाली अन्य गतिविधियो की जानकारी दी । हमारे ग्राम में साप्ताहिक गोष्ठी सायं 08 बजे से 9:00 तक प्रत्येक शनिवार को होती है । इसमे प्रत्येक परिवार से महिला पुरूष भाग लेते हैं । पारिवारिक समस्याओ को लेकर चर्चा होती है । इसमे जो नही आ पाते है उनको उनके पड़ौसी चर्चा के बिन्दुओ की जानकारी दे देते हैं । इसमे पांच पंच बैठते हैं । समस्या कोई भी हो चाहे परिवार की हो या सरकारी तंत्र ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 31- केतकी अनजान कॉल से परेशान

केतकी दो घंटे से गायब थी । आदर्श ग्राम मे कौन केतकी को गायब कर सकता है ? पहले सभी ने ध्यान नहीं दिया , किन्तु कजरी उसको मंच पर बुलाने वाली थी , तब उसने केतकी को चारों तरफ अपनी निगाहों से ढूंढा था । कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब केतकी को नही पाया तो उसको फोन किया ..फोन बंद आया .. फिर उसे ढूंढना शुरू हुआ .. पंडित केदार नाथ जी ने अपने ग्राम वालों को पूरे ग्राम मे ढूंढने के लिए भेज दिया था । कजरी ऐसा सब होते देख डर गयी .. उसका शरीर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 32 - शक की सूई

एक अनजान कॉल ने केतकी को झकझोर कर रख दिया, वह नहीं सोच पा रही थी ..कौन हो सकता ? सभी ने भोजन कर लिया था , केतकी ने नही के बराबर भोजन किया था ।यह सही है मन जब बैचेन होता है तो पहले भूख गायब होती है फिर नींद उड़ जाती है, एकाग्रता नष्ट हो जाती है । ऐसे समय में मित्र या परिवार की आवश्यकता होती है । कजरी बेस्ट फ्रेंड है और परिवार की तरह भी है । ये लड़किया पढी लिखी तो है । समाधान भी निकाल सकती हैं किंतु उम्र के साथ आने ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 33 - केतकी का अपने पति पर शक

केतकी व कजरी उस अनजान कॉल करने वाले को लेकर परेशान हो रही थी । बस चल रही है लड़किया सो रही है । केतकी ने अपनी साथ वाली सीट पर कजरी को बैठा लिया था । उधर बदली दामिनी और अभय थ्री सीट पर बैठे हुए हैं , दामिनी अभय से फौज की बाते पूछ रही है । बदली भी बड़े ध्यान से सुन रही है । ड्राईवर ने पेट्रोल पंप पर गाड़ी रोक दी और कहा आप मे कोई टॉयलेट जाना चाहे जा सकता है । मैं डीजल भरवाऊंगा और बाद मे चाय भी पीऊंगा थोड़ी सुस्ती ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 34 - अनजान कॉल वाले का पर्दाफाश

केतकी अपनी प्रिय सहेली कजरी को बता रही थी ..यह अनजान कॉल अभय ही करवा रहा है । कजरी कहा घर पर चलकर इन नंबरो पर बेक कॉल करवायेंगे पता चल जायेगा । तब क्यों ? अब ही करवा लो केतकी ने कहा । कजरी बोली मैं अपने फोन से नही किसी ओर के फोन से फोन करवाउंगी। एकाएक केतकी को अपने भाई व उसके दोस्त की याद आई जो दोनो सबसे पीछे की सीट पर बैठे थे । केतकी ने आवाज दी अरे बिल्लू यहां आवो .. अभय और दामिनी बदली सब पीछे मुड़कर देख रहे थे । ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 35 - केतकी की ससुराल वापसी

केतकी को दामिनी ने वह सब कह सुनाया ..हमने अनजान कॉल करवाकर आपके फोटो लेकर आपको उल्लू बनाया ..यह दामिनी हंसने लगी । दामिनी के साथ सभी हंसने लगे । केतकी बोली ..आपने मुझे उल्लू बनाया ..याद रखना मै भी आप सबको एक दिन उल्लू बनाऊंगी.. दामिनी बोली वह तो हमें पता है । तुम चुप नहीं बैठोगी.. इस तरह उनकी वार्ता चल रही थी कि बस अब दामिनी के घरके सामने पहुंच चुकी थी .. बदली ने दामिनी से कहा ..दीदी आपका घर आ गया ..दामिनी सबका अभिनंदन करते हुए नीचे उतर गयी .. दामिनी ने अभय से ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 36 - ससुराल में केतकी की सास का गुस्स

केतकी अपने ससुराल में आगयी है । पीहर में स्वछंद जीवन जीने वाली केतकी अब नये सांचे में ढाली रही है । यह साधारण बात नहीं है अपने आपको बदलना , लेकिन हर बेटी ऐसा करती है । पिता के घर का अलग माहौल होता है । उस माहौल मे रहने के तौर तरीके बदलकर ससुराल में बहु के तौर तरीके अपनाना बहुत कठिन है । केतकी को उसकी सास व बुआजी वहां के तौर तरीके सिखा रही है । कैसे बैठना है , कैसे बोलना है , किस तरह अपने कपड़े संभालकर रखना है । केतकी अपने पीहर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 37 - पति पत्नी मे तकरार ऐसे शुरू होकर

केतकी की सास गुस्से में थी पर, अभय ने अपनी समझदारी से अपनी मॉ का गुस्सा शान्त कर दिया । केतकी के लिए ससुराल वालों का स्वभाव अपरिचित है । वह नही जानती किसका स्वभाव कैसा है । लेकिन अपनी सास के व्यवहार को देखकर वह समझ गयी कि मेरी सास भी ठीक मेरी मॉ की तरह ही है । फर्क इतना ही है, यह बोलती है, तो' लगता है कि गुस्से में हैं । केतकी अपने परिवार से कंपेयर करके देखती है । उसे लगता है मेरे पापा को गुस्सा आता है इधर मेरी सास को गुस्सा आता ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 38 - अभय अपनी यूनिट के लिए रवाना

फोन को लेकर केतकी और अभय में तकरार हो गयी थी , बढती तकरार को देख अभय बाहर चला था । अब आगे - केतकी अपना मुंह फुलाये अपने रूम में चली गयी । केतकी की सास कस्तुरी उसके पीछे पीछे केतकी के रूम मे आगयी । कस्तुरी बोली बेटा ! क्या बात हो गयी ? केतकी कस्तुरी से बोली मॉ आप थोड़ी देर मुझे अकेला छोड़ दे ..मेरा अभी बात करने का मूड नही है ..कस्तुरी कुछ नही बोली चुपचाप उसके पास बैठ गयी । सास बहु दोनों ही मौन होकर बैठी हुई है.. सास बात करने का ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 39 - केतकी की मौत

