pooja लिखित उपन्यास मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता....

मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता.... द्वारा  pooja in Hindi Novels
"तुमने कमल के पत्तों पर गिरी ओस देखी है कभी? अच्छी लगती है कितनी। है न?" नीलाभ ने पूछा।"नहीं, कभी देखी नहीं, क्योंकि वह...
मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता.... द्वारा  pooja in Hindi Novels
"मैं तुमसे अब नहीं मिल पाऊंगा," कहते हुए नीलाभ को लगा मानो उसके स्वर में कांटों की बाड़ उग आई है। कहना इतना तकलीफदेह है...