Satyavadi Harishchandra book and story is written by ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙ in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Satyavadi Harishchandra is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सत्यवादी हरिश्चंद्र - उपन्यास ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙ द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 6.9k Downloads 15k Views 1 Likes Writen by ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचार ऐसे गुण हैं, जिन्हें सहज भाव से अपनानेवाला मानव भी देवताओं की श्रेणी से उत्तम स्थान प्राप्त कर सकता है। ऐसा पुण्यवान् मानव मात्र अपने कर्तव्य-धर्म का पालन करते हुए ही सप्तर्षियों में स्थान पानेवाले महान् तपस्वी महर्षि विश्वामित्र का अहंकार चूर कर सकता है...यहाँ तक कि सहस्र कोटि पुण्य करके देवराज के दिव्य पद को पानेवाले देवलोक के सिंहासन तक भी हिला सकता है। युगों की गणना में प्रथम स्थान पर स्मरण किए जानेवाले सतयुग में ऐसा घटित हो चुका है और ऐसा करनेवाले थे—सूर्यवंश के प्रतापी राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र। जब राजा हरिश्चंद्र के नाम-यश की चर्चा होती है तो उनके नाम-यश के साथ यदि ‘सत्यवादी’ शब्द का प्रयोग न किया जाए तो प्रतीत होता है कि इतिहास के किसी अन्य राजा का वर्णन किया जा रहा है। इसके विपरीत यदि केवल ‘सत्यवादी’ राजा का वर्णन हो तो स्पष्ट संकेत सतयुग के राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र की ओर ही हो रहा प्रतीत होता है। यहाँ तक कि सूर्यवंशी राजा हरिश्चंद्र और शब्द ‘सत्यवादी’ एक-दूसरे के पर्याय बन गए, लगते हैं। ऐसा हुआ राजा हरिश्चंद्र के द्वारा सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचरण जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारने में। सत्यवादी हरिश्चंद्र ने अपने शयनकक्ष में केवल एक स्वप्न देखा और उस स्वप्न में दिए गए वचन की लाज रखने के लिए उन्होंने अपने राज्य का परित्याग कर दिया, अपनी प्रिय रानी तारामती और पुत्र रोहिताश्व को ही नहीं, अपितु स्वयं को भी काशी के बाजार में बेच दिया। इतना होने पर भी उन्होंने सत्य और सदाचरण के गुणों का त्याग नहीं किया तथा शाश्वत धर्म पर अटल रहते हुए अपने कर्तव्य को ही सर्वोपरि माना। राजा हरिश्चंद्र के इन्हीं गुणों के कारण उनकी परीक्षा लेनेवाले महर्षि विश्वामित्र को अंततः कहना पड़ा, ‘‘सत्यवादी हरिश्चंद्र! मैं हार गया। तुम और तुम्हारा सत्यव्रत जीत गया।’’ More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> Novels सत्यवादी हरिश्चंद्र - 1 New सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचार ऐसे गुण हैं, जिन्हें सहज भाव से अपनानेवाला मानव भी देवताओं की श्रेणी से उत्तम स्थान प्राप्त... Read Free Novels सत्यवादी हरिश्चंद्र - 2 - स्वप्न-दान New ..स्वप्न-दान.. ‘‘सावधान! महातेजस्वी रघुकुल शिरोमणि दानवीर, शूरवीर, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र दरबार में पधार रहे हैं।’’ इस... Read Free Novels सत्यवादी हरिश्चंद्र - 3 - राज्य का परित्याग New राज्य का परित्यागसमय बीतता गया और दान, धर्म, सत्य एवं न्याय के परिप्रेक्ष्य में राजा हरिश्चंद्र की कीर्ति दिनोदिन बढ़ती... Read Free //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>