अभय अपनी ड्यूटी जोइन करने के लिए रवाना हो गया । अभय की यूनिट भारत पाक की सीमा पर राजोरी में तैनात थी । अभय ने जम्मू ट्रांजिट कैंप में रिपोर्ट की । द्वार पर खड़े प्रहरी ने कहा अपना सामान वही रख दो , और अपना पहचान पत्र व छुट्टी का कागज अपने हाथ मे लेकर छोटे गेट की तरफ आ जाओ । एक प्रहरी अपनी राइफल ताने खड़ा रहा और दूसरे ने अभय के शरीर की जांच पड़ताल की । जांच करने के बाद अभय को आगे बढने को कहा । फिर उसके बैग की जांच की ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? -40 - अभय से दामिनी का विवाह प्रस्ताव

केतकी की सर्प दंश से हालत खराब हो गयी थी। संभवतः वायपर ने काटा था । वायपर जब काटता तो विष के कारण रक्त अंदर टपकने लगता है और वह रक्त आमाशय मे एकत्रित हो जाता है । रोगी को उल्टी होती है और शरीर संज्ञाशुन्य हो जाता है । केतकी के उल्टी मे खून देखकर सब रोने लगे । डाक्टर ने कहा प्लीज आप बाहर जाइए , रोगी को न डराइए । रोगी अभी ठीक है जहर का असर होने लगा है । दवा आ चुकी थी, डाक्टर ने इंजेक्शन लगाया फिर कहा इससे जहर का असर कम ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 41 - अभय ने दामिनी से की कोर्ट मेरिज

केतकी की तेरहवी हो चुकी थी । करीब 20 दिन बाद .. जब अभय पर केतकी की माॅ का गया ..उसे लगा कि मेरा दामाद कितने अच्छे शील स्वभाव का है .. अभय को वहां सभी की देखभाल करते देखा था , रातभर जग जग कर सभी की देखभाल कर रहा था । वह अभय के बारे मे सोचकर दुःखी हो रही थी । केतकी की मृत्यु के बाद सबका केन्द्र बिन्दु वह खुद बनी हुई थी । सबको चिन्ता केतकी की माॅ की ही थी । कहावत प्रचलित है कि बेटे से भी प्यारा महिलाओ को अपना दामाद ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 42 - महिला पुरूषों में टकराव क्यों ? एक ही भूल

अभय ने दामिनी से कोर्ट मैरिज करली थी । दामिनी के पापा ने दामिनी से कहा .. बेटा मेरी है कि आप दोनों का विवाह अपनी परंपरा से भी हो । दामिनी ने अभय की ओर देखा ..अभय कुछ सोचते हुए बोला .. इसके लिए तो काफी तैयारी करनी पड़ेगी .. दामिनी के पापा बीच मे ही बोले ..इसकी चिन्ता मत करो ..अभी हम मंदिर चलते है ..वहां पंडित जी से बात करते है .. शुभ मुहूर्त कब है ? सभी गाड़ियों में बैठकर मंदिर के लिए रवाना हुए .. रास्ते मे गाड़ी रोककर फल फूल मिठाई ली । ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 43 - अभय दामिनी का विवाह

अभय ने अपने माता पिता को बिना सूचना दिये कोर्ट मैरिज तो करली , लेकिन उसे फील हो रहा कि मेरे माता पिता यहां नही है , काश वे भी होते । लेकिन जैसे ही पुनर्विवाह का कार्यक्रम बना तो उससे रहा नही गया , अपने माता पिता को सूचित कर दिया ..कि आप दोनो आजाये मै विवाह कर रहा हूँ । उधर मम्मी पापा से खरी खोटी सुनने को मिली .. इधर अभय का अहम भी आहत हुआ ..वह दामिनी से कहने लगा .. मेरे मम्मी पापा पुराने ख्यालो के हैं । वे नहीं आयेंगे .. आ भी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 44

दामिनी और अभय का विवाह हिंदु रीति से सम्पन्न हो गया था । रात्रि के 11:00 बज रहे थे मंदिर में अल्पाहार की व्यवस्था तो थी पर भोजन की व्यवस्था वहा न रखकर दामिनी के घर पर थी । दामिनी के पापा ने अपने समधी से कहा समधी जी अब मुझ गरीब की झोंपड़ी भी देख लीजिए ! .. वही पर हम साथ मे भोजन करेंगे .. सभी दामिनी के घर पहुंच जाते हैं वहां छत पर भोजन की व्यवस्था थी । ठंड अभी गयी नही थी । वहां छत पर ही तापने के लिए बीच में लकड़ियां धू ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 45

दुल्हा दुल्हन की विदाई हो रही है लेकिन दोनों ही समान्य वेश में हैं , उन्हें देखकर लगता नही इनकी शादी हुई है । लेकिन जिन्होने दामिनी को पहले देखा था वे जरूर पहचान सकते हैं कि इसकी शादी हो गयी है । दामिनी की मांग मे हल्का सा सिंदूर लगा है, कलाई मे चूड़ियां हैं, हाथों मे मेहन्दी लगी है, बदन पर साड़ी उसे शादीशुदा बता रही है । दामिनी अपने हिंदू पहनावे मे अपने आपको देखकर संतोष का अनुभव कर रही है । उसे वह बुर्का याद आ जाता है । तभी अभय की बुआ कहती है ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 46

दामिनी अपने पति अभय के साथ सीकर में आने के बाद अभय के परिवार वालों को समझने का प्रयास रही है । वह जानती है केतकी के स्थान पर उसे देखकर घरवाले उसे पचा नही पा रहे हैं । अभय का पापा खुश है वह रात में भी खुशी के कारण जागता ही रहा । अपने रूम के कुंदी लगाकर नोट गिनता रहा । वह सोच रहा था कि इन्हे कहां लगाए । संभवतः अभय के पापा ने इतने नोट देखे नही थे । अपनी पत्नी कस्तुरी से बोला ..अपने इस मकान को शान्तकर एक नया मकान बनवा दूं ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 47 - क्या केतकी मरी नही जिंदा है ?

दामिनी व अभय की गृहस्थी बहुत अच्छे से चल रही थी । इनको एक पुत्री भी हो गयी थी कजरी ने भी एक हष्ट-पुष्ट पुत्र को जन्म दिया था । पुत्री का जन्म होने के बाद उसके मम्मी पापा बहुत खुश रहते थे । एक दिन दामिनी ने अपनी सास से पूछ ही लिया ..मम्मी ! आपको तो ' पोता चाहिए था न ? कस्तुरी ने कहा ..सही बात तो यह है बहु ! हम तो पोती ही चाहते थे । क्योंकि हमारे बेटे तो जन्मे कन्या नही जन्मी । 40 साल के बाद घर मे कन्या आई है ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 48 - केतकी की हमशक्ल

अभय अपनी यूनिट से छुट्टी पर आ रहा है । ट्रेन में एक युवती को देखकर अभय ने केतकी नाम लेकर उसे पुकारा .. वह युवती अभय को देखने लगी और उसने अपने पीछे मुड़कर देखा ..उसे लग रहा था यह व्यक्ति उसे नही किसी ओर को पुकार रहा है । लेकिन अभय उसे ही देखे जा रहा है ..वह युवती गंभीर होकर ..ए मिस्टर ! आप ! मुझे कुछ कह रहे हो ? मेरा नाम केतकी नही है, समझे । अभय बड़बड़ाकर अगल बगल झांकते हुए बोला ..यह कैसे संभव है ? अभय समझ गया था यह केतकी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 49 - केतकी का सच

