हिंदी मानवीय विज्ञान कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें

दतिया धाम - वृन्दावन
द्वारा विनोद मिश्र सुरमणि

दतिया की संस्कृति और इतिहास विनोद मिश्र की यह किताब ‘दतिया धाम : वृंदावन’ दतिया के बारे में उनकी चिंताओं उनके अध्ययन और अनुशीलन को प्रकट करती है। वे ...

हिंदी सतसई परंपरा - 4
द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया

विषय के अनुसार या संख्या की दृष्टि से सौ या अधिक मुक्तकों के संग्रह होते आए हैं ,हिंदी का सतसई शब्द संस्कृत के सप्तशती का ही तद्भव या विकृत ...

हिंदी सतसई परंपरा - 3
द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया

हिंदी की श्रृंगार सतसईयां  - हिंदी की श्रृंगार सतसईयों  में बिहारी सतसई, मतिराम सतसई,निधि सतसई, राम सतसई और विक्रम सतसई की गणना होती है।  डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी ने ...

हिंदी सतसई परंपरा - 2
द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया

  हिंदी की सूक्ति सतसैया - हिंदी में सूक्ति सतसैयों के अंतर्गत तीन सतसैयों की गणना की जा सकती है- तुलसी सतसई, रहीम सतसई और वृंद सतसई । 1.तुलसी ...

हिंदी सतसई परंपरा - 1
द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया

सतसई परंपरा और बिहारी भूमिका   शैलेंद्र बुधौलिया काव्य भेद प्रबंध और मुक्तक का स्वरूप  और विशेषताएं काव्य में एक विशेष बन्ध- एक विशिष्ट पूर्वाक्रम - की दृष्टि से ...

संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 4
द्वारा Jitendra Patwari

चक्र: जीवन यात्रा के सप्त सूर   ऑरा, कुंडलिनी और नाड़ी के बारे में चर्चा हुई. अब चलते हैं चक्र यात्रा पर l   चक्रों के बारे में चर्चा ...

धीमा जहर
द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla

आपको पता है अभी कुछ साल पहले 2019 में अक्षय कुमार अभिनीत एक फ़िल्म रिलीज हुई थी, नाम था मिशन मंगल, फ़िल्म ने चारों और वाहवाही बटोरी थी चूंकि ...

आरक्षण
द्वारा Vishal Dhusiya

प्रस्तावना यह बात किसी के भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं हैं बल्कि उनको आईना दिखाने का प्रयास है जिन्होंने 3000 साल तक sc st obc पर तरह तरह ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 79
द्वारा Captain Dharnidhar

अभय छुट्टी जाने के लिए अपना सामान बैग मे जमाकर तैयार था ,अब हेलीकॉप्टर का इंतजार हो रहा था । हेली पेड के चारों तरफ हटाई गयी बर्फ की ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78
द्वारा Captain Dharnidhar

अभय सीओ से मिलकर आरहा है । उस पर सबकी नजरे टिकी हुई है । सबको जानना है अंदर क्या हुआ होगा । अभय अरजूडेंट ऑफिस के पास से ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77
द्वारा Captain Dharnidhar

अभय ने जो सपना देखा था वह बड़ा भयावना था। जग जाने पर भी उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था । जहां आग लगी थी उस टेंट ...

लकीर...
द्वारा Saroj Verma

जब मैं चार पाँच साल की रही हूँगीं,तब मैंने उन्हें पहली बार तुलसिया दाई के मंदिर में नाचते हुए देखा था,मैं अपनी पड़ोस वाली आण्टी के साथ उस मंदिर ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - अंतिम भाग
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग-40)गाँव से आ कर भुवन को खाना खिला कर ड्राईवर को भुवन को छोड़ने के लिए भेज दिया। भुवन तो कैब से जा रहा था पर उमेश जी ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 39
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग --39)टीना और बाकी सब शांता जी की मदद कर रहै थे सामान समेटने में और जब पता चला कि टीना आज नहीं कल जा रही हा तो ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 38
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग-38) "अँकल जी आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं और ऐसा हो जाए तो बहुत अच्छा हो जाएगा।अभी पापा फ्री हो जाते हैं तो उनसे बात कर लेते ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 37
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -37) टीना, भुवन से बात करके उठ गयी।सब बच्चों से मिलने के बाद टीना ने गिफ्ट में मिली झुमकी दिखाई। टीना की दादी ने बताया कि उन्होने ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 76
द्वारा Captain Dharnidhar

अभय दामिनी को दवा लाने भेज देता है । उसके जाते ही ,दामिनी के सामान की जांच करने लग जाता है । उसे सामान में कुछ नही मिला । ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 36
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग-36) भुवन और संध्या के लिए एक और सरप्राइज मिला कमरे को देख कर। कमरा बहुत सुंदर सजा हुआ था।संध्या जहाँ शरमा रही थी, वहीं भुवन को ये ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 35
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -35)देर रात तक संगीत में मस्ती करने के बाद अगले दिन सुबह सब देर से उठे।शाम को रवि और टीना को सब रस्मो रिवाजो को टाइम के ...

