Pichhal Pari book and story is written by भूपेंद्र सिंह in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pichhal Pari is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पिछल परी - उपन्यास
भूपेंद्र सिंह
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
रात का वक्त है। आसमान में कुछ कुछ तारे टिमटिमाते हुए नज़र आ रहे हैं जो काले आसमान में जल रहे दिए जैसे लग रहे हैं। रात हो चुकी है। चारों और से काले और डरावने भयानक जंगलों से घिरा हुआ बहुत ही भयानक सा गांव है जारनियाबाद। इसी गांव के एक छोटे से ढाबे के अंदर तीन दोस्त विजय, मोंटी और उनकी सहेली मोनिका बैठे हुए है और किसी का इंतजार कर रहे हैं। विजय और मोंटी दोनों सगे भाई हैं। मोनिका उनकी मौसी की लड़की है। विजय की उम्र 16 साल है। मोंटी की उम्र 15 साल है तो मोनिका की उम्र भी लगभग 16 साल की होगी। वे तीनों एक टक सड़क की और देख रहे हैं जैसे किसी का इंतजार कर रहे हों।
रात का वक्त है। आसमान में कुछ कुछ तारे टिमटिमाते हुए नज़र आ रहे हैं जो काले आसमान में जल रहे दिए जैसे लग रहे हैं। रात हो चुकी है। चारों और से काले और डरावने भयानक जंगलों से ...और पढ़ेहुआ बहुत ही भयानक सा गांव है जारनियाबाद। इसी गांव के एक छोटे से ढाबे के अंदर तीन दोस्त विजय, मोंटी और उनकी सहेली मोनिका बैठे हुए है और किसी का इंतजार कर रहे हैं। विजय और मोंटी दोनों सगे भाई हैं। मोनिका उनकी मौसी की लड़की है। विजय की उम्र 16 साल है। मोंटी की उम्र 15 साल है
नानी की नज़र अचानक से ही दरवाजे पर पड़ गई जिस जगह खड़ा होकर रॉकी सारी बातें चुपचाप सुन रहा था। नानी को अपनी और देखकर रॉकी तेजी से दीवार के पीछे छिप गया। चौकीदार नानी की और देखते ...और पढ़ेबोला , क्या हुआ मालकिन सब ठीक तो है ना? आप उस और ऐसे क्यों देख रही हैं वहां पर तो कोई भी नहीं है।नानी अपने होठों पर अंगुली रखकर चौकीदार को चुप रहने का इशारा करने लगी और चौकीदार भी थोड़ा सा भयभीत होकर खामोश हो गया। नानी ने धीरे धीरे अपने कदम उस और बढ़ा दिए जिस जगह