FEW- Find Eternity Within book and story is written by Sanjay V Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. FEW- Find Eternity Within is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - उपन्यास
Sanjay V Shah
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन A collection of liveable thoughts © Sanjay V. Shah प्रथम संस्करण जनवरी, 2019 मूल्य 80.00 डिजाइन, प्रकाशक मांगरोल मल्टीमीडिया लिमिटेड बी-603, सहयोग अपार्टमेंट, एस. वी. रोड, सेंट्रल बैंक के ऊपर, कांदिवली (प), मुंबई - 400 067 www.mangrol.in info@mangrol.com वितरक मुद्रक १) रोने ना दीजिएगा, तो गाया ना जाएगा - समीर जीवन मिलते ही पहला काम क्या करना होता है? रोना पड़ता है। जो रोया नहीं, वो जिंदा नहीं। आँसू और आस, दोनों शब्दों में समानता भी तो है। लेकिन कितना रोएंगे, कब रोएंगे,
फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन A collection of liveable thoughts © Sanjay V. Shah प्रथम संस्करण जनवरी, 2019 मूल्य 80.00 डिजाइन, प्रकाशक मांगरोल मल्टीमीडिया लिमिटेड बी-603, सहयोग अपार्टमेंट, ...और पढ़ेवी. रोड, सेंट्रल बैंक के ऊपर, कांदिवली (प), मुंबई - 400 067 www.mangrol.in info@mangrol.com वितरक मुद्रक १) रोने ना दीजिएगा, तो गाया ना जाएगा - समीर जीवन मिलते ही पहला काम क्या करना होता है? रोना पड़ता है। जो रोया नहीं, वो जिंदा नहीं। आँसू और आस, दोनों शब्दों में समानता भी तो है। लेकिन कितना रोएंगे, कब रोएंगे,
५) नदी कभी अपना पानी नहीं पीती। कोई वृक्ष अपने फल नहीं खाता। बारिश की वजह से जो दाने उगते हैं, वो दूसरों के काम आते हैं। फिर इंसान क्यूँ चाहता है कि उसने जो कुछ पाया है, वो ...और पढ़ेका सारा सिर्फ उसी के भोग-विलास के लिए उपयोग में आए। ताज्जुब की बात है, इसी इंसान के जीवन को सँवारने का कार्य शिक्षक करता है। शिक्षक वो है, जो ज्ञान तो बहुत बांटता है, पर बदले में पाता बहुत कम है। अब दुनिया में ऐसे व्यवसाय बहुत कम रह गये हैं, जो देना सिखाते हैं। कोई बात नहीं, इंसान
११) मैं सब कुछ जानता हूँ। जो ऐसा कहता है, उसे थोड़ी-सी जानकारी की ताकत का पता नहीं होता है। थोड़ा-सा ज्ञान अत्याधिक ज्ञान से कहीं बढ़कर है। सचिन सिर्फ क्रिकेट की दुनिया के बादशाह हैं। पिकासो के पास ...और पढ़ेपेन्टिंग बनाने की कला है। जानकारी के पीछे भाग रही दुनिया में ऐसे कई दृष्टांत हैं। थोड़ा-सा जानना, उसे पूरी तरह जानना, उसमें श्रेष्ठता हासिल करना। सफलता की सबसे सच्ची कुंजी ये ही है। किसी क्षेत्र का इतना ज्ञान पा लें, जो सम्पूर्ण लगे, वो भी गलत है। जीवन से बड़ा विद्यालय कोई नहीं। इस विद्यालय की किताब का नाम
१८) जितनी उंगलियाँ, उतनी अंगूठियाँ। घर से निकले तो मुहूर्त देखना, किसी भी काम को प्रारम्भ करने के लिए खुद पर नहीं, न्यूमरोलॉजिस्ट पर ज़्यादा भरोसा रखना। लोगों को ये क्या हो गया है? किस्मत टटोलने, खोलने, बदलने वाले ...और पढ़ेअपनी जगह पर हैं और किस्मत बदलने के लिए कर्मप्रवृत्त होना दूसरी बात है। वैसे देखें तो कौन-सी अंगूठी पहनें, या पहले दायाँ कदम उठाएँ या बायाँ, ये पूछने का कष्ट उठाना भी तो कर्म ही है। कर्म करेंगे तो कम त्रस्त होंगे। किस्मत की क्लीनिंग कर सकने वाली कई लॉन्ड्री भगवान ने नहीं बनाई है। सफल, सुखी और संतुष्ट
26) दिन भर बारहों घंटे बोलते रहना आसान है, लेकिन बारह मिनट सुनना निहायत कठिन है। बोलने की क्रिया में बुद्धि की कोई विशेष भूमिका नहीं होती। बोलना एक मस्ती है, जबकि किसी को सुनना एक शक्ति है। ...और पढ़ेका उपयोग शस्त्र की तरह हो, इसकी किसे चिन्ता है? दूसरे की बात को बीच में ही काटकर अपनी वाक्यधार की गंगा बहाते रहना अधिकांश लोगों का शगल है। लेकिन यह अच्छी आदत नहीं है। दुनिया में जिन व्यक्तियों ने कुछ उल्लेखनीय कार्य किया है, उन महापुरुषों व विद्वानों के उदाहरण देखें। ये सभी जितना आवश्यक होता था, मात्र उतना ही