Tu Hi Hai Aashiqui book and story is written by Vijay Sanga in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tu Hi Hai Aashiqui is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तू ही है आशिकी - उपन्यास
Vijay Sanga
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
कौन है ये अर्जुन दीक्षित?
दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...
एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा रहा होता है की तभी उसका ध्यान उसके पीछे चल रही कार पर जाता है। वो नोटिस करता है की वो कार बहुत देर से उसको फॉलो कर रही थी।
वो लड़का बाइक की स्पीड कम करता तो वो उस कार की भी स्पीड कम हो जाती, और जैसे ही स्पीड बढ़ता तो उस कार की भी स्पीड बढ़ती ।
आगे सिग्नल पर रेड लाइट होने की वजह से वो लड़का बाइक रोक लेता है । लेकिन उसका पीछा कर रहा कार वाला कार रोकने की बजाए कार की स्पीड बढ़ा कर उस लड़के की तरफ तेजी से बढ़ने लगता है ।
भाग 1कौन है ये अर्जुन दीक्षित?दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा रहा होता है की तभी उसका ध्यान उसके पीछे चल रही कार पर जाता है। वो नोटिस करता है की ...और पढ़ेकार बहुत देर से उसको फॉलो कर रही थी। वो लड़का बाइक की स्पीड कम करता तो वो उस कार की भी स्पीड कम हो जाती, और जैसे ही स्पीड बढ़ता तो उस कार की भी स्पीड बढ़ती । आगे सिग्नल पर रेड लाइट होने की वजह से वो लड़का बाइक रोक लेता है । लेकिन उसका पीछा कर रहा
पिछले भाग में आपने पढ़ा , कैंटीन मे जब अर्जुन कुछ लड़कों को अपनी बहन के बारे मे उल्टी सीधी बात करते हुए सुनता है तो वो अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाता । वो उन लड़कों को ...और पढ़ेतरह से मारने लगता है । वहीं मौजूद एक लड़का भागता हुआ प्रिंसिपल के पास जाता है और उन्हें सब कुछ बता देता है। प्रिंसिपल को ये जानकर बहुत गुस्सा आता है की उनके कॉलेज मे स्टूडेंट्स के बीच लड़ाई हो रही है । वो अपने कॉलेज मे लड़ाई झगड़ा बिल्कुल बर्दाश नही करते थे।अब आगे ,कुछ ही देर मे
कस्टमर का अपने चाचा को ऐसे चिल्लाने की वजह से अर्जुन को उस कस्टमर पर गुस्सा आने लगा था । अगर उस समय वो कस्टमर वहां पर होता तो अर्जुन उसको जरूर सबक सिखाता ।अर्जुन के चाचा जैसे ही ...और पढ़ेसे बात करने के बाद फोन रखते हैं, अर्जुन उनको देखते हुए कहता है, “ठीक है चाचा जी आप मुझे उस कस्टमर का पता दे दीजिए मैं उनकी गाड़ी पहुंचा कर आता हूं।” अर्जुन के चाचा उसको इतने गुस्से में देख कर चाभी देना तो नही चाहते थे , लेकिन फिर भी उन्होंने उसको चाभी देकर समझाते हुए कहा, “बेटा