ट्रेन में केतकी की हमशक्ल युवती के बारे मे अभय जानने का प्रयास कर रहा था । किंतु युवती मम्मी ने नाराजगी भरे लहजे मे मना कर दिया । अभय कनखियो से उस युवती को देख रहा था । उसे अब भी यही लग रहा था कि यह केतकी की हमशक्ल नही है , खुद केतकी ही है । फिर सोचता है केतकी की मृत्यु झूंठ भी तो नही हो सकती । अभय कुछ सोचकर .. मन ही मन अपने आपसे बाते करता है । क्यों न मै इसकी फोटो खींच लू , विडियो बना लूं । यह सोचकर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 50 - केतकी की खोजबीन शुरू

अभय ने केतकी की हमशक्ल को देखने की बात,अपने मम्मी पापा व दामिनी को बताई सभी का दिमाग सोचने मजबूर हो गया । सभी अपने अपने तर्क देने लगे । कस्तुरी' अभय की मम्मी ने कहा ..हमशक्ल भी हो सकती है । हमारे यहां केतकी तो खुश थी , वह ऐसा क्यों करेगी ? कोई अपनी बसी बसाई गृहस्थी को खराब करेगा क्या ? अभय का पापा बोला .. कस्तुरी ! हमारे बेटे का तो घर बस गया , छोटी सी फूल सी पोती है हमें क्या ? वह केतकी है या हमशक्ल ? फिर अगले ही पल अभय ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 51 - केतकी को लेकर घर में तनाव

दामिनी ने केतकी का सम्पूर्ण सत्य जानने के लिए अपने विश्वास पात्र बद्री उर्फ काका को नियुक्त कर दिया बद्री के जाने के बाद दामिनी ने एक लंबी गहरी श्वास भर कर आंखों को हल्की सी बंद करते हुए छोड़ी । अभय अभी भी ट्रेन के उसी दृश्य को याद कर रहा है । वेदिका का नीला परिधान , खुले केस , देदीप्यमान मुखमंडल , उसका हास परिहास सब केतकी के जैसा ही था । वह उस छोटे स्टेशन पर उतरकर कहां गयी होगी ? अभय को एक टक दीवार को ताकते देखकर , दामिनी ने अपना सुकोमल हाथ ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 52

दामिनी राउंड पर जाते हुए सिपाही को कहकर गयी थी, कि मेरे हसबैंड आयेंगे उन्हें वेट करने को कहना अंदर ऑफिस में बैठा देना । दामिनी का पति अभय टू व्हीलर से थाने पहुंचा ही था, कि एक सिपाही उसके पास आया और नमस्ते सर कहकर अपनी बात कहने लगा ..सर ! मेडम राउंड पर गयी हैं ..आपको ऑफिस मे इंतजार करने को कहा है ..आइए .. आप ! अंदर चलिए ! अभय ऑफिस में लगी चेयर पर बैठ गया .. सिपाही ने अभय से पूछा ..सर चाय बोल के आंऊ.. अभय ने कहा ..अभी आप रूक जाओ । ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 53 - केतकी के घर मे बद्री काका

पुलिस थाने में अभय और दामिनी के लिए चायवाला चाय लेकर आता है । दामिनी की मेज पर दो के गिलास रखते हुए चाय वाला बोला लीजिए दो चाय ..साथ मे कुछ ओर लाऊ मेडम ...कचोरी समोसा ? अभय ने कहा ..हां आप गर्म समोसे है तो दो ले आवो । चाय वाले के जाने के बाद सिपाही ने बाहर से कहा ..मेडम ! समोसे के लिए बोल आऊं .. दामिनी मुस्कुराकर अंदर से आवाज दी ..आपको खाना है क्या ? आप इधर आइए ..! सिपाही तुरंत अंदर आ गया ..जी मेडम ! दामिनी ने कहा ..चाय कितनी लाये ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 54 - केतकी की हकीकत

मुंबई में बद्री काका केतकी के घर केतकी की हकीकत जानने के लिए केतकी की मा संतोष से बात रहा है .. संतोष चाय बनाकर ले आई ..एक प्लेट में नमकीन व बिस्कुट रख दिये । बद्री काका चाय पी रहा है ..साथ ही केतकी के घर के अंदर की साज सज्जा भी देख रहा है । बैठक में दीवार पर टंगी फोटोओं को बड़े ध्यान से देख रहा है । दीवार मे एक लकड़ी का फ्रेम बना है , उसमें कुछ स्कूल के स्मृति चिह्न रखे हैं । उनको देखकर बद्री काका पूछता है .. बहिन जी ये ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 55 - केतकी का सच आया सामने

बद्री काका अपने मोबाइल में फोटो दिखा रहा है । उसकी नजरे केतकी के मम्मी पापा के चेहरे पर है । केतकी के पापा व उसकी मम्मी फोटो देखकर आश्चर्य कर रहे हैं ..केतकी का पापा मोबाइल से अपनी नजरे हटाकर अपनी गर्दन को ना मे हिलाकर बोला - भाईजी मै नही मानता यह फोटो कुछ दिन पहले की है । यह फोटो है तो केतकी की ही पर ..यह दो साल पहले की हो सकती है । बद्री काका बोला एक मिनट रूको , आपको कुछ ओर दिखाता हूँ । बद्री काका ने मोबाइल लिया और एक विडियो ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 56 - बद्री काका पहुंचा डाक्टर के घर

केतकी का पापा अपनी पत्नी संतोष को जुड़वा संतान होने की जानकारी दे रहा है । पत्नी संतोष अवाक् सब सुन रही है । बद्री काका सारी कहानी भी सुन रहा है और दोनों के हावभावों का भी अध्ययन कर रहा है । क्योंकि दामिनी ने पहले ही कह दिया था कि केतकी नौटंकीबाज है वह कुछ भी नाटक कर सकती है । आपको यह भी पता लगाना है कि नाटक में घर वालों का कितना हाथ है ? सारी कहानी सुन केतकी की मा संतोष अपने चेहरे को दोनों हाथों से ढककर रोने लगी ... अपने पति विजय ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 57 - केतकी का केस बद्री काका ने किया

केतकी की जुड़वा बहिन के घर जाने के लिए केतकी के पापा ने शाम का समय तय किया । काका ने अपनी पत्नी को फोन करके अपने पास बुला लिया था । बद्री काका की पत्नी लक्ष्मी संतोष के साथ बैठे बैठे बाते कर रही थी और उसके काम मे हाथ भी बटा रही थी । शाम का समय बद्री काका और केतकी का पापा विजय दोनो डाक्टर साहब के घर पहुंच गये थे । डाक्टर साहब घर पर ही मिल गये थे । चाय पी लेने तक आपस मे एक दूसरे का हालचाल ही पूछते रहे । फिर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 58 - दामिनी को केतकी के पापा पर शक

बद्री काका और केतकी का पापा डाक्टर साहब से मिलकर खुश थे । डाक्टर साहब की बड़ाई करते हुए बोला..विजय जी ! डाक्टर साहब बड़े नेक दिल इंसान हैं , उन्होंने हमारी तकलीफ को महसूस किया और हां कर दी । केतकी का पापा बोला भाईजी ! अब तो मै भी उतावला हो रहा हूँ ,मेरी बेटी को देखने के लिए । इसतरह आपस मे बात करते हुए दोनों घर पहुंच जाते हैं ...उधर घर पर केतकी की मा घर के बाहर ही बैठी हुई थी, उसके साथ में बद्री काका की पत्नी भी बैठी थी । केतकी की ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 59 - क्या केतकी जिंदा है ?

