महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 91 Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 91

पेड़ के पीछे छुपी बदली अभय के आकर लिपट जाती है । अभय ने अपने बांये हाथ से बदली की बांह पकड़कर हटाया और मोटर साइकिल के पीछे दौड़ा ..अभय बड़बड़ाकर बोला ..निकल गये साले ..मैं छोड़ूंगा नही ..बदली नजदीक आकर ..जीजू आप सेफ हैं न ? मुजरिम आज नही तो कल कानून की गिरफ्त में होगा ..तभी अभय ने अपने से दूर फायरिंग की आवाज सुनी ..अभय ने तुरंत लेटकर पेड़ की आड ली और बदली से आड लेने को कहा ..बदली दौड़कर अभय की तरफ ही आगयी .. अभय ने बदली को खींचकर पेड़ की ओट मे कर लिया और खुद भी उसी के साथ ओट मे लेट गया ..रूक रूककर अब भी फायरिंग की आवाज आरही है .. अभय ने बदली से कहा ..बदली आपको पुलिस ने ठीक से ट्रेनिंग नहीं दी ..तुम एक सिविल की तरह भागकर मेरे पास आयी ..वहां अपने पास मे भी आड ले सकती थी ..बदली ने कहा ..जीजू फौज की सिखलाई और पुलिस की सिखलाई में अंतर होता है .. अभय ने कहा तुम अपनी कमी पुलिस पर मत डालो .. बदली बोली जीजू ! मैने पेड़ की आड से ज्यादा आपकी आड को ज्यादा सुरक्षित समझा .. वैसे मेरे पास हथियार भी तो नही है ..अभय ने तुरंत हथियार बदली के हाथ मे थमा दिया ..यह लो अपना हथियार.. अब गोलियो की आवाज आना बंद होगयी थी ..बदली ने कहा आप क्या सोच रहे हो ..क्या अब हमे चलना चाहिए.. अभय ने तुरंत कहा नही अब हमे उजाला होने तक यहीं रूकना होगा ..क्योंकि जहां फायरिंग हुई है वहां संभवतः आर्मी की एक टुकड़ी आगयी होगी, शायद , उसने उन टेरेरिस्ट को मार गिराया है ..यदि हम उधर जाते है तो ..बदली बात काटकर..वे हम पर भी फायरिंग कर सकते हैं ... अभय ने कहा नही ..वे खुद अपने पास यहां आजायेंगे ..उनके पास मेरा लोकेशन है .. तभी बदली को पेड़ की टहनी लगती है वह चिल्लाकर अभय के चिपक जाती है ..अभय उसको हटाता है पर वह हटती नही .. अभय पूछता है क्या हुआ ? बदली ने कहा जीजू मुझे कुछ चुभा है इस पेड़ के पास से ..अभय ने कहा ..डरो मत पेड़ मे कोई तार बंधा होगा वह टच होगया होगा ..बदली काफी देर से अभय को जकड़े हुए थी ..अभय को उसका सुकोमल स्पर्श अच्छा लग रहा था ..अब उसने भी उसे हटाने का प्रयास नही किया ... बदली का हृदय धक धक धड़क रहा है .. उसकी धड़कन अभय महसूस कर रहा है ..अभय ने उसकी पीठ को थपथपाया और कहा.. बदली अब तुम्हे मुझसे डर नही लग रहा .. ? बदली अभय से हटकर..जीजू यहां जान पर बनी है आप ठिंठोली कर रहे है ..।

यह सत्य भी है जब डर मे दूसरा डर उपस्थित होजाता है तो पहला डर छूमंतर होजाता है । बदली ने जीजू के कंधे से लगकर कहा जीजू ..यदि आप शादीशुदा नही होते तो मै आज शादी का प्रस्ताव रख देती ..अभय ने कहा शादीशुदा नही होता तो," तुम से शादी नही करता .. बदली ने कहा .. क्यों नही करते ...?
क्योंकि मैं तुम्हारी जैसी शकिया लड़की के साथ अपना जीवन खराब नही करता .. बदली अब चुप होगयी थी । कोई स्त्री अपनी इस तरह अवहेलना नही सह सकती ..बदली ने अपने मन मे कुछ निश्चय किया ..। बदली.. मन ही मन मे .. देखती हूँ , तुम मेरे प्रेम पड़ते हो या नही ...।