Mout ya Mohabbat book and story is written by Huda in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mout ya Mohabbat is also popular in थ्रिलर in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कयामत से कम नहीं था ये मंजर , जब चारों तरफ आग और दहशत का बोल बाला था , ना यही कोई किसी का हमदर्द ,, ना ही आज कोई साथ देने वाला था । चारों तरफ मौत का ...और पढ़ेफैला था , उसने जब खून से रंग खेला था , कोई नही था उन जालिमों को रोकने वाला , हर तरफ लड़कियां बन रही थी , इन वेहशियो का निवाला । । कहते हैं है रात के बाद सुबह का सूरज निकलता है और सही कहते हैं आजमगढ़ में सूरज आज भी अपने वक्त पर निकला ना एक मिनट
डॉक्टर हुदा की बात सुन उस लड़की की आंखों से आंसू लुढ़क गए उसने अपनी उदासी भरी आवाज़ में कहा , " मलाइका । " हुदा के चेहरे पर मुस्कान आ गई । अभी वो दोनो बात ही कर ...और पढ़ेथे की तभी पुलिस की पूरी टीम एंटर हुए और उनके बीच मिस्टर अब्बास आए और उन्होंने मलाइका के सिर पर हाथ रखते हुए कहा , " तुम्हारे गांव को तो हम बचा ना सके लेकिन आगे कोई और गांव ऐसे बर्बाद ना हो इसके लिए मुझे सच जानना जरूरी है बेटा । क्या हुआ था उस दिन । "
मंजू अलमारी में वह कागज़ रख रही थी कि तभी उसके कानों में एक आवाज आई मंजू जल्दी से खाना खा ले उसके बाद हम दोनों खेलने चलेंगे गांव वाले सभी सर्कस देखने गए हैं मेरे पास पैसे नहीं ...और पढ़ेकि मैं तुझे सर्कस दिखा कर लाऊं लेकिन मैं तेरे साथ खेल खेलूंगी क्या यह काफी होगा कि आज हम 1 घंटे से ज्यादा 2 घंटे खेलेंगे । मंजू खुशी से चिल्ला उठी और " बोली मेरे लिए तो मेरा सर्कस मेरा खेल ही है लीला मैं तुम्हारे साथ खेलेगी लेकिन बहुत देर तक क्योंकि गांव वाले सर्कस देखने गए