बद्री काका से केतकी के घर की सारी जानकारी दामिनी को मिल गयी थी । लेकिन दामिनी का पुलिसया मानने को ही तैयार नहीं है कि केतकी मर गयी है । दामिनी के पति अभय ने कहा ..दामिनी ! हो सकता है बद्री काका सही कह रहे हो । तुम बेवजह केतकी पर शक कर रही हो । दामिनी ने अभय से कहा ..अभय ! आप केतकी के साथ सिर्फ दो महिने रहे हो ..आप क्या जानो उसे । अच्छा एक बात बताओ ...कौन ऐसी लड़की होगी जो ससुराल में आते ही अपने पति से शर्त लगाना शुरू कर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 60 - दामिनी का सीक्रेट मिशन

दामिनी की इच्छा थी कि वह खुद केतकी का पर्दाफाश करे , उसे लग रहा था कि बद्री काका बहुत से पहलुओं पर विचार नही किया । उसने बहुत जल्दी ही विश्वास कर लिया कि यह केतकी की जुड़वा बहिन है । दामिनी के ससुर व सास की दिलचस्पी इस मेटर में नही थी । वे तो न चाहते हुए ही मौन समर्थन कर रहे थे । अभय के माता पिता दामिनी की अनुपस्थिति में चर्चा करने लगे ...अभय के पापा ने अपने बेटे से कहा ...अभय ! यह बहु केतकी में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही है ? ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 61

दामिनी और अभय इनकी उम्र अंडर थर्टी होगी इनके एक साल की गुडिया है । बद्री काका जिनकी उम्र के लगभग होगी इनकी धर्म पत्नी भी 45 के लगभग होगी । बद्री काका की पत्नी को होटल मे छोड़ सभी टेक्सी से डॉक्टर साहब का घर के लिए रवाना हुए । 15 - 20 मिनट बाद डॉक्टर साहब के घर के बाहर पहुंच गये । दामिनी ने बद्री काका और अभय से कहा आप टेक्सी मे ही रहना मैं पता करके आती हूँ , डॉक्टर साहब हैं या नही । दामिनी ने बाहर लगी वेल को बजाया ... अंदर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 62 - आईएसआई एजेंट दामिनी केतकी

दामिनी केतकी की असलियत सबके सामने लाने के लिए मुम्बई डॉक्टर साहब के घर तक पहुंच गयी है । साथ आये अभय और बद्री काका को उसने बाहर ही छोड़ दिया था । केतकी की जुड़वा बहिन से बहस हो रही है । अब आगे - जब केतकी जैसी दिखने वाली युवती ने दामिनी को डाटना शुरू किया तो दामिनी ने भी उसको पलटकर उसी की भाषा मे जबाब देना शुरू कर दिया । दामिनी ने कहा तुम्हे क्या मिलता है ? यह सब करके ?..तुम क्यों दूसरों की जिंदगी से खेल रही हो ? उस युवती ने डॉक्टर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 63 - अभय केतकी का झगड़ा

दामिनी व केतकी में अंदर गुप्त मंत्रणा होने के बाद वे दोनों बाहर आगयी । डॉक्टर अंकल को दामिनी अपने पास बुलाकर कहा अंकल ! आपने जो भी किया वह केतकी के कहने पर किया , मै आपका इसमे कोई दोष नही देख रही , अतः आप यहां से अभी कही ओर चले जाओ । बाहर इंतजार कर रहे मेरे साथी यदि यहां आगये तो आप बेमतलब फंस जाओगे । आप जाओ मै सब संभाल लूंगी , ऐसा कह दामिनी डॉक्टर साहब को देखकर मुस्कुराई ।डॉक्टर साहब ने केतकी की ओर देखा ..केतकी ने अपनी आंख झपकते हुए अपनी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 64

केतकी व दामिनी आईएसआई के लिए काम कर रही हैं । किन्तु इसकी जानकारी दामिनी के पति अभय को है । केतकी और अभय का झगड़ा हो गया है । अभय क्रोध से बाहर बड़बड़ाता हुआ निकलता है , दामिनी ने उसे हिदायत देते हुए कहा ..अभय ! रास्ते मे कोई ऐसी वैसी बात मत करना ..हम होटल चलकर बात करते है । दोनों अपनी गुडिया के साथ टेक्सी में आकर बैठ जाते हैं । टेक्सी मे पहले से ही बद्री काका बैठा हुआ है । बद्री काका को समझते देर नही लगी, कि अंदर कुछ तो हुआ है ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 65

दामिनी वह सब कला जानती है जिससे अभय को अपने अनुकूल बनाया जा सके । जैसे ही दामिनी को ने कहा कि मुझे अब तो" तुम पर भी शक होने लगा है । कही तुम भी केतकी की तरह मुझे धोखा तो नहीं दे रही । केतकी जब मेरे साथ थी तो" ऐसा कभी लगा कि उसके दिल दिमाग में कोई खिचड़ी पक रही है । दामिनी ने अभय के मन की उद्विग्नता समझ ली' और उसके करीब जाकर प्रणय निवेदन करने लगी । दामिनी को हृदय के समीप देखकर उसका सुकोमल स्पर्श पाकर अभय जो कहना चाह रहा ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 66

केतकी ने अपने पापा को फोन करके अपने पास आने को कहा , उसके पापा ने कहा तुम चिन्ता करो मैं अभी आरहा हूँ । अगले बीस मिनट के बाद केतकी के पापा केतकी पास पहुंच गये । केतकी का रो रोकर बुरा हाल होगया था । केतकी का गौरा मुख उसकी सुन्दर नासिका रक्त वर्ण सदृश हो रखी है । उसकी पलके भीगी सी आंखो में लाल रंग के डोरी सी बनी है । उसे देखकर लग रहा था कि यह बहुत फूट-फूटकर रोई है । केतकी ने अपने पापा को देखा और फफक फफक रोने लगी उसकी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 67

* दामिनी व केतकी आईएसआई के लिए काम कर रही है । पहले केतकी अभय की पत्नी थी, लेकिन खुफिया जानकारी नही जुटा पाई । केतकी को खत्म करने को दामिनी को कहा गया और उसकी जगह दामिनी को लेने के लिए कहा गया । दामिनी ने केतकी से हटने को कहा ..यदि वह नही हटती है तो उसे मरना होगा । केतकी ने मरने का नाटक किया । वह इस झमेले से खुदको सदा के लिए दूर कर लेना चाहती थी । दामिनी ने अभय से दूसरा विवाह कर लिया और उसके साथ रहने लगी । एकबार छुट्टी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 68