एक रूह की आत्मकथा - 61 - अंतिम भाग
द्वारा Ranjana Jaiswal

मैं कामिनी ,हाँ वही मिस कामिनी ,जिसकी रूह की आत्मकथा आप पढ़ रहे थे।सात साल बाद एक बार फिर लौट आई हूँ ।बस थोड़ी देर के लिए अपनी बेटी ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 34
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग --34)सुबह टीना जल्दी उठ गयी थी। घर में काम करने वाले लोग कई थे। पर रसोई में ज्यादा- तर काम भुवन की माँ ही करती थी।सुबह टीना ...

एक रूह की आत्मकथा - 60
द्वारा Ranjana Jaiswal

हॉस्पिटल में स्वतंत्र को देखने प्रथम अपने मित्र परम के साथ आया।स्वतंत्र की हालत देखकर वह बहुत दुःखी हुआ।उसे उमा पर बड़ी दया आई।उसने सोचा कि अगर स्वतंत्र को ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 33
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -33)उन लोगो के जाने के बाद भी कुछ देर उनकी ही बातें होती रही। सब प्रभावित हुए बिना नही रह सके भुवन के परिवार के आचार- व्यवहार ...

एक रूह की आत्मकथा - 59
द्वारा Ranjana Jaiswal

हॉस्पिटल में स्वतंत्र को देखने प्रथम अपने मित्र परम के साथ आया।स्वतंत्र की हालत देखकर वह बहुत दुःखी हुआ।उसे उमा पर बड़ी दया आई।उसने सोचा कि अगर स्वतंत्र को ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 32
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -32) टीना बहुत थकी हुई थी। "मुझे बहुत नींद आ रही है दोस्त मैं सोने जा रही हूँ, कल सुबह कॉल करूँगी", लिख कर टीना ने भुवन ...

एक रूह की आत्मकथा - 58
द्वारा Ranjana Jaiswal

स्वतंत्र अभी तक कोमा में था ।ब्रेन के ऑपरेशन के बाद भी उसे होश नहीं आया था। उसकी एक अंगुली भी नहीं हिली थी।वह बेंटिलेटर पर ही था।डॉक्टर उमा ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 31
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -31)"कोई बात आप ट्राई तो करो, जो आज तक नहीं किया वो शुरूआत मुझसे करो"। कहते हुए टीना उसको एक वेस्टर्न ड्रैसेज की शॉप में ले गयी ...

एक रूह की आत्मकथा - 57
द्वारा Ranjana Jaiswal

रेहाना लीला के लिए खुश है कि उसने खुद को 'लड्डू गोपाल' के हाथों समर्पित कर दिया है ।लड्डू गोपाल यानी कृष्ण का बाल रूप।इधर हर दूसरे हिन्दू घर ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 30
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग -30)संध्या ने दोनो तरफ के कपड़े काफी सिंपल पर अच्छे लिए। "मीनल और टीना ने कहा भी कि इतनी सुंदर हो थोड़ा गहरे रंग और भारी ले ...

एक रूह की आत्मकथा - 56
द्वारा Ranjana Jaiswal

स्वतंत्र के एक्सीडेंट की खबर जब उमा को मिली तो वह घबरा गई।नन्दा देवी तो रोने -चीखने ही लगीं।दोनों भागती हुई उस स्थान पर पहुँची,जहाँ स्वतंत्र घायल अवस्था में ...

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 75
द्वारा Captain Dharnidhar

अभय ने दामिनी को दवा लाने के लिए बाहर भेज दिया ताकि उसके सामान की तलाशी ले सके । दामिनी के जाते ही अभय ने दरवाजे की कुंदी बंद ...

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 29
द्वारा सीमा बी.

विश्वास (भाग --29)टीना का मन अशांत था , उसे बार बार भुवन के पापा की रोना याद आ रहा था। भुवन और मोहन उसको हँसाने के लिए किस्से सुना ...