महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 42 - महिला पुरूषों में टकराव क्यों ? एक ही भूल Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 42 - महिला पुरूषों में टकराव क्यों ? एक ही भूल

अभय ने दामिनी से कोर्ट मैरिज करली थी । दामिनी के पापा ने दामिनी से कहा .. बेटा मेरी इच्छा है कि आप दोनों का विवाह अपनी परंपरा से भी हो । दामिनी ने अभय की ओर देखा ..अभय कुछ सोचते हुए बोला .. इसके लिए तो काफी तैयारी करनी पड़ेगी .. दामिनी के पापा बीच मे ही बोले ..इसकी चिन्ता मत करो ..अभी हम मंदिर चलते है ..वहां पंडित जी से बात करते है .. शुभ मुहूर्त कब है ? सभी गाड़ियों में बैठकर मंदिर के लिए रवाना हुए .. रास्ते मे गाड़ी रोककर फल फूल मिठाई ली । और रवाना हुए..
कुछ देर बाद सब मंदिर की सीढी चढ रहे थे .. सेवादार को देखकर अभय ने पूछा पंडित जी हैं क्या ? सेवादार ने कहा.. हां हैं । आप दर्शन कर आवो ! मैं उन्हे भेजता हूँ ।
सभी ने मंदिर में दर्शन किए और बाहर आ गये .. पंडित जी को प्रणाम किया .. पंडित जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा .. आइए ..नीचे बैठने मे दिक्कत है तो बाहर चेयर लगी है वहा बैठते हैं ..दामिनी के पापा ने कहा .. मंदिर मे ही बैठते हैं पंडितजी ! ... सभी मंदिर मे चले गये .. वहां पर गलीचा बिछा था ..पंडित जी अपने आसन पर बैठे .. सबके तिलक किया, प्रसाद दिया .. दामिनी के पापा ने फूल फल मिठाई दक्षिणा पंडित जी के आसन के पास रखी .और हाथ जोड़कर कहा ..पंडित जी ! ये मेरी बेटी दामाद हैं इन्होने आज ही कोर्ट मैरिज किया है .. हम चाहते हैं इनका विवाह हिंदू परंपरा से भी हो .. आप कोई मुहूर्त बतायें ! ये दोनो ही सर्विस करते हैं ..तो' छुट्टी नही है .. दामाद जी फौज मे है दस दिन बाद ड्यूटी पर जायेंगे तो ..आप देखिए जल्दी मुहूर्त हो तो .. पंडित जी ने कहा .. इनके नाम बताएं .. अभय के ससुर ने कहा अभय दामिनी .. पंडितजी इनकी दूसरी शादी है । .. पंडित जी ने कहा .. दूसरी शादी है तो आप ..कल बसंत पंचमी है , दिन मे भी मुहूर्त है और रात मे भी है ..अबूज मुहूर्त है .. ठीक है पंडित जी ! यह ठीक रहेगा ..आपके यहां मंदिर मे ही करवायेंगे .. ठीक है । रात के लग्न में या दिन के ? ..
पंडित जी यह हम मिलकर डिसाइड करके आपको बता देंगे .. आप पूजा सामग्री लिख दीजिए .. पंडित जी ने कागज कलम ली और कहा अभी लिख देता हूँ .. आप डिस्कस कर लीजिए। आपस मे डिस्कस करने लगे ..फिर सब ने दिन की बजाय रात के लग्न को चुना ..
मंदिर से सभी दामिनी के घर के लिए रवाना हुए ..
अभय मन ही मन सोच रहा है ..मम्मी पापा को सूचना दूं या नही.. कही विरोध करेंगे तो .. नही नही वे आजायेंगे ..
उसने अपने घर फोन लगाया ..पापा ने फोन उठाया .. प्रणाम पापा ..खुश रहो .. कब आ रहा है तू ! ..आ रहा हूं पापा ! ..एकबार मम्मी को फोन दो .. हेलो .. प्रणाम मम्मी ..खुश रह बेटा..बोल क्या बात है ? मम्मी ..तुम गुस्सा मत करना..मुझे कुछ कहना है ? हां बोल क्या बात है ? ..मम्मी मै कल शादी कर रहा हूँ , आप पापा को साथ लेकर रघुनाथ गढ आ जाना .. अभय की मम्मी चौंककर यह क्या कह रहा है ? किससे कर रहा है उस पुलिस वाली से .. ? हां मम्मी ..मैने सोच समझकर ही फेसला किया है । अभय की मम्मी ने कहा ..वाह बेटा वाह ..अब तू खुद ही फेसला लेने लगा ..हम सब तो मर गये न ? .. अभय ने फोन कट कर दिया ..उसके चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था .. दामिनी समझ गयी थी ..दामिनी ने अभय के कंधे पर हाथ रखकर कहा ..क्या हुआ ? नाराज हो गये क्या मम्मी पापा ? अभय ने कहा ..यह सब तो उनकी आदत है .. । मुझे शादी करके ही बताना चाहिए था । दामिनी के पापा ने कहा ..दामाद जी आपके मम्मी पापा कोई बखेड़ा तो खड़ा नही करेंगे ? अभय ने अपने ससुर को देखा और दूसरी तरफ देखने लगा ..