रूम के गेट पर केतकी के पापा को आया देखकर अभय को आश्चर्य हुआ । उसके मुख से सहसा ..आप ! यहां ? अभय ने केतकी के पापा को झुककर प्रणाम किया और कहा .. पापा आप यहां ..आइए आइए बैठिए । अब सब कुछ खत्म हो गया है फिर आप यहां मेरे पास किस लिए आये हो ? ऐसा कहते कहते अभय का स्वर कठोर हो गया । यह सुुन केतकी के पापा का चेहरा मुरझा गया । चेहरे पर डर साफ साफ झलक रहा है । केतकी का पापा चेयर बैठ गया ..पर "उससे कुछ कहते ही ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 69

अभय पलंग पर बैठे बैठे सोच रहा है । आईएसआई इस तरह के काम तो करती है । क्या हो सकता है उसने मेरे जरिये कुछ खुफिया जानकारी चाही हो । दामिनी पाकिस्तानी है तो मुझे कभी शक क्यों नही हुआ ? नही!नही! हमारे एक फूल सी बच्ची है जिसे हम दोनो बहुत प्यार करते हैं । यह तो केतकी की ही कोई नयी चाल है । शायद वह हमारी गृहस्थी पचा नही पा रही , हो सकता है वह हमे अलग करना चाहती हो । अगले ही पल उसे ख्याल आया कि दामिनी की शादी मुझसे इतनी जल्दी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 70

अभय के दिमाग मे एक शक का बीज पनप चुका है , वह किसी की कही बात पर यकीन करके खुद दामिनी की हकीकत जानने का प्रयास कर देता है । जानबूझकर अभय ने आर्मी कैन्टीन डिपो जाने का नाम लिया , ताकि वह दामिनी की उत्सुकता को जान सके । अभय का तीर सही निशाने पर लगा । दामिनी तो' खुद चाहती थी', कि वह आर्मी एरिया को देखे । उसे ऐसा मौका अभय ने खुद दे दिया । डिनर करके आने के बाद, अभय बिस्तर पर लेट गया, अपनी आंखे बंद करली । दामिनी ने सोचा, आज ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 71

अभय होटल से अपने पूर्व ससुर से मिलने के लिए निकल गया है , अभय के मन मे सच की जिज्ञासा है । केतकी से पहले ही धोखा खा चुका अभय फिर से केतकी से मिलने जा रहा है । केतकी की दी हुई वे अभद्र गालियां अब भी उसके कानों में गूंज रही है । उसे केतकी पर क्रोध तो है । शायद उसने केतकी को इसलिए ही रूकने को कहा होगा ।टेक्सी केतकी के घर के सामने रूकती है । केतकी व उसके मम्मी पापा टेक्सी के गेटकी बंद होने की आवाज सुनकर घरके द्वार पर आगये ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 72

केतकी अभय को अपनी कहानी सुना रही है । केतकी ने दामिनी को अजनबी आदमी से बातें करते देखा वे कह रहे थे कि, तुम आर्मी के सीक्रेट का पता लगाओ । तुम्हारे बताने पर ही हमारे जेहादी आसानी से लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर पायेंगे । उसने सख्त लहजे मे दामिनी को आर्डर दिया ..दामिनी ने कहा.. ठीक है जनाब कहा .. वह अजनबी तुरंत वहां से चला गया ..और चिल्लाकर बोलने लगा ..गुब्बारे ले लो ..गुब्बारे ले लो । अभय केतकी की बाते ध्यान से सुन रहा था । उसे उसकी बात पर यकीन नही हो रहा ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 73

आपने मुझे ट्रेन में देख लिया और सब भेद खुल गया ..केतकी यह कहकर रूक गयी । केतकी के कहने लगे ..हमें केतकी ने फोन कर दिया था कि आपने उसे देख लिया है , तो हमने नयी कहानी घड़ली कि केतकी की एक जुड़वा बहिन भी है .. लेकिन दामिनी खुद यहां चलकर आगयी .. तो ' यह कहानी भी बेकार हो गयी ..यह सब केतकी की जान बचाने के लिए किया .. अभय ने कहा .. आपको जिंदा क्यों छोड़ दिया ? केतकी तो उनकी नजर में मर गयी थी । केतकी के पापा ने कहा ..दामाद ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 74

केतकी से मिलने के बाद अभय अपने भाग्य को कोसने लगता है । यह सब मेरे साथ ही क्यों रहा है । अभय के चेहरे पर तनाव साफ झलक रहा है । जिस टेक्सी से अभय आरहा है उस टेक्सी का ड्राईवर भी अभय के तनाव को देखकर कहता है .. बाबूजी! सब ठीक तो है न ? कोई परेशानी ? अभय ने कहा ..नही ऐसी कोई बात नही है । अगले ही पल अभय सोचने लगता है , मेरे चेहरे को इस ड्राईवर ने ही पढ लिया ..तो " दामिनी तो बहुत चालाक है ..उसे समझते तो ' ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 75

अभय ने दामिनी को दवा लाने के लिए बाहर भेज दिया ताकि उसके सामान की तलाशी ले सके । के जाते ही अभय ने दरवाजे की कुंदी बंद की ..फिर तुरंत उसके बैग व अटैची की तलाशी शुरू कर दी । तलाशी के दौरान ऐसा कुछ भी नही मिला ..जिससे दामिनी को दोषी ठहराया जा सके । थक हारकर अभय ने दरवाजे की कुंदी वापस खोल दी और बिस्तर पर लेट गया । दामिनी भी थोड़ी देर मे आगयी ..। दामिनी ने अपने सामान की तरफ देखा तो उसे लगा कि अभय ने शायद इन्हे छेड़ा है । वह ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 76

अभय दामिनी को दवा लाने भेज देता है । उसके जाते ही ,दामिनी के सामान की जांच करने लग है । उसे सामान में कुछ नही मिला । बैग में रखे दामिनी के सैंडल हाथ लगे , उसे याद आया केतकी ने कहा था उसके सैंडल चैक करना .. अब वह बारीकी से सैंडल देख रहा है । उसने सैंडल की एडी को मरोड़कर देखा ..सैंडल का पूरा तलवा घूम गया । उसमे एक पिस्टल दिखाई दी । पिस्टल देखकर अभय चौंक गया ..अब उसने दूसरी सैंडल की एडी को घुमाया उसमे एक ट्रांसमीटर लगा था । ट्रांसमीटर देखकर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77

अभय ने जो सपना देखा था वह बड़ा भयावना था। जग जाने पर भी उसके चेहरे पर डर दिखाई रहा था । जहां आग लगी थी उस टेंट मे रात-भर राहत कार्य चलता रहा । कब सुबह हो गयी पता ही नही चला । अभय सुबह की चाय पी रहा है , उसी वक्त एक सैनिक ने आकर सैल्यूट मारकर कहा ..राम राम साहब ! आपको सीओ साहब ने याद किया है । अभय ने सैनिक से कहा ठीक है, आप जाओ मैं अभी जाकर मिल लूूंगा। अभय ने चाय की एक आखिरी घूंट मारी और कप को मेज ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78

