महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 43 - अभय दामिनी का विवाह Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 43 - अभय दामिनी का विवाह

अभय ने अपने माता पिता को बिना सूचना दिये कोर्ट मैरिज तो करली , लेकिन उसे फील हो रहा था कि मेरे माता पिता यहां नही है , काश वे भी होते । लेकिन जैसे ही पुनर्विवाह का कार्यक्रम बना तो उससे रहा नही गया , अपने माता पिता को सूचित कर दिया ..कि आप दोनो आजाये मै विवाह कर रहा हूँ । उधर मम्मी पापा से खरी खोटी सुनने को मिली .. इधर अभय का अहम भी आहत हुआ ..वह दामिनी से कहने लगा .. मेरे मम्मी पापा पुराने ख्यालो के हैं । वे नहीं आयेंगे .. आ भी गये तो कुछ गड़बड़ ही करेंगे .. दामिनी के पापा ने कहा दामाद जी ! मैं बात करू शायद ..समझ जायें । अभय कुछ नहीं बोला .. दामिनी के पापा ने फोन किया ..अभय के पापा ने फोन उठाया ..हेलो ..मै दामिनी का पापा बोल रहा हूँ ..उधर से अभय के पापा ने रूखे स्वर में ..राम राम जी बोलिए ! किस लिए फोन किया ? देखिए समधी जी ! हमने तो अपना जीवन जी लिया ..अब ये बच्चे अपना जीवन नये शिरे से शुरू करना चाहते हैं तो हमे इनको आशीर्वाद देना चाहिए। उधर से पूरण सिंह ने कहा ..आप मेरा भी आशीर्वाद देदे ..मै नही आ पाऊंगा .. अब अभय मेरा बेटा नहीं है ..वह यहां न आये ..और दुबारा फोन भी मत करना ..
अभय की मॉ कस्तुरी बोली ..पूछ तो लो कौनसे मंदिर मे कितने बजे है .. उसकी आवाज दामिनी के पापा ने सुन ली ..वह बोला समधी जी बड़े मंदिर में रात 8:00 बजे विवाह होगा ..पूरणसिंह ने रूखे स्वर मे कहा ..ठीक है ठीक है ..मै फोन रखता हूँ ..राम राम ..फोन कट कर दिया ।
अगले दिन ..
अभय के विवाह की तैयारी शुरू हो गयी हैं ..
अभय का दिल खुश तो नहीं है .. फिर भी बनावटी खुशी जाहिर कर रहा है .. दामिनी ने अपनी सहेलियों को बुला लिया ..जिसमें कजरी व कजरी की बहिन .. और अपने थाने का स्टाफ.. लगभग 25 की संख्या थी ..मंडप सजा है ..दामिनी का प्रवेश होता है ..अभय को केतकी की याद आ जाती है .. एकबार तो उसे लगा कि केतकी ही आ रही है ..
मंत्रोच्चार होने लगे ... तभी एक गाड़ी ..मंदिर के द्वार पर आकर रूकी.. अभय की नजर उधर ही है ..वह सोच रहा है ..मम्मी पापा तो नही आगये .. उसका अनुमान सही था । गाड़ी से उसकी बुआ और फूपा जी उतरे उनके साथ उसकी मम्मी दिखाई दी ..साफा पहने उसके पापा गाड़ी का दरवाजा बंद करते हुए दिखाई दिये .. अभय के चेहरे पर खुशी आगयी वह अपने ससुर से बोला ..मेरे मम्मी पापा आगये .. दामिनी की मम्मी पापा सभी उठकर उनके स्वागत के लिए गेट पर चले गये .. दामिनी के पापा ने कहा मंडप मे रखी माला ले आवो .. माला पहनाकर सबका स्वागत किया ..दामिनी के पापा ने कहा ..समधी जी मुझे पता था आप आयेंगे .. बेटा बेटी से नाराज हम मा बाप ज्यादा देर तक नही रह सकते .. चलिए चलिए .. दामिनी के पापा ने पंडित जी से कहा ..पंडित जी ..आधा घंटा डीले करे तो चलेगा ? कोई बात नही आप इन्हे चाय पानी पिलायें .. कस्तुरी अभय की मॉ ने कहा ..हम चाय पानी पी लेंगे आप शुरू करें .. सभी ने सहमति दे दी .. विवाह सम्पन्न हो गया ..