Mahila Purusho me takraav kyo ? - 78 books and stories free download online pdf in Hindi महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78 (4) 984 2.7k 1 अभय सीओ से मिलकर आरहा है । उस पर सबकी नजरे टिकी हुई है । सबको जानना है अंदर क्या हुआ होगा । अभय अरजूडेंट ऑफिस के पास से निकला तो अंदर से एक ऑफिसर ने आवाज दी ..अभय ! , अभय ने पलटकर देखा और ऑफिस मे आगया ..वहां पर सबको उत्सुकता थी यह जानने की सीओ ने क्या कहा । अभय को अरजूडेंट ने पूछा, सीओ ने किस लिए बुलाया था । अभय ने अंदर हुई सब बातें बता दी ..फिर मुस्कुराकर कहा सर मैं आज ही छुट्टी निकलूंगा। हेलीकॉप्टर जब भी आज आयेगा मैं निकल जाऊंगा । अरजूडेंट ने हेड क्लर्क को फोन किया और फोन पर बताया कि अभय साहब की एक महिने की छुट्टी बनवा दो । साथ बैठे ऑफिसर ने कहा सर ! छुट्टी मिल गयी है ,पार्टी तो बनती है । अभय ने कहा आकर के दे दूंगा .. अरे सर फिर तो आप रहने ही दो । अभय ने कहा ठीक है आज मेरी तरफ से एक एक पेग आज ही लगा लेना । सब ठहाका लगाकर हंसने लग जाते हैं । अभय सॉरी सॉरी अब मुझे जाना है । अभय वहां से निकल जाता है । रात मे आये सपने का असर अब अभय पर नही था । सपने के कारण लगी आग को लेकर भी अभय चिन्तित था किन्तु सीओ से मिलने के बाद अब बेफिक्र होगया था । अभय ने माइक पर भजन बजने की आवाज सुनी यूनिट के मंदिर मे भजन बज रहा था । अभय ने सोचा कि पंडित जी से मिलकर आता हूँ । उनसे सपने के बारे मे भी पूछूंगा ।अभय अपने रेजीडेंस मे न जाकर मंदिर की ओर चल दिया । मंदिर के बाहर दरवाजे से अभय ने आवाज दी ..गुरूजी ! नमस्कार " पंडित जी ने अभय को वहां खड़े देखा ..आशीर्वाद कहते हुए बाहर आगये । पंडित जी ने पूछा हां सर , आप ठीक है न ? मैने सुना था कि रात मे आग लग गयी थी । अभय ने कहा ..यह तो भगवान की दया है सब ठीक है । कोई नुकसान नही हुआ । गुरूजी मै आज छुट्टी जा रहा हूँ , आप आशीर्वाद देवे .. घर पर ठीक से छुट्टी कट जाये । पंडित जी ने कहा भगवान सब ठीक ही करेंगे । आप निश्चिंत होकर जाये , मै संध्या की आरती मे आपके लिए प्रार्थना करूंगा । गुरूजी कल मैने बड़ा भयानक सपना देखा उसका क्या फल हो सकता है ? बाहर लगी चेयर पर बैठते हुए पंडित जी ने कहा ..आप बैठो । अभय ने बैठकर सारा सपना सुना दिया । पंडित जी कुछ सोचने लगे ..अभय ने पूछा क्या बात है गुरूजी ! पंडित जी ने कहा सपना मिला जुला फल देने वाला है । हां इतना समझ लीजिए संकट आयेगा पर आप उस पर विजय पा लेंगे । अभय फिर पूछा कैसा संकट ? पंडित जी ने कहा एक तो आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे कोई पुराना रोग फिर से प्रगट हो सकता है । यदि रोग है तो बढ सकता है । दूसरी बात कोई आपका अपना आर्थिक नुकसान कर सकता है । अभय ने फिर कहा ... गुरूजी कोई जान माल का तो नुकसान नही है न ? पंडित जी ने फिर कहा आपको प्रॉब्लम घर के बाहर से आसकती है । सपने का असर न हो इसके लिए आप अपने ईष्ट के नाम का जप करो ..होसके तो शिवपूजन करे । आप बेफिक्र होकर जाइए। सपने का फल अभी नही लगभग छ महिने बाद हो सकता है । तब तक आप पूजा पाठ करते रहे । अभय ने जाने से पहले प्रणाम किया ..और कुछ सोचते हुए वहां से चला गया । ‹ पिछला प्रकरणमहिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77 › अगला प्रकरणमहिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 79 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Captain Dharnidhar फॉलो उपन्यास Captain Dharnidhar द्वारा हिंदी मानवीय विज्ञान कुल प्रकरण : 85 शेयर करे आपको पसंद आएंगी महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 1 द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 2 - वैचारिक भिन्नता द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 3 - कवियों ने नारी को भोग्य वस्तु बन द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 4 - सत्य घटना पर आधारित कहानी द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 5 - सत्य घटना पर आधारित द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 6 द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 7 द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 8 द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 9 द्वारा Captain Dharnidhar महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 10 द्वारा Captain Dharnidhar NEW REALESED Moral Stories कंचन मृग - 17. ऋण चुकाने का अवसर आ गया Dr. Suryapal Singh Women Focused लागा चुनरी में दाग--भाग(७) Saroj Verma Love Stories प्रेम गली अति साँकरी - 136 Pranava Bharti Love Stories लिविंग विथ डाइंग - 6 Makvana Bhavek Love Stories वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 20 RACHNA ROY Anything मेरी कलम ही मेरी पहचान है दिनेश कुमार कीर Fiction Stories प्यार हुआ चुपके से - भाग 4 Kavita Verma Mythological Stories उलूपी Renu Moral Stories शोहरत का घमंड - 63 shama parveen Adventure Stories कोई तुमसा नहीं - 7 Mahi