अभय सीओ से मिलकर आरहा है । उस पर सबकी नजरे टिकी हुई है । सबको जानना है अंदर हुआ होगा । अभय अरजूडेंट ऑफिस के पास से निकला तो अंदर से एक ऑफिसर ने आवाज दी ..अभय ! , अभय ने पलटकर देखा और ऑफिस मे आगया ..वहां पर सबको उत्सुकता थी यह जानने की सीओ ने क्या कहा । अभय को अरजूडेंट ने पूछा, सीओ ने किस लिए बुलाया था । अभय ने अंदर हुई सब बातें बता दी ..फिर मुस्कुराकर कहा सर मैं आज ही छुट्टी निकलूंगा। हेलीकॉप्टर जब भी आज आयेगा मैं निकल जाऊंगा । ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 79

अभय छुट्टी जाने के लिए अपना सामान बैग मे जमाकर तैयार था ,अब हेलीकॉप्टर का इंतजार हो रहा था हेली पेड के चारों तरफ हटाई गयी बर्फ की दीवार सी बन गयी थी । जब जवान बर्फ हटाकर हेलीपेड तैयार कर रहे थे उसी समय सीओ वहां पर आगया । सीओ ने कहा आज तो बर्फ हटा दी है आपने , कलसे आप बर्फ न हटाकर बर्फ पर रोलर घुमाकर उसे दबा दिया करे । हेलीकॉप्टर उतर जायेगा । तभी दूर आसमान मे पहाड़ी की चोटी पर हेलीकॉप्टर दिखाई दिया । हेली पेड के इंचार्ज ने सबको अलर्ट कर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 80

अभय अपनी पत्नी केतकी को अपलक निहार रहा है , केतकी पहले तो नजरे चुराती हुई लज्जाती है , तो' केतकी की भी आंखे ठहर सी जाती है वह भूल जाती है... घर वाले उन दोनों को देख रहे हैं । अभय की मा ने दोनों को कुछ देर तो देखा.. फिर मुस्कुराकराती हुई बोली ..अभय ! पहले तू भीतर तो आजा ..फिर' केतकी को देखकर धीरे से बड़बड़ाकर कहती है घणी ही रात पड़ी है.. एक दूसरा नि अच्छासुं देख लियो ..केतकी लजाकर हल्की सी मुस्कुरा देती है । अभय को भी अपनी गलती का एहसास होता है ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 81

कस्तुरी की सिसकारियों की आवाज सुन अभय और केतकी दोनों बाहर आगये। अभय ने पुकारा ..मम्मी ! क्या हुआ कस्तुरी ने कहा अरे बेटा सुबह सुबह ही नुकसान हो गया । मम्मी क्या हुआ ? आप ठीक तो हैं ? अरे बेटा मुझे क्या होगा मै तो ठीक ही हूँ , पर तेरे नाना की दी हुई घड़ी टूट गयी ..वह उनकी आखिरी निशानी थी । अभय ने कहा मम्मी कहां है घड़ी ? कस्तुरी ने अपने हाथ मे टूटी घड़ी दिखाते हुए कहा ..यह देख ..अभय ने घड़ी हाथ मे लेकर देखा और कहा.. मम्मी ..यह तो ठीक ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 82

दरवाजे के सामने गाड़ी रूकती है , सभी दरवाजे की ओर देखने लग जाते है । शायद सबको उत्सुकता ..इतना सबेरे सबेरे कौन आया है ? जिप्सी से दो कांस्टेबल उतरते हैं ..अभय के दिमाग मे कुछ प्रश्न तैरने लग जाते हैं ..मौहल्ले में क्या हुआ होगा.. कुछ ...तो..हुआ है ? ..कस्तुरी ने अपने पति विजय की ओर देखते हुए कहा ..मुझे लगता है अपने सामने वाले झाबर के छोरे ने कुछ अपराध किया है ..कोई कामधाम तो है नही उसके..आवारा छोरो के साथ घूमता रहता है ..कस्तुरी कुछ ओर आगे कहती अभय ने रोकते हुए कहा ..मम्मी ..? ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 83

अभय ने अपने सीओ से बात करली थी । किंतु सीओ ने हंसते हुए कह दिया था ... हालात सामना तुम खुद करो । अभय अपने आपको हालात का सामना करने के लिए तैयार करता है । उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आजाते हैं । अभय तैयार होने के लिए कांस्टेबल से कुछ समय मांगता है ..कांस्टेबल अभय को सहमति दे देता है और कहता है हमे 8 बजे तक पहुँचना है सर !15 मिनट बाद... अभय अपने रूम से तैयार होकर बाहर आगया ..अभय पुलिस कांस्टेबल को देखकर बोला सर ! मै तैयार हूँ ..आपने चाय पी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 84

उस आदमी ने बड़ी चतुराई से कस्तुरी के कहे का उत्तर दे दिया । कस्तुरी का पति पूरण ने जोड़कर उस आदमी से कहा ..भाई जी आप बात को आगे मत बढाओ.. कस्तुरी ने आपका लिहाज ही तो किया है ..लेकिन आप बार बार बड़ी सफाई से कोई ताना मारे जा रहे हो .. थोड़ी देर मे अभय आजायेगा मै उसे आपके पास भेज दूंगा .. अभी आप आये हो तो चाय पीकर ही जाओ ..हमारी बहु केतकी चाय बहुत अच्छी बनाती है । उस आदमी को कोई फर्क नही पड़ा , उसने कहा .. चाय तो हमारी बहु ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 85

अभय और बदली के बीच बातचीत हो रही थी ..अभय ने बदली से कहा ..मुझे किस लिए बुलाया है सिर्फ यह पर्ची मिल गयी इस लिए मुझे बुलाया ..अभय अपनी बात पूरी करता उससे पहले ही बदली ने कहा ..नही जीजू .. हम एक कप बैठकर चाय पीये इसके लिए तो आपको पुलिस स्टेशन तो नही बुलाती उस डेड बॉडी से कुछ सामान मिला है , उसमे यह मोबाइल भी है इसे आप खुद देखलो ...अभय ने मोबाइल लेते हुए कहा ..क्या है इसमें ...बदली ने कहा आप खुद देख लो ...अभय ने मोबाइल की गैलरी खोलकर देखा ..उसमे ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 86

अभय और बदली चाय पी रहे हैं , अभय ने कहा बदली ! तुम वर्दी मे अच्छी लग रही । बस अपनी फिटनेस ऐसे ही रखना । थैंक्स जीजू मै ध्यान रखूंगी..अब आप बताओ इस केस मे आपकी क्या मदद करूं । आप पूरी रिपोर्ट तैयार कर ले । अभी तो डेड बॉडी को उसके घर वालो को हैंडओवर करना है । यूनिट ने जवान के घर सूचना कर दी होगी । जवान का अंतिम संस्कार पूरी जांच होने के बाद ही करवाना पड़ेगा । बदली ने कहा जीजू आप अभी एकबार घर हो आइए..शाम को 4:00 बजे आप ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 87

