Mahila Purusho me takraav kyo ? - 62 books and stories free download online pdf in Hindi

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 62 - आईएसआई एजेंट दामिनी केतकी

दामिनी केतकी की असलियत सबके सामने लाने के लिए मुम्बई डॉक्टर साहब के घर तक पहुंच गयी है । अपने साथ आये अभय और बद्री काका को उसने बाहर ही छोड़ दिया था । केतकी की जुड़वा बहिन से बहस हो रही है । अब आगे -
जब केतकी जैसी दिखने वाली युवती ने दामिनी को डाटना शुरू किया तो दामिनी ने भी उसको पलटकर उसी की भाषा मे जबाब देना शुरू कर दिया । दामिनी ने कहा तुम्हे क्या मिलता है ? यह सब करके ?..तुम क्यों दूसरों की जिंदगी से खेल रही हो ? उस युवती ने डॉक्टर साहब से कहा काका ! इस लड़की को मैं अच्छी तरह जानती हूँ । दामिनी भी उससे बात करते करते खड़ी हो गयी और डॉक्टर साहब से बोली ..अंकल ! हम अंदर बैठकर बात करते हैं । डॉक्टर साहब हक्का बक्का होकर उन दोनों को देखेने लगा । उनसे कुछ कहते नही बन रहा था, वह सिर्फ हां में सिर हिलाता हुआ उठकर खड़ा हो गया । तीनों घरके अंदर चले जाते हैं । दामिनी ने अंदर से कुंदी लगा ली । बाहर पौधों मे पानी दे रही युवती दूर चली गयी थी । उसने उनकी कोई बात नहीं सुनी ।
दामिनी ने अंदर जाकर कहा.. अंकल ! प्लीज आप भी हमे अकेला छोड़ दे । हम बेस्ट फ्रेंड हैं थोड़ी गलत फहमी है उसे दूर कर थोड़ी देर मे आपसे मिलते हैं । अंकल ने कुछ नही कहा और कुंदी खोलकर बाहर चला गया । दामिनी ने फिर से कुंदी लगा ली । केतकी से पूछा ..घर मे कोई ओर तो नहीं है । केतकी ने अपनी गर्दन ना मे हिलादी ।.. दामिनी ने अब बोलना शुरू किया ..यह क्या है सब ? इतने वर्षों की मेहनत पर तुम पानी फेर दोगी । क्या जरूरत थी तुम्हें जुड़वा बनने की । केतकी बोली तुमने कौनसा तीर मार लिया अभय के साथ रहकर .. सिर्फ एक बच्ची पैदा जरूर कर दी । तुमने मुझसे कहा था कि अभय को तुम हैंडल नही कर पाओगी । अभय से शादी करके तुम कौनसा काम कर पायी हो । दामिनी ने कहा मैने उससे कभी झगड़ा तो नही किया , उसे खुश रखती हूँ , और तुम अभय को विश्वास मे लेना तो दूर उससे झगड़ा ही करती रही । जब तुमसे कहा गया था कि अभय का विश्वास जीतना है और उसके साथ आर्मी क्वार्टर मे जाकर रहना है । वह केतकी बोली क्या फायदा होता वह तो एक सिपाही निकला । दामिनी ने कहा अरे बेवकूफ उसने परीक्षा तो दे दी थी ...केतकी ने कहा पर' तुमने कहा था कि तुम हट जाओ.. मैं हट गयी, मैने मेरी मा से कह दिया था, मुझे कुछ हो जाये तो अभय की शादी दामिनी से करवा देना । और यदि मैं तलाक लेकर हटती तो ..हमारी पहचान उजागर हो सकती थी । मुझसे कहा गया था कि मीडिया से दूर रहना है । तो फिर मैं क्या करती ? मैने मरने का ही नाटक बेहतर समझा । इसमे मेरी मदद करने के लिए अपने साथी आगये थे ।
पर तुम बताओ यहां क्यों आई हो ? अरे बेवकूफ मैं यहां इसलिए आई, क्योंकि अभय केतकी की हमशक्ल समझकर तुमसे सम्पर्क रखता, तुम्हारा पीछा करता । अब तुम जुड़वा बहिन का नाटक खत्म करो .. बस अभय को उलझाओ उससे झगड़ा करो .. वह जब तनाव मे होगा तो .. मैं उसे सहारा देने के बहाने उसके साथ चली जाऊंगी । केतकी ने कहा ..तो क्या तुम पुलिस की नौकरी छोड़ दोगी ? दामिनी ने कहा ..हां यदि जरूरत पड़ी तो छोड़ दूंगी ।
केतकी ने कहा तुम ही बताओ, मै क्या करूं ? दामिनी ने कहा करना क्या है ..तुम अभय की यूनिट मे इसके सीओ से बात करो और कहो कि मै इसकी पत्नी हूँ, और इसने मेरे रहते दूसरी शादी करली है ... केतकी बोली ऐसा करने से तो इसे फौज से निकाल देगे.. ? दामिनी बोली ऐसा नही होगा । अगर ऐसा होता दिखाई दिया तो हम होने नही देंगे ।
अब बाहर चलो मै अभय को बुला लेती हूँ.. तुम अपना नाटक शुरू कर देना ...

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