महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 52 Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 52

दामिनी राउंड पर जाते हुए सिपाही को कहकर गयी थी, कि मेरे हसबैंड आयेंगे उन्हें वेट करने को कहना और अंदर ऑफिस में बैठा देना ।

दामिनी का पति अभय टू व्हीलर से थाने पहुंचा ही था, कि एक सिपाही उसके पास आया और नमस्ते सर कहकर अपनी बात कहने लगा ..सर ! मेडम राउंड पर गयी हैं ..आपको ऑफिस मे इंतजार करने को कहा है ..आइए .. आप ! अंदर चलिए ! अभय ऑफिस में लगी चेयर पर बैठ गया .. सिपाही ने अभय से पूछा ..सर चाय बोल के आंऊ.. अभय ने कहा ..अभी आप रूक जाओ । मेडम को आजाने दो, फिर चाय पीऊंगा ।
सिपाही के जाने के बाद ..
अभय ऑफिस की दीवारों को देखने लगा ..दीवार पर महात्मा गांधी की फोटो व पुलिस का आदर्श वाक्य लगा था । "अहर्निश सेवामहे " यानि रात दिन सेवा के लिए तत्पर । दामिनी की मेज पर शीशा लगा था । शीशे के नीचे इलाके का मेप लगा था । हनुमान जी का चित्र मेज पर दामिनी की चेयर के ठीक सामने लगा था । मेज के बाई ओर एक रेक बना था जिसमे इन आउट के कालम बने थे । उनमें फाइले रखी थी । मेज पर पेपर वेट व पेन स्टैंड जिसमे पेंसिल व पेन रखे थे । अभय ने पेपर वेट (काच का गोला ) को अपने हाथ मे ले लिया और उसे मेज पर घुमाने लगा । कभी हाथ मे उठाये कभी मेज पर घुमाने लगे । उसने मेज पर रखी वेल को उठाकर उसे ऐंठा फिर उसे अपने पास रख लिया । पीछे से सिपाही ने कहा सर ! मेडम को टाइम लग रहा है .. आपके लिए चाय बोल दूं । अभय ने कहा ..रूको ! अभय ने दामिनी को फोन लगाया और पूछा..टाइम लगेगा क्या ? दामिनी ने कहा ..अभी पांच मिनट मे पहुंच रही हूँ .. कुछ देर बाद ..
थाने के बाहर से गोली चलने की आवाज आई .. फिर एक धमाका हुआ ..धमाका बम का नही था गाड़ी के टायर फटने का था । पुलिस के सायरन की आवाज पहले दूर से आ रही थी । अब बिल्कुल नजदीक से आ रही है ।
अभय बाहर एक पीलर की ओट लेकर देख रहा था .. जब उसे यकीन हो गया कि हमला थाने पर नही है ..वह बाहर आ गया । उसने देखा ..एक गाड़ी का टायर फटा है वह एक तरफ टेढी होकर रूकी हुई है । गोली पुलिस ने ही गाड़ी के टायर पर चलाई थी । अभय ने देखा एक अपराधी को पुलिस वालो ने दबोच रखा है । उसे सड़क पर उल्टा लेटाकर उसके दोनों हाथो को पीठ की तरफ खैंचकर हथकड़ी पहना रहे हैं ।
तभी दामिनी दिखाई देती है वह सिपाहियों को कह रही है गाड़ी में डालो इसे .. दामिनी अपराधी को पुलिस वेन मे डलवाकर बाहर से ताला लगवा देती है और खुद अंदर थाने में आ जाती है । अभय से कहा चलो अभय अंदर बैठते हैं । दामिनी अपने ऑफिस में आकर बैठ गयी ..उसने अपने सीनीयर को फोन पर बताया ..सर ..कल्लू खान को पकड़ लिया है .. उधर से सीनीयर ऑफिसर ने कहा अभी वही रखो ..हरियाणा पुलिस को हैंडओवर करना है ..वे थोड़ी देर मे आ जायेंगे .. आप कागजी कार्रवाई पूरी कर लेना फिर हैंडओवर करना ..ठीक है सर .. दामिनी ने फोन रख दिया .. अपने जूनियर को फोन कर ऑफिस मे बुलाया और कहा ..जब तक हरियाणा पुलिस नही आ जाती तब तक यह हमारे पास रहेगा । आप दो सिपाही गाड़ी के पास लगा दो .. ओके मेडम कहकर वह बाहर चला गया .. । अभय अपनी पत्नी दामिनी को वर्दी मे इस रूप में देखकर मन ही मन खुश हो रहा है । तभी दामिनी बोली हांजी मेरे फौजी पति ..जोखिम मे आप ही नही रहते हम भी रहते हैं । अभय ने कहा एक बात कहूं दामिनी ! हमारी ट्रेनिंग और आपकी ट्रेनिंग मे बहुत फर्क है ..गोली की आवाज सुनकर आपके पुलिस वाले सारे बाहर झुंड बनाकर खड़े हो गये .. यदि उन पर हथगोला या फायर होजाता तो ? दामिनी मुस्कुराकर बोली .. हम पुलिस वालो मे ओर फौजियो मे कुछ अंतर भी तो होना चाहिए। देखो अभय! आपका सामना एक ट्रेंड दुश्मन से होता है । हमारा इन अनट्रेंड अपराधियों से , दामिनी कुछ ओर कहती तभी बाहर से आवाज आई..सर अब चाय बोल दूं ..अभय ने हंसकर कहा ..हां हां बोल दीजिए ..