अभय ने एकाएक गाड़ी रोक दी .. बदली बोली क्या हुआ जीजू ? अभय ने कहा शायद हम गलत पर चल रहे हैं .. बदली दाये बाये देखने लगती है ..नही जीजू रास्ता तो यही है , दूसरा रास्ता तो गांवो से होकर जाता है .. अभय ने कहा रास्ता तो शायद सही हो पर मुझे बैचेनी सी हो रही है ..शायद भोजन किया वह ठीक नही था .. बदली ने कहा जीजू भोजन तो मैने भी किया था .. अभय ने कहा पता नही ..थोड़ी देर रूककर चलते हैं ..अभय कार से बाहर आजाता है ..बदली भी बाहर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 88

रेस्टोरेंट के पास कार पार्क कर अभय और बदली चाय पीने रेस्टोरेंट के अंदर चले जाते हैं । एक मे लगी टेबल कुर्सी को बैठने के लिए चुनते हैं ..प्रकाश से प्रकाशित रेस्टोरेंट साज सज्जा से सुसज्जित मनभावन लग रहा था ..टेबल पर लगे मोम बत्तीनुमा लेंप मंद मंद प्रकाश दे रहे थे । कैंडल नुमा लेंप ऐसे लग रहे थे जैसे कैंडल ही जल रहा हो । कैंडल का प्रकाश बदली के मुख मंडल को चमक प्रदान कर रहा था ..अभय अपलक बदली के मुखमंडल, उसके हाव भाव को देखे जा रहा था ..बदली के मुख मंडल पर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 89

अभय और बदली वैटिंग रूम में बैठे हैं .. बदली निश्चिंत है उसके चेहरे पर कोई चिंता नही है अभय असहज हो रहा था .. अपने हाथ के बँधी घड़ी को देखकर..बदली से बोला ..बदली यह डॉक्टर किस जांच की बात कर रही थी .. मुझे लगता है यह सब पैसे एंठने का तरीका है आपको कुछ नही है ..ट्रेवलिंग की वजह से आपको बैचेनी हुई होगी ..बदली को अभय की बात सुनकर हंसी आने लगती है ..लेकिन वह अपनी हंसी को रोक लेती है ..अभय को देखने लग जाती है फिर हल्की सी मुस्कान उसके गालो पर तैर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 90

बदली ने गाड़ी चलारहे अभय से पूछा ..जीजू ! अब आपका मूड कैसा है ? पहले रोमांटिक मूड मे । अभय ने नाराजगी भरे लहजे मे जबाब दिया ..पहले से अधिक रोमांटिक मूड में हूँ । बदली बनावटी ठहाका लगाकर हंसने लगी .. एकाएक बदली चुप हो गयी .. रात के 2:30 बज रहे थे, अभय के फोन पर एमसीओ का फोन आता है सर आप ठीक हैं न ? अभय ने कहा हां ठीक हूँ, अभी हम रास्ते मे ही चल रहे हैं, सर दो टेरेरिस्ट आपका पीछा कर रहे हैं । हमने स्टेशन से एक संदिग्ध को ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 91

पेड़ के पीछे छुपी बदली अभय के आकर लिपट जाती है । अभय ने अपने बांये हाथ से बदली बांह पकड़कर हटाया और मोटर साइकिल के पीछे दौड़ा ..अभय बड़बड़ाकर बोला ..निकल गये साले ..मैं छोड़ूंगा नही ..बदली नजदीक आकर ..जीजू आप सेफ हैं न ? मुजरिम आज नही तो कल कानून की गिरफ्त में होगा ..तभी अभय ने अपने से दूर फायरिंग की आवाज सुनी ..अभय ने तुरंत लेटकर पेड़ की आड ली और बदली से आड लेने को कहा ..बदली दौड़कर अभय की तरफ ही आगयी .. अभय ने बदली को खींचकर पेड़ की ओट मे कर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 92

बदली को अभय ने शकिया लड़की कहकर चिड़ाया..बदली का हृदय आहत हुआ.. बदली पुलिस की अफसर है पर वह एक स्त्री ही तो है । अभी भी रात बाकि थी ..अंधेरा था .. अभय की दुत्कार से बदली के चेहरे पर क्या भाव आये, अभय नही जान पाया । बदली ने विषय बदलते हुए कहा ..जीजू ! आप फोन करके पूछ लीजिए ! क्या स्थिति है ? अभय ने कहा ..नही फोन नही करूंगा ..पता नही वे किस परिस्थिति मे होंगे ..मैने फोन किया तो घंटी बजेगी और उनका लोकेशन दुश्मन को पता लग जायेगा .. वे खुद ही ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 93

अभय के पांवो से पीठ सटाकर बैठी बदली कभी पीठ हटाती है कभी फिर से छुआ देती है । बदली अपने आपको अभय के साथ खुद को सेफ महसूस नही समझ रही थी ..अभय पर शक कर रही थी कि कहीं रास्ते मे उसके साथ कुछ ऊंच नीच न होजाये..अब खुद अभय से नजदीकी बढा रही है । अभय को बदली का स्पर्श अच्छा तो लग रहा है ..किन्तु वह खुदको संयमित करना चाहता है ..वह नही चाहता कि वह खुद भी बहक जाये ..अभय को अपनी पत्नी से किया वादा याद आजाता है ..अभय ने अपनी पत्नी केतकी ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 94

बदली ने पीछे मुड़कर अभय की तरफ हाथ हिलाकर कहा ..जीजू ! इधर पास में गांव है ..अभय ने मे बदली से कहा ..ठीक है ..तुम आजाओ..बदली नीचे उतरकर अभय के पास में आगयी। बदली हमे वहां पहुंचने में कितना टाइम लगेगा ? बदली ने कहा ..जीजू चार पांच किलोमीटर तो होगा ही । हमे एक घंटा लगेगा लगभग.. दोनों बिना देर किये रवाना होगये ..कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक पगडंडी मिल गयी वे दोनो तेज कदमों से चल रहे हैं । आगे जाकर पगडंडी दो भागो मे बट गयी ..अभय चलते चलते रूक गया ..अभय ने ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 95

अभय टौंटी खोलकर अपना मुंह हाथ से धोने लगा । बदली भी उसके पीछे ही खड़ी थी , अभय कहा बदली ! पानी तो अच्छा है । पानी पीकर वहां से अभय हट गया , अब बदली की बारी थी बदली ने अपने दोनो हाथों से अपना मुंह धोया फिर पानी पिया । उधर अभय 50 मीटर दूर, मिट्टी से बने घर की ओर बढ रहा था । अभय को बकरी के मल मूत्र की गंध आरही थी । अभय के कदमो की आहट से बकरी बोलने लग गयी .. अभय बकरियों के पास पहुंच चुका था । वहां ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 96

