Tu meri Mohabbat ho book and story is written by Muskan Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tu meri Mohabbat ho is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तूं मेरी मोहब्बत हों ?? - उपन्यास
Muskan Gupta
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
सर प्लीज मुझे छोड़ दिजिए...! मैं आज के बाद कभी ऐसा नहीं करुंगा...!!
अंधेरी काली रात में शहर के बाहर बंद पड़ी फेक्ट्री में कुछ लोग एक आदमी के पीछे खड़े थे....!! वो आदमी ब्लैक रंग के थ्री पीस सूट में खड़ा था....! हाथ में गोल्ड की घड़ी जिसके किनारे शायद डायमंड लगें हुए थे....!! आंखों पर काला चश्मा और बाल बिलकुल अपनी जगहा पर सेट थे...!! उस आदमी के चेहरे पर शैतानी मुस्कान छाई हुई थी...!! उसके पीछे खड़े तीन चार आदमियों का भी लग भग यही लुक था...! कुछ आदमी उसके सामने भी खड़े थे और एक जमीन पर घुटनों के बल बैठा हुआ उसके सामने हाथ जोड़े था...!! उसके सर पर हाथ और चेहरे पर काई चोटे लगी हुई थी...! वो उस इंसान के सामने गिड़गिड़ा रहा था और बहुत ज्यादा रो रहा था....!!
सर प्लीज मुझे छोड़ दिजिए...! मैं आज के बाद कभी ऐसा नहीं करुंगा...!! अंधेरी काली रात में शहर के बाहर बंद पड़ी फेक्ट्री में कुछ लोग एक आदमी के पीछे खड़े थे....!! वो आदमी ब्लैक रंग के थ्री पीस ...और पढ़ेमें खड़ा था....! हाथ में गोल्ड की घड़ी जिसके किनारे शायद डायमंड लगें हुए थे....!! आंखों पर काला चश्मा और बाल बिलकुल अपनी जगहा पर सेट थे...!! उस आदमी के चेहरे पर शैतानी मुस्कान छाई हुई थी...!! उसके पीछे खड़े तीन चार आदमियों का भी लग भग यही लुक था...! कुछ आदमी उसके सामने भी खड़े थे और एक जमीन
पुणे..... महाराष्ट्रा के जाने माने शहरों में से एक है...! बड़े शहरों में क्या दिन क्या रात सब एक बात ही होती है....! यहां की बड़ी बड़ी इमारतें रोड़ पर आती जाती गाडियां जो कभी किसी के लिए नहीं ...और पढ़ेहै....!! रात का वक्त था...!! जंगल के उस सुनसान रास्ते पर कुछ एक दो ही गाड़ी रोड़ पर दोढ़ रही थी...!! उसी ही मैं एक ब्लैक रंग की मसीडिस कार अपने तेज रफ्तार में रोड़ पर हवा से बातें करते हुए अपनी मंजिल पर जा रही थी....!!! जी...!! मिस्टर देशमुख...!! जी..! जी...! जरुर...!! अभी तो मैं एक मीटिंग के लिए
संस्कृति हॉस्पिटल... ( काल्पनिक नाम ) पुणे शहर के बड़े – बड़े हॉस्पिटल में इसका नाम लिया जाता है...!! इस हॉस्पिटल का ऑनर और ट्रस्टी... जो इस हॉस्पिटल का ही किंग नहीं बल्कि पुणे शहर का डेविल किंग था...!! ...और पढ़ेनाम ही नहीं सिर्फ डेविल था बल्कि वो सच्च में डेविल था...!! किसी को बर्बाद करना उसके लिए बड़ी बात नहीं थी...!! वो रातों रात किसकी लाइफ बर्बाद या संवारने की छमता रखता था....!! उसके मर्जी के बिना इस शहर के बाहर कोई नहीं जा सकता था...!! वो और कोई नहीं बल्कि इस शहर का ही नहीं बल्कि इंडिया का
समर्थ कुछ देर बाद वॉर्ड में चला जाता है....!! वो देखता है कि वो लड़की बेहोश थी तो वो वहीं पास में खड़ी नर्स से पूछ कि वो बेहोश क्यों है...!! नर्स : वो बहुत कमज़ोर थी...! लगता है ...और पढ़ेबहुत दिनों से इन्हे खाना नहीं मिला था...! इसलिए डॉक्टर ने इनको बेहोशी का इंजेक्शन दिया है जिससे ये आराम से सोती रहें....!! नर्स ये बोल कर वहां से चलीं जाती है....!! समर्थ उस लड़की के वॉर्ड के बाहर खड़ा था.....! वो वहीं कोरिडोर मे इधर उधर टेहलने लगता है....! और कुछ देर बाद वहीं बेंच पर बैठे बैठे सो
समर्थ हैरानी से उसको देखते हुए बोला : क्या सच्च में आप मुझे नहीं पहचानें पा रही है...!! वो लड़की अपनी मासुमियत में धीरे से ना में सर हिला देती है....!! क्या आपको अपना नाम भी याद नहीं है ...और पढ़ेवो फिर ना में सर हिला देती है...!! आपका नाम इशाना गुप्ता हैं...! क्या आप ये भी भूल गईं...!! इशाना गुप्ता...! वो धीरे से अपनी आंखें बड़ी करते हुए बोली...!! आप अपने दिमाग पर जोर डालिए सब कुछ याद आ जाएगा...!! एक बार कोशिश तो करो इशाना...!! समर्थ इशाना के कन्धे को पकड़ते हुए बोला...!! मेरा नाम इशाना है...! मुझे