ZINDGI -KUCH HASEEN KUCH GAMGEEN book and story is written by Nilakshi Vashishth in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ZINDGI -KUCH HASEEN KUCH GAMGEEN is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जिंदगी कुछ हसीं कुछ ग़मगीन - उपन्यास
Nilakshi Vashishth
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
हेलो रीडर्स, ये मेरी पहली कहानी हैं .या यु कहु की मेरी अपनी कहानी इस कहानी को लिखने का मेरा मकसद किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना नहीं बल्कि जो मेरे दिल में सैलाब अक्सर उमड़ता हैं उसको भ देने से हैं. अगर कुछ गालिया हो जाये तो माफ़ कीजियेगा पर आपको ये कहानी पसंद जरूर आएगी इतना म जरूर कह सकती हु. अब शुरू करते हैं शुरू से....... कहानी की नायिका का नाम हैं ----- कनिका कनिका का जनम १९९५ में हुआ था ... एक भोत ही नार्मल सी फॅमिली मिडिल क्लास लोग जिसमे उसकी माँ , उसके पापा
हेलो रीडर्स, ये मेरी पहली कहानी हैं .या यु कहु की मेरी अपनी कहानी इस कहानी को लिखने का मेरा मकसद किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना नहीं बल्कि जो मेरे दिल में सैलाब अक्सर उमड़ता हैं उसको ...और पढ़ेदेने से हैं. अगर कुछ गालिया हो जाये तो माफ़ कीजियेगा पर आपको ये कहानी पसंद जरूर आएगी इतना म जरूर कह सकती हु. अब शुरू करते हैं शुरू से....... कहानी की नायिका का नाम हैं ----- कनिका कनिका का जनम १९९५ में हुआ था ... एक भोत ही नार्मल सी फॅमिली मिडिल क्लास लोग जिसमे उसकी माँ , उसके पापा
पिछले अंक मैं आपने पढ़ा कैसे कनिका इतनी डर गयी...अब क्या होगा अब पढ़िए aage माँ को पता चल चूका था की मां मेरे साथ गलत काम करते हैं मैं भोत ज्यादा डर गयी की अब पापा को पताचलेगा ...और पढ़ेपापा तो मुझे मार ही डालेगे/// पर माँ ने ऐसा कुछ भी नहीं किया उन्होंने पापा को कुछ भी नहीं बताया बल्कि उन्होंने पापा के दोस्त जो हमारे घर आते थे उन्हें सब कुछ बताया क्योकि वही थे जो सब समज़ते थे वो सिर्फ पापा क दोस्त नहीं हम सबके गाइड भी थे जो हमें सिखाते थे जब हमारे अपने
पिछले अंक में आपने पढ़ा की कैसे इतनी मुश्किलों का सामना कर क भी कनिका का पूरा परिवार साथ खड़ा हुआ था और इसमें जिसने सबसे ज्यादा साथ दिया वो थे अंकल जी ..........अब आगे कनिका का परिवार ...और पढ़ेधीरे साडी मुश्किलें उठाकर आगे बढ़ रहा था ... धीरे धीरे उन्होंने खुद को संभालना सीख लिया था अब तक कनिका भी अपने यौवन की देहलीज़ पर कदम रख चुकी थी और ये उसे तब पता चला जब वो अपने ही टूशन में आने वाल्के एक लड़के को पसंद करने लगी / तरुण वर्मा ---- है यही नाम था उसका तरुण