अभय और बदली पैदल ही वहां से रवाना होगये । अभय ने कहा बदली हम जिधर से आये थे रास्ते से वापस चलेंगे । हम इस बीहड़ में भटक सकते हैं इस लिए आप मेरे पीछे पीछे चलो ..बदली ने कुछ नही कहा और अभय का अनुसरण करने लगी । दिन के आठ बजने वाले थे अभय और बदली उस खंडहर के पास पहुंच गये है । अभय ने कहा बदली ! अब हम मैन रोड़ की तरफ चलते है जिधर से रात मे आये थे । बदली ने जैसा आप कहे ..अभय और बदली मैन रोड़ पर पैदल ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 97

बदली अपनी उस दबंग महिला मित्र को याद करती है । उसके दिमाग में कुछ चल रहा है .. देर सोचने के बाद उसने उस दबंग महिला को फोन लगाया .. उधर से दबंग महिला ने फोन रिसीव किया .अरे मेघा ! (बदली) कैसी है तू ? कहा पोस्टिंग है तेरी ? अरे यार बहुत दिनों के बाद फोन किया ? अच्छा तू बता कैसे फोन किया ? इस तरह प्रश्नों की झड़ी लगा दी उस दबंग महिला ने । बदली ने धीमे स्वर मे कहा ..अरे यार एक मुर्गा है हट्टा खट्टा .. उधर से दबंग महिला बोली ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 98

कस्तुरी ने केतकी को उनके साथ घुमने जाने के लिए मना कर दिया । केतकी से कहा नही बेटा घर मे गाय भैंस है इन्हें छोड़कर कैसे मैं कैसे चल सकती हूँ तुम्हारे साथ ..वैसे भी तुम्हारे साथ मै आछी ना लागूगी। केतकी ने फिर से कहा आप तो चलो हमारे साथ गाय भैंसों की तो पापा कोई व्यवस्था कर देंगे ..आप दोनो कभी बाहर गये ही नही हैं । ..कस्तुरी बोली ..छोरी होती बात ही किया कर ..म्हे कोनि जावा ..कस्तुरी के इस तरह जोर देकर कहने पर केतकी ने कहा ठीक है मम्मी ..आप अभय से कह ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 99

बदली थाने पहुंचती है ..बदली ने फटे कपड़े, शरीर पर खरोच के निशान लिए रोती बिलखती उन महिलाओ को । बदली ने उन सबको अपने ऑफिस में बुला लिया । एक सिपाही से पानी पिलाने को कहा । महिलाओ ने जब पानी पी लिया । बदली ने कहा ..अब बताओ ! आपके साथ क्या हुआ? किसने किया ? उनमे से एक महिला ने सबके साथ क्या हुआ वह सब कहानी कह सुनाई। बदली को समझते देर नही लगी उसने महिलाओ से कहा आप मेरे साथ चलिए..जिसने भी आपके साथ बदसलूकी की है उनकी पहचान करके बताइए। महिलाएं जाने को ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 100

बदली ने कहा मै तुम पर कोई केस नहीं बनाऊंगी, किन्तु तुम्हें मेरा एक काम करना होगा । अच्छा उस लड़के को कैसे उठाया ? ऐसा कहकर बदली उनके उत्तर के लिए उनकी ओर देखने लगी । उन महिलाओ ने एक दूसरी महिला को देखा ..उसी वक्त बदली ने कहा ..डरो मत , तुम्हारी बॉस का फोन मेरे पास आया था । मै उसे जानती हूँ हम एक ही कॉलेज से पढे है । एक महिला ने कहा मेडम आप किसकी बात कर रही है ? बदली ने तुरंत उस दबंग महिला को फोन लगाया । उधर से फोन ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 101

अभय के साथ उदयपुर जाने का प्रोग्राम बनने के बाद बदली मन ही मन खुश हो रही है । अभय के साथ ट्रेन मे बैठी हुए है । साइड की अपर बर्थ बदली को मिली है । बदली के साथ एक 35 साल का हृष्ट-पुष्ट आदमी बैठा हुआ है । गाड़ी अपनी पूरी रफ्तार से चल रही है । ठक ठक खट, की आवाज के साथ रेल चल रही है । केतकी बहुत प्रसन्न है मौका पाकर अभय के चेहरे को देख लेती है । अभय के सामने एक प्रौढ महिला जिसकी उम्र 40 होगी , बदली उसके पास ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 102

शान्त बैठी महिला ने आगे कहा ..हम जैनियों में आत्म शुद्धि के लिए संथारा किया जाता है । संसार रहने से कुछ पाप कलमष आत्मा पर चढ जाते हैं तो उनका निस्तारण संथारा से होजाता है । मनुष्य निष्पाप होकर संसार से जाता है । केतकी ने पूछा ..संथारा के बारे मे मैने सुना है ..संथारा करने वाला अन्न जल का त्याग कर देता है और खुद को एक कमरे में बंद कर लेता है , लेकिन आप तो सफर कर रहे हैं ? महिला के शांत चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी ..वह बोली .. हां ऐसा होता ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 103

अभय और केतकी जैन महिला से बात कर रहे हैं , किन्तु बदली को यह सब ठीक नही लग था । वह बोर हो रही थी । यह सब बदली को अच्छा न लगने का कारण उसकी मानसिकता ही है । जिसका मन संयमित न हो या रखना ही न चाहती हो , उसे ऐसी बाते कैसे अच्छी लगेगी । बातचीत बंद हो जाये ..आगे कोई चर्चा संथारा पर न हो ..इस लिए बदली ने लाइट ऑफ करने को कहा ।अभय ने घड़ी देखी और बदली की बात को पुष्ट करते हुए कहा ..हां अब हमे सो जाना चाहिए। ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 104

बदली ने अभय को सॉरी कहा तो अभय मुस्कुराकर बोला ..बदली ! तुम्हारा शकिया दिमाग किसी दिन जीव का बन जायेगा । तुम्हारी शादी होजाने पर तो तुम्हारे हसबैंड की वाट लग जायेगी । बदली ने अभय को देखा और अपनी दोनो मुट्ठी बांधकर उसके सीने पर हल्का प्रहार किया .. जीजू आप भी बात कहां से कहां लेजाते हो । केतकी ने बदली का पक्ष लेते हुए कहा आप इसके पीछे क्यों पड़े हो ? आप मर्द भी शकिया कम नही होते । अभय ने कहा चलो चलो स्टेशन आगया.. बदली ने मौका देखकर अभय की कमर पर ...और पढ़े

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 105

अभय केतकी बदली तीनो मीरा होटल मे प्रवेश करते हैं । बदली ने साड़ी पहन रखी है । किन्तु लग रहा था जैसे उसने नयी स्टाइल मे साड़ी पहनी है । लेकिन बदली को लग रहा था कि लोग उसे ही देख रहे हैं । यह स्वाभाविक है लोग स्त्रियों को एकबार तो देखते ही हैं । किन्तु बदली के दिमाग पर उस हादसे का असर अभी भी था । स्वागत कक्ष से अभय दो रूमो की चाबी लेकर आगया था .. उसके आगे आगे होटल का कर्मचारी रास्ता दिखाते हुए..आइए सर !तीनों को कर्मचारी उनके रूम दिखाकर आजाता ...और पढ़े

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