महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 8 Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 8

केतकी का पिता समझ नही पा रहा था आखिर ऐसा क्या हुआ जो मेरी फूल सी बेटी सिसक सिसक कर रो रही है ।
केतकी की मा बोली ..मुझे दो फोन ..मै बात करती हूँ ..शायद..मुझे बता दे क्या हुआ है ?
हैलो.. बेटा ! केतकी ! क्या हुआ बेटा मुझे बता .. मेरा दिल बैठा जा रहा है ..मा ..मा..उनका एक्सीडेंट हो गया ..सब हॉस्पिटल गये हैं ..बेटा किसका एक्सीडेंट..? अभय का ..सिसकने की आवाज ..मा ..मा..मै क्या करू मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा ..केतकी फफक फफक कर रोने लगी ..मा एकदम चुप ..चेहरा भय से आशंकित.. फोन केतकी के पापा की तरफ कर दिया ..क्या हुआ ? केतकी का पापा का चेहरा भी उतर गया ..हैलो ..पापा की आवाज सुन केतकी बोली पापा ..अभय का एक्सीडेंट हो गया है ..अब केतकी संभल चुकी थी उसने बताना शुरू किया ..पापा अभय मोटर साइकिल से बाजार में कुछ अपना सामान लेने गये थे ..तब कार एकाएक सामने आगयी ..हेल्मेट नहीं लगाया था क्या ? पापा ने पूछा । ..नहीं पापा हेल्मेट तो लगा रखा था ..बेटा कौनसे हॉस्पिटल में लेकर गये हैं ? ..पापा यह तो पता नहीं ..किसी से पूछकर बताती हूँ ..नहीं बेटा तू रहने दे मैं ब्याई जी से पूछ लूंगा ।
फोन काट दिया ..केतकी के पापा ने ब्याई को (अभय के पापा को) फोन लगाया ..राम राम ब्याई जी अभय के पापा ने फोन उठाकर कहा ..राम राम जी ..क्या हो गया ब्याई जी..? एक्सीडेंट हो गया अभय का.. यह तो दशा ठीक थी जो चिंता की बात नही है ..केतकी का पापा बोला आप कौनसे हॉस्पिटल में हैं ..मैं अभी आता हूँ ..ब्याई जी यह तो प्राइवेट क्लीनिक है यहां से फस्टेड (प्राथमिक उपचार) कराकर जयपुर आर्मी हॉस्पिटल (एम एच ) में लेकर जा रहें है । आप आवो तो मना नही है ..आप परेशान हो जायेंगे आप रहने दे हम आपको सारी रिपोर्ट देते रहेंगे । ठीक है ब्याई सा मुझे बता दीजियेगा।

अभय को आर्मी हॉस्पिटल ने एडमिट कर लिया ..तत्काल जांच हुई ..बायें हाथ की कलाई के जोईंट में फैक्चर आया बाकि कंधे में घुटनों में जख्म थे ।

अगले दिन एम एच के डाक्टर से अभय ने बात किया बोला सर ! यूनिट ने बुलाया है फायरिंग कंपटीशन है ..डाक्टर हंसकर बोला..पहले ठीक हो जाओ ..कल डिस्चार्ज कर देंगे एक महिने की सिक लिव भेज देंगे फिर यूनिट में चले जाना ..सर ..अभय से डाक्टर ने पूछा तुम्हारी छुट्टी कितनी बची है ? ..सर 10 दिन ..तो कोई बात नही ..आप 10 दिन बाद चेक करवाने आजाना..ठीक है सर ..

एम एच ने एक रिपोर्ट बनाकर अभय की यूनिट मे भेज दी ।

रात्रि में ही यूनिट से फोन आया ..सी एच एम .हैलो..अभय !.. अभय ने तुरंत कहा राम राम सर .. अरे भाई क्या हो गया ..? तुम ठीक हो ना .. अच्छे से इलाज करवा कर आ जाना ..फायरिंग कंपटीशन से नाम काट देंगे ...अभय बोला सर..मैं आजाऊंगा..मेरा दाहिना हाथ ठीक है ..कोई बात नही जब ठीक हो जाये तो बताना किंतु आपकी एम एच से रिपोर्ट आयी है उसके कारण तुम भाग नही ले सकते ? ..फोन कट हो गया । थोड़ी देर बाद ..
अभय बोला केतकी को खबर दे दो मैं ठीक हूँ ..
अभय की मा पहले तो बेटे को लेकर रो रही थी अब एक दम से तमतमाये चेहरे से ..तू ठीक हो जा..कलकी आई छोकरी की चिंता फिकर छोड़ ..उसे तो मै बता दूंगी..घर में परसों ही आई कल ..एक्सीडेंट..राम राम.. बुआ बोली भाभी ! यह क्या बोल रही हो ? इसमें उसका क्या दोष ? अभय की मा जोर से बोली ..दोष तो है ..

इतने में फोन की घंटी.. अभय के पापा ने फोन उठाया..हैलो ..उधर से फोन करने वाले का परिचय सुन पूरण सिंह सकपका गया .. चेहरे का रंग फीका पड़ गया..